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राजस्‍थान चुनावः जैसलमेर ऐसी टीशर्ट पहनकर घूम रहे हैं लोग, बीजेपी-कांग्रेस दोनों की सिट्टी-पिट्टी गुम

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: December 1, 2018 18:28 IST

अभियान के तहत जैसलमेर शहर और आसपास के इलाकों में लोग 'वोट फॉर नोटा' लिखी पर्चियां बांट रहे हैं तो कुछ लोग इस मुहिम के समर्थन में नारे लिखी हुई टीशर्ट पहनकर घूम रहे हैं.

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राजस्थान के जैसलमेर में धुआंधार चुनाव प्रचार के बीच 'जाति एवं धर्म आधारित राजनीति' के विरोध में कुछ स्थानीय लोगों द्वारा चलाए जा रहे 'वोट फॉर नोटा' अभियान की भी खूब चर्चा है. इससे मुख्य पार्टियों खासकर भाजपा और कांग्रेस के लिए थोड़ी असहज स्थिति पैदा हो गई है.

इस अभियान को चला रहे लोग मतदाताओं से किसी भी राजनीतिक दल को वोट नहीं करने और नोटा का बटन दबाने की अपील कर रहे हैं. अभियान के तहत जैसलमेर शहर और आसपास के इलाकों में लोग 'वोट फॉर नोटा' लिखी पर्चियां बांट रहे हैं तो कुछ लोग इस मुहिम के समर्थन में नारे लिखी हुई टीशर्ट पहनकर घूम रहे हैं.

यही नहीं, यूट्यूब और सोशल मीडिया के विभिन्न मंचों के माध्यम से भी लोगों तक इस अभियान को पहुंचाने की कोशिश हो रही है.'वोट फॉर नोटा' अभियान की शुरुआत कुछ हफ्ते पहले स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता विमल गोपा ने की थी. शुरू में इस अभियान से एससी-एसटी कानून के मामले में राजनीतिक दलों का रुख करनेवाले कुछ लोग जुड़े थे, लेकिन धीरे-धीरे इसका दायरा बढ़ गया और समाज के अलग-अलग तबकों के लोग अपने-अपने मुद्दों को लेकर इसका हिस्सा बन गए.

विमल गोपा का दावा है कि सात दिसंबर को होने वाले मतदान से एक हफ्ते पहले तक इस अभियान से पांच हजार से अधिक लोग जुड़ गए थे और यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. गोपा ने कहा, ''कुछ लोग यह प्रचारित कर रहे हैं कि इस अभियान से एससी-एसटी कानून के दुरुपयोग का विरोध करनेवाले जुड़े हैं, जबकि ऐसा नहीं हैं.''

उन्होंने कहा, ''जैसलमेर के लोगों का राजनीतिक दलों को यह संदेश देने का छोटा सा प्रयास है कि जाति एवं धर्म आधारित राजनीति का विरोध होगा, इसलिए वे विकास के मुद्दों की राजनीति करें.'' पांच हजार से अधिक लोग अभियान से जुड़े गोपा ने कहा, ''अभी हमारे पास जो आंकड़े हैं उसके मुताबिक पांच हजार से अधिक लोग इस अभियान से जुड़ चुके हैं. यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.''

इस अभियान के कारण जैसलमेर एवं पोकरण विधानसभा सीटों को जीतने के लिए पूरी ताकत लगा रही भाजपा और कांग्रेस थोड़ी असहज नजर आ रही हैं. ऐसे में भाजपा ने इस अभियान से जुड़े लोगों के साथ गत गुरुवार को एक बैठक कर उन्हें मनाने की कोशिश की थी, हालांकि इसका कोई नतीजा नहीं निकला. नोटा का बदन दबाना कोई समाधान नहीं जैसलमेर की भाजपा इकाई के अध्यक्ष जुगल किशोर ने कहा, ''हम इन लोगों से यह कह रहे हैं कि नोटा का बदन दबाना कोई समाधान नहीं है.

हमने इन लोगों से मुलाकात की है. आशा है कि ये लोग भाजपा के पक्ष में अपनी मत देंगे.'' भाजपा की राजनीति को खारिज कर रहे लोग जैसलमेर युवा कांग्रेस के अध्यक्ष विकास व्यास ने भाजपा पर जाति एवं धर्म की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा,''लोग भाजपा की राजनीति को खारिज कर रहे हैं. हम आशा करते हैं ये सारे लोग आखिर में कांग्रेस की तरफ रुख करेंगे.''

टॅग्स :विधानसभा चुनावराजस्‍थान चुनाव
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