विशाखापट्टनम में नहीं हुई फिर से कोई गैस लीकेज की घटना, गुजरात से लाया गया PTBC केमिकल, जानें इस हादसे के अब-तक के अपडेट
By पल्लवी कुमारी | Published: May 8, 2020 07:33 AM2020-05-08T07:33:49+5:302020-05-08T07:33:49+5:30
विशाखापट्टनम गैस लीकेज की घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिनों गृह मंत्रालय और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों से साथ बैठक की थी। पीएम मोदी ने ट्वीट किया, 'मैं विशाखापट्टनम में सभी की सुरक्षा और कुशलता के लिए प्रार्थना करता हूं।'
विशाखापट्टनम: आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम की एलजी पॉलिमर फैक्ट्री में आज (8 मई) फिर से कोई गैस लीकेज की घटना नहीं हुई है। हालांकि कुछ मीडियो रिपोर्ट में दावा किया गया था कि गैस लीक उसी टैंकर से हुई, जिससे 7 मई को गैस रिसाव हुआ था। इस मामले पर NDRF के डीजी एस. एन. प्रधान जानकारी देते हुए कहा है, मीडिया में अफवाहें चल रही है कि आज(8 मई) फिर से लीकेज हुआ है तो मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है। गैस लीकेज को निष्क्रिय करने की प्रक्रिया है इसमें थोड़े फ्यूम्स निकलते हैं जो कि कैंपस के आस-पास रहता है, इसे ये आकलन कर लेना की फिर से लीकेज हुआ है तो सरासर गलत है। मैं मीडिया से अपील करूंगा कि इस तरह की गलत अफवाह न फैलाएं जिससे लोगों में भ्रम फैले।
#WATCH — There are rumours in some section of media about a second gas leakage let me categorically place on record that there is no such second leakage: SN Pradhan, Director General of National Disaster Response Force (NDRF) #VizagGasLeakagepic.twitter.com/I1t8jY5dLw
— ANI (@ANI) May 8, 2020
विशाखापट्टनम गैस लीक में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 11 लोगों की मौत हो गई और एक हजार लोग प्रभावित हुए हैं। दुर्घटना से होने वाली मौतों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि कम से कम 20 लोग वेंटिलेटर पर रखे गए हैं।
10 more fire tenders, including 2 foam tenders, are present at the spot. Ambulances are ready for any emergency: Visakhapatnam District Fire Officer Sandeep Anand #AndhraPradeshhttps://t.co/ZCZCTROlCY
— ANI (@ANI) May 7, 2020
विशाखापट्टनम गैस लीक: गुजरात से बुलाया गया PTBC
गैस को निष्क्रिय करने के लिए 7 मई की देर रात गुजरात से पैरा-टर्शरी ब्यूटाइल कैटेकोल (PTBC) लाया गया है। विशाखापट्टनम एयरपोर्ट के डायरेक्टर राज किशोर ने ANI को बताया कि 7 मई की रात साढ़े दस बजे एयर इंडिया की फ्लाइट PTBC केमिकल के साथ हवाईअड्डे पर आई थी। जिसमें 9 लोग भी थे। रात को ही PTBC केमिकल के साथ 9 लोगों की टीम घटनास्थल के लिए रवाना हो गई थी।
PTBC chemical reaches Vishakhapatnam to neutralise impact of styrene gas leakage
— ANI Digital (@ani_digital) May 7, 2020
Read @ANI Story | https://t.co/jErHU9sVZapic.twitter.com/PO64FPUllw
PTBC केमिकल साउथ गुजरात में बनाया जाता है, जो किसी भी गैस लीकेज को रोकने में मदद करता है और निष्क्रिय करता है। एनडीआरएफ के महानिदेशक एस एन प्रधान ने कहा कि जब तक रिसाव को पूरी तरह बंद नहीं कर दिया जाता तब तक एनडीआरएफ कर्मी दुर्घटनास्थल पर मौजूद रहेंगे।
जानिए क्या है स्टाइरीन गैस और क्या होता है इसका असर
विशाखापट्टनम के पास गोपालपत्तनम के तहत आने वाले आर आर वेंकटपुरम गांव में स्थित ‘एलजी पॉलिमर्स लिमिटेड’ के संयंत्र से स्टाइरीन गैस का रिसाव बुधवार (6 मई) देर रात करीब ढाई बजे शुरू हुआ, जिसके कुछ घंटों बाद कई लोग सड़क किनारे और नालों के पास बेहोशी की हालत में पड़े मिले।
स्टाइरीन एक जहरीली गैस नहीं है और ज्यादा मात्रा में सांस के जरिए शरीर के भीतर जाने पर ही जानलेवा हो सकती है। स्टाइरीन का इस्तेमाल सिंथेटिक रबर और रेजिन बनाने में किया जाता है।
जब रिसाव हुआ तब स्टोरेज टैंक में 1,800 टन स्टाइरीन मौजूद थी। इस गैस का इस्तेमाल पोलिस्टरीन प्लास्टिक, फाइबर ग्लास, रबर और लेटेक्स बनाने में किया जाता है। स्टाइरीन गैस स्नायु तंत्र, गले, त्वचा, आंखों और शरीर के कुछ अन्य भागों पर प्रभाव डालती है।
मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने मृतकों के परिवार को एक-एक करोड़ रुपये देने का किया ऐलान, जांच के आदेश
मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने विशाखापट्टनम में एक फार्मा कंपनी से गैस रिसाव की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिवार को एक-एक करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि देने का भी ऐलान किया।
प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) डी गौतम स्वांग ने बताया कि मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। सवांग ने कहा, "गैस कैसे लीक हुई और संयंत्र में न्यूट्रलाइजर रिसाव को रोकने में क्यों कारगर साबित नहीं हुआ, इसकी जांच की जाएगी।
फैक्ट्री को लॉकडाउन के बाद खोला जाना था
राज्य के उद्योग मंत्री मेकपति गौतम रेड्डी ने कहा कि एल जी पॉलीमर इकाई को लॉकडाउन के बाद खोला जाना था। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार रसायन को निष्प्रभावी करने के लिए विमान द्वारा गुजरात से पांच सौ किलोग्राम प्रावरोधक मंगाएगी। सूत्रों ने बताया कि संयंत्र में बीस कर्मचारी सुरक्षा नियमों से भली भांति परिचित थे और उन्होंने उचित कदम उठाए जिसके चलते उन्हें कोई नुकसान नहीं हुआ।
ग्रेटर विशाखापट्टनम नगर निगम ने गैस के प्रभाव से बचने के लिए ट्विटर पर परामर्श जारी करते हुए लोगों से गीले मास्क पहनने, केले खाने और दूध का सेवन करने की सलाह दी। संयंत्र का संचालन करने वाली दक्षिण कोरियाई फर्म एल जी केम ने कहा है कि वह स्थानीय निवासियों और कर्मचारियों की सहायता के लिए भारतीय अधिकारियों के साथ सहयोग कर रही है। कंपनी ने कहा कि दुर्घटना में उसका कोई कर्मचारी हताहत नहीं हुआ।
जानें उस कंपनी के बारे में जहां, गैस लीकेज की घटना हुई?
हिंदुस्तान पॉलिमर कंपनी की स्थापना 1961 में हुई थी। लेकिन 1997 में कंपनी को साउथ कोरिया के एलजी केमिकल ने खरीद लिया था और इसे एलजी पॉलिमर नाम दिया गया था। प्लांट में प्लास्टिक बनाने का काम होता है।