Canada Temple Attack: कनाडा के मंदिर में हुई हिंसा, PM ट्रूडो ने घटना को अस्वीकार्य बताया

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 4, 2024 10:04 PM2024-11-04T22:04:20+5:302024-11-04T22:04:52+5:30

Brampton Temple Attack: कनाडा के ब्रैम्पटन में खालिस्तानी झंडे लेकर आए प्रदर्शनकारियों द्वारा एक हिंदू मंदिर में लोगों के साथ की गई हिंसा की देश के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने निंदा करते हुए कहा कि प्रत्येक कनाडाई को अपने धर्म का स्वतंत्र तरीके से और सुरक्षित माहौल में पालन करने का अधिकार है। ‘कनैडियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन’ की रिपोर्ट के अनुसार, पील क्षेत्रीय पुलिस ने रविवार को बताया कि ब्रैम्पटन के एक मंदिर में विरोध प्रदर्शन हुआ और सोशल मीडिया पर प्रसारित घटना के कुछ अपुष्ट वीडियो में प्रदर्शनकारी खालिस्तान समर्थक बैनर पकड़े नजर आए।

Violence in Canada Temple PM Trudeau called the incident unacceptable | Canada Temple Attack: कनाडा के मंदिर में हुई हिंसा, PM ट्रूडो ने घटना को अस्वीकार्य बताया

Canada Temple Attack: कनाडा के मंदिर में हुई हिंसा, PM ट्रूडो ने घटना को अस्वीकार्य बताया

Violence in Canada Temple: कनाडा के ब्रैम्पटन में खालिस्तानी झंडे लेकर आए प्रदर्शनकारियों द्वारा एक हिंदू मंदिर में लोगों के साथ की गई हिंसा की देश के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने निंदा करते हुए कहा कि प्रत्येक कनाडाई को अपने धर्म का स्वतंत्र तरीके से और सुरक्षित माहौल में पालन करने का अधिकार है। ‘कनैडियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन’ की रिपोर्ट के अनुसार, पील क्षेत्रीय पुलिस ने रविवार को बताया कि ब्रैम्पटन के एक मंदिर में विरोध प्रदर्शन हुआ और सोशल मीडिया पर प्रसारित घटना के कुछ अपुष्ट वीडियो में प्रदर्शनकारी खालिस्तान समर्थक बैनर पकड़े नजर आए। रिपोर्ट में कहा गया है कि वीडियो में लोग एक दूसरे पर घूंसे बरसाते और एक-दूसरे पर डंडों से हमला करते हुए नजर आ रहे हैं और यह घटना हिंदू सभा मंदिर के आसपास के मैदान में होती प्रतीत हो रही है।

ट्रूडो ने समुदाय की सुरक्षा और इस घटना की जांच के लिए ‘‘त्वरित कार्रवाई करने पर’’ स्थानीय प्राधिकारियों को धन्यवाद दिया। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर सोमवार को लिखा, ‘‘ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर में आज हुई हिंसा अस्वीकार्य है। हर कनाडाई को अपने धर्म का स्वतंत्र तरीके से और सुरक्षित माहौल में पालन करने का अधिकार है। समुदाय की सुरक्षा और इस घटना की जांच के लिए तुरंत कार्रवाई करने पर पील क्षेत्रीय पुलिस को धन्यवाद।’’ भारत ने कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में चरमपंथियों और अलगाववादियों द्वारा की गई हिंसा की निंदा करते हुए उम्मीद जताई कि हिंसा में शामिल लोगों को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा। विदेश मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में यह भी कहा कि भारत कनाडा में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर “बहुत चिंतित” है। बयान के मुताबिक, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘‘हम कल ब्रैम्पटन, ओंटारियो में हिंदू सभा मंदिर में चरमपंथियों और अलगाववादियों द्वारा की गई हिंसा की निंदा करते हैं। हम कनाडा सरकार से यह सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं कि सभी पूजा स्थलों को ऐसे हमलों से बचाया जाए।”

ओटावा स्थित भारतीय उच्चायोग ने भी सोमवार को एक कड़ा बयान जारी कर हिंदू सभा मंदिर पर ‘‘भारत विरोधी’’ तत्वों द्वारा हाल में किए गए हमले की निंदा की। इस घटना के कारण हिंदू सभा मंदिर और भारतीय वाणिज्य दूतावास द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक कार्यक्रम में बाधा उत्पन्न हो गई। उच्चायोग ने कहा, ‘‘हमने टोरंटो के पास ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर के साथ मिलकर आयोजित किए गए वाणिज्य दूतावास के एक शिविर के बाहर आज (तीन नवंबर को) हिंसक व्यवधान देखा जिसे भारत विरोधी तत्वों ने अंजाम दिया था।’’ बयान में कहा गया, ‘‘हम भारतीय नागरिकों सहित उन आवेदकों की सुरक्षा के लिए भी बहुत चिंतित हैं, जिनकी मांग पर इस तरह के आयोजन किए जाते हैं। भारत विरोधी तत्वों के इन प्रयासों के बावजूद हमारा वाणिज्य दूतावास भारतीय और कनाडाई आवेदकों को 1,000 से अधिक जीवन प्रमाण पत्र जारी करने में सक्षम रहा...।’’ पील क्षेत्रीय पुलिस ने रविवार दोपहर को कहा कि उन्हें हिंदू सभा मंदिर में विरोध प्रदर्शन की जानकारी थी तथा सार्वजनिक व्यवस्था एवं सुरक्षा बनाए रखने के लिए उन्होंने मंदिर में पुलिस बल की मौजूदगी बढ़ा दी है। पुलिस प्रमुख निशान दुरईअप्पा ने वीडियो प्रसारित होने के बाद रविवार को ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘हम शांतिपूर्ण और सुरक्षित तरीके से विरोध करने के अधिकार का सम्मान करते हैं, लेकिन हिंसा और आपराधिक कृत्यों को बर्दाश्त नहीं करेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जो लोग इस गतिविधि में संलिप्त हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा और उन पर आरोप लगाए जाएंगे।’’

पील पुलिस ने ‘सीबीसी टोरंटो’ को बताया कि मंदिर में रविवार को कोई गिरफ्तारी नहीं की गई। पुलिस ने सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो के बारे में और अधिक जानकारी नहीं दी। उसने यह भी नहीं बताया कि क्या हुआ था और क्या कोई शिकायत दर्ज की गई है। ब्रैम्पटन के मेयर पैट्रिक ब्राउन ने रविवार दोपहर को ‘एक्स’ पर एक ‘पोस्ट’ साझा कर कहा कि इस घटना के दोषियों को कानून के तहत कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हिंदू सभा के बाहर हिंसा की घटनाओं के बारे में सुनकर मुझे निराशा हुई है। धार्मिक स्वतंत्रता कनाडा का आधारभूत मूल्य है। हर किसी को अपने पूजा स्थल पर सुरक्षित महसूस होना चाहिए।’’ ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर पर हाल में हुए हमले की विपक्षी नेता पियरे पोइलीवरे सहित कनाडाई नेताओं ने व्यापक पैमाने पर निंदा की। पोइलीवरे ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर में श्रद्धालुओं को निशाना बनाकर की गई हिंसा पूरी तरह से अस्वीकार्य है। सभी कनाडाई लोगों को अपने धर्म का शांतिपूर्वक पालन करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए। ‘कंजर्वेटिव पार्टी’ इस हिंसा की स्पष्ट रूप से निंदा करती है। मैं अपने लोगों को एकजुट करूंगा और अराजकता को समाप्त करूंगा।’’ ओंटारियो के प्रीमियर डग फोर्ड ने पुलिस की ‘‘त्वरित प्रतिक्रिया’’ की प्रशंसा की और कहा कि यह घटना ‘‘पूरी तरह से अस्वीकार्य है और इसकी निंदा की जानी चाहिए।’’ उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘‘किसी को भी अपने पूजा स्थल पर असुरक्षित महसूस नहीं होना चाहिए।’’ ‘कॉलिशन ऑफ हिन्दूज़ ऑफ नॉर्थ अमेरिका’ (सीओएचएनए) ने ‘एक्स’ पर कहा कि वह ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर के भीतर हिंदू-कनाडाई भक्तों पर खालिस्तानियों द्वारा किए गए इस निर्लज्ज हमले की कड़ी निंदा करता है।

उसने कहा, “ इससे पता चलता है कि कनाडा में खालिस्तानी चरमपंथ कितना गहरा और अनियंत्रित है। दिवाली के सप्ताहांत पर, जब हिंदू अज्ञानता पर ज्ञान और बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मना रहे हैं, हमने एक हिंदू मंदिर पर हिंसक हमले देखे। ज़ाहिर है, कोई भी हिंदू जो इस पर सवाल उठाने या इसका विरोध करने की हिम्मत करता है, उसे तुरंत ‘भारतीय एजेंट’ करार दिया जाता है।” सीओएचएनए ने कहा कि कनाडाई पुलिस "दोषियों का नाम बताने से कतराती है, जबकि मीडिया और शिक्षाविद आतंकवादियों को 'कार्यकर्ता' बताकर उनका महिमामंडन करते हैं और ‘हिंदूफोबिया’ (हिंदू धर्म के प्रति पूर्वाग्रह) को एक कल्पना बताकर खारिज कर देते हैं।” इसने कहा कि ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ की आड़ में कनाडा चरमपंथियों को खुली छूट दे रहा है, जबकि हिंदू कनाडाई लोगों को अपने हाल पर छोड़ दिया गया है। हिंसा की निंदा करते हुए, कनाडाई सांसद चंद्र आर्य ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि खालिस्तानी चरमपंथियों ने “लाल रेखा पार कर ली है।” एक वीडियो साझा करते हुए भारतीय मूल के सांसद ने कहा, “ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर के परिसर के अंदर हिंदू-कनाडाई भक्तों पर खालिस्तानियों द्वारा किया गया हमला दिखाता है कि कनाडा में खालिस्तानी हिंसक चरमपंथ कितना गहरा और बेशर्म हो गया है।”

उन्होंने कहा, “ मुझे लगता है कि इन रिपोर्ट में थोड़ी सच्चाई है कि कनाडा के राजनीतिक तंत्र के अलावा खालिस्तानियों ने हमारी कानून प्रवर्तन एजेंसियों में भी घुसपैठ कर ली है। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता' के तहत खालिस्तानी चरमपंथियों को कनाडा में खुली छूट मिल रही है। जैसा कि मैं लंबे समय से कह रहा हूं, हिंदू-कनाडाई लोगों को अपने समुदाय की सुरक्षा के लिए आगे आना चाहिए और अपने अधिकारों का दावा करना चाहिए तथा राजनीतिक नेताओं को जवाबदेह ठहराना चाहिए।” ट्रूडो द्वारा पिछले वर्ष सितंबर में खालिस्तानी चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की ‘‘संभावित’’ संलिप्तता के आरोप लगाए जाने के बाद से भारत और कनाडा के संबंधों में तनाव व्याप्त है। भारत ने ट्रूडो के आरोपों को सिरे से खारिज किया है। भारत का कहना है कि दोनों देशों के बीच मुख्य मुद्दा यह है कि कनाडा खालिस्तान समर्थक तत्वों को बिना किसी रोक-टोक के अपनी धरती से गतिविधियों को अंजाम देने की अनुमति दे रहा है।

Web Title: Violence in Canada Temple PM Trudeau called the incident unacceptable

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