2-जी घोटाले में बरी होने के बाद ए राजा ने लिखी किताब, विनोद राय और मनमोहन सिंह पर किए बड़े खुलासे
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: January 19, 2018 08:36 AM2018-01-19T08:36:55+5:302018-01-19T08:52:52+5:30
सुप्रीम कोर्ट ने ए राजा समेत 2-जी स्पेरक्ट्रम आवंटन घोटाले के सभी आरोपियों को सभी आरोपों से बरी कर दिया।
पूर्व दूरसंचार मंत्री और टू जी घोटाले से हाल ही में बरी हुए ए राजा ने '2जी सागा अनफोल्ड्स' नाम की एक किताब लिखी है। राजा की इस किताब में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह लेकर पूर्व सीएजी विनोद राय व 2जी घोटाले को लेकर कई खुलासे किए गए हैं। 20 जनवरी को राजा की ये किताब रिलीज होगी। किताब में राजा ने कहा है कि 2-जी स्पेक्ट्रम पॉलिसी में बदलाव खुद पीएम मनमोहन सिंह की सहमति के बाद ही किया गया था।
यह राष्ट्रहित में थी, लेकिन खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा। उन्होंने विनोद राय पर निशाना साधते हुए लिखा कि विनोद राय का व्यवहार उस बिल्ली जैसा था जिसने अपनी आंखें बंद की और एलान कर दिया कि पूरे ब्रह्मांड में अंधेरा है। राजा ने आरोप लगाया है कि विनोद राय केवल सूत्रधार की भूमिका में थे, जिसने काल्पनिक तस्वीर पेश की जिसके पीछे मीडिया और विरोधी पार्टियां लग गईं थी।
राजा का कहना है कि मनमोहन को उनके सलाहकारों व टेलीकाम क्षेत्र के कुछ दिग्गजों ने सच से भ्रमित किया था। 22 अक्टूबर 2009 को जब सीबीआई ने उनके दफ्तर में रेड की तो उस समय वह पीएम मनमोहन सिंह से जाकर मिले भी थे। उन्होंने लिखा है कि टेलीकाम क्षेत्र के दिग्गज नए खिलाड़ियों को स्पेक्ट्रम देने के खिलाफ थे।
जब पॉलिसी अपने अंतिम चरण में थी तब पीएमओ ने उन्हें एक पत्र भेजा। इसमें वहीं बातें लिखी थीं जो पुराने खिलाड़ी कह रहे थे। उनका यह भी कहना है कि इस तरह का पत्र नहीं भेजा जाना चाहिए थे।
राजा का कहना है कि यूपीए-2 सरकार को खत्म करने के लिए साजिश रची गई थी। और विनोद राय महज एक जरिया थे। केवल बंदूक विनोद राय के कंधे पर रखी गई है । उन्होंने अपने निजी एजेंडे के तहत सनसनी फैला दी कि टेलीकाम पॉलिसी बदलने से 1.76 लाख करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ।
इससे पहले ए राजा मनमोहन सिंह को एक खत भी लि ख चुके हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि अब पूर्व पीएम को उनको हक में आवाज उठानी चाहिए।