विजय दिवसः सीएम रावत ने कहा- 1971 के भारत—पाकिस्तान युद्ध में उत्तराखंड के 248 रणबांकुरों ने प्राणों की आहुति दी

By भाषा | Published: December 16, 2019 06:16 PM2019-12-16T18:16:32+5:302019-12-16T18:16:32+5:30

आज विजय दिवस के अवसर पर यहां गांधी पार्क में शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने के बाद मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि 1971 के भारत-पाक युद्ध में भारत की तीनों सेनाओं के आपसी सामंजस्य ने 95 हजार पाकिस्तानी सेनिकों को 13 दिन के युद्ध के बाद घुटने टेकने को विवश कर दिया था।

vijay Day: CM Rawat said- 248 jawans of Uttarakhand sacrificed their lives in 1971 Indo-Pakistan war. | विजय दिवसः सीएम रावत ने कहा- 1971 के भारत—पाकिस्तान युद्ध में उत्तराखंड के 248 रणबांकुरों ने प्राणों की आहुति दी

शहीदों के आश्रितों को राज्याधीन सेवाओं में नियुक्ति देने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है।

Highlightsरावत ने कहा कि आजादी के बाद देश की एकता और अखण्डता के लिए जो भी युद्ध हुए हैं, उसमें उत्तराखण्ड की अहम भूमिका रही है।अब तक एक परमवीर चक्र, छह अशोक चक्र, 100 वीर चक्र एवं 1262 वीरता पदक उत्तराखण्ड के हिस्से में आये हैं।

भारत की आजादी के बाद हुए हर युद्ध में उत्तराखंड के वीरों की महत्वपूर्ण भूमिका रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को कहा कि 1971 के भारत—पाकिस्तान युद्ध में भी प्रदेश के 248 रणबांकुरों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी।

आज विजय दिवस के अवसर पर यहां गांधी पार्क में शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने के बाद मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि 1971 के भारत-पाक युद्ध में भारत की तीनों सेनाओं के आपसी सामंजस्य ने 95 हजार पाकिस्तानी सेनिकों को 13 दिन के युद्ध के बाद घुटने टेकने को विवश कर दिया था।

उन्होंने कहा कि इस युद्ध में उत्तराखण्ड के 248 वीर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी और 78 अन्य सैनिक घायल हुए थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 74 रणबांकुरों को वीरता पदक से नवाजा गया था। राष्ट्रवाद और पर्यावरण के प्रति यहां की जनता को जागरूक बताते हुए रावत ने कहा कि आजादी के बाद देश की एकता और अखण्डता के लिए जो भी युद्ध हुए हैं, उसमें उत्तराखण्ड की अहम भूमिका रही है।

उन्होंने बताया कि अब तक एक परमवीर चक्र, छह अशोक चक्र, 100 वीर चक्र एवं 1262 वीरता पदक उत्तराखण्ड के हिस्से में आये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास सैनिकों एवं उनके आश्रितों को हर सम्भव मदद पहुंचाने का है और इस क्रम में राज्य सरकार ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों की पेंशन 4000 रुपये से बढ़ाकर 8000 रुपये करने, शहादत देने वाले सेना और अर्द्धसैनिक बलों के जवानों के आश्रितों को उनकी योग्यता के अनुरूप राज्याधीन सेवाओं में नियुक्ति देने जैसे कदम उठाये हैं।

उन्होंने कहा कि शहीदों के आश्रितों को राज्याधीन सेवाओं में नियुक्ति देने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है। रावत ने कहा कि सैनिक परिवारों को गृह कर में पूरी छूट, 25 लाख तक की संपत्ति क्रय करने पर स्टाम्प ड्यूटी में 25 फीसदी की छूट भी दी गई है। इसके अलावा, शहीद सैनिकों के बच्चों को कक्षा एक से आठ तक छह हजार रुपये एवं नौवीं कक्षा से पोस्ट ग्रेजुएशन तक 10 हजार रुपये की छात्रवृत्ति राज्य सरकार दे रही है।

Web Title: vijay Day: CM Rawat said- 248 jawans of Uttarakhand sacrificed their lives in 1971 Indo-Pakistan war.

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