Video: मोरबी हादसे के बाद युद्धस्तर पर चला रेस्क्यू ऑपरेशन, मरने वालों की संख्या 134, हादसे के वक्त पुल पर थे 400 लोग
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: October 31, 2022 08:05 PM2022-10-31T20:05:14+5:302022-10-31T20:28:38+5:30
गुजरात के मोरबी शहर के माच्छू नदी पर केबल पुल टूटने के कारण हुए दर्दनाक हादसे में 134 लोगों की मौत हो चुकी है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के अलावा सेना, वायुसेना और नौसेना के जवानों ने राहत कार्यों को अंजाम दिया।
मोरबी: कल तक गुमनामी में रहने वाला गुजरात का मोरबी शहर माच्छू नदी पर केबल पुल टूटने के कारण हुए दर्दनाक हादसे के कारण देश ही नहीं बल्कि दुनिया में चर्चा का मुद्दा बना हुआ है। समाचार एजेंसी एएनआई की ओर से जारी ताजा जानकारी के मुताबित इस हादसे में अब तक कुल 134 लोगों की मौत हो चुकी है।
बीते रविवार शाम से अनवर चल रहा राहत एवं बचाव अब समाप्त होने वाला है। इस बचाव कार्य में राज्य की मशीनरी के अलावा केंद्र की ओर से भेजी गई एनडीआरएफ की टीम के अलावा सेना और वायुसेना के जवान भी शामिल थे।खबरों के मुताबिक माच्छू नदी के पानी में उतरे हुए गोताखोरों और नावों से लापता लोगों की दूर तक तलाश की गई।
समाचार एजेंसी एएनआई ने सेना, एनडीआरएफ और जिला प्रशासन द्वारा चलाये गये राहत एवं बचाव कार्य का एक वीडियो जारी किया है, जिसमें देखा जा सकते है कि बहुत सारी रेस्क्यू बोट पानी में लापता लोगों को तलाश में लगातार चक्कर लगा रही हैं।
#WATCH | Gujarat: Earlier visuals of the rescue operation at the site of the incident in Morbi where a bridge collapsed leaving 134 people dead till now pic.twitter.com/5NjgNXLArI
— ANI (@ANI) October 31, 2022
हालांकि प्रशासन की ओर से यह भी कहा जा रहा है कि हादसे को 24 घंटे से ज्यादा का वक्त हो चुका है। इस कारण पानी में लापता लोगों के जिंदा होने की संभावना बेहद कम नजर आ रही है। लेकिन गोताखोरों और नौका दल के बचावकर्मियों ने लगातार प्रयास किया कि नदी के बड़े दायरे को ज्यादा से ज्यादा खंगाला जाए ताकि लापता लोगों का पता लगाया जा सके।
रेस्क्यू के साथ-साथ प्रदेश सरकार इस दुखद हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों की सजा दिलाने के लिए भी तेजी से काम कर रही है। इस संबंध में मोरबी पुलिस ने उस कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करते हुए 9 स्टाफ को हिरासत में लिया है। जिस कंपनी को इस पुल के रखरखाव की जिम्मेदारी दी गई थी।
वहीं हादसे के बाद अब भी बड़ा सवाल यह बना हुआ है कि आखिर केबल पुल में मेंटनेंस के बाद ऐसी क्या दिक्कत आई कि पुल लोगों का वजन बर्दाश्त न कर सका। इस संबंध में कहा जा रहा है कि पुल पर घूमने के लिए टिकट लगता था। लेकिन पुल पर एक साथ महज 100 आदमियों को भेजा जा सकता था लेकिन पुल पर टिकट वसूली करने वालों ने इस दिशा-निर्देशों की अवहेलना करते हुए लगभग 400 लोगों को पुल पर जाने की अनुमति दे दी, जो हादसे का प्रमुख कारण बना।
इसके अलावा दूसरा और सबसे मुख्य कारण यह बताया जा रहा है कि केबल पुल को बिना फिटनेस सर्टिफिकेट पास के लिए जनता के लिए खोल दिया गया था साथ में यह भी कहा जा रहा है कि पुल के मेंटनेंस को देखने वाली प्राइवेट फर्म ने फिटनेस से संबंधित पेपर वर्क किया ही नहीं था।