VIDEO: हिमाचल सीएम सुक्खू के एक कार्यक्रम में डिनर में परोसा गया कानूनी रूप से संरक्षित प्रजाति का 'जंगली मुर्गा', सीएम बोले 'नॉनवेज ही पहाड़ का भोजन है'
By रुस्तम राणा | Updated: December 14, 2024 15:17 IST2024-12-14T15:17:39+5:302024-12-14T15:17:39+5:30
इस घटना की पशु अधिकार समूहों और भाजपा ने व्यापक निंदा की है, और माफ़ी मांगने तथा जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। शिमला के सुदूर कुफरी इलाके में आयोजित सार्वजनिक कार्यक्रम में सीएम सुक्खू ने भाग लिया और खाने में जंगली चिकन, बिच्छू बूटी (एक स्थानीय जड़ी बूटी) और मक्के और गेहूं से बनी रोटी के स्लाइस शामिल थे।

VIDEO: हिमाचल सीएम सुक्खू के एक कार्यक्रम में डिनर में परोसा गया कानूनी रूप से संरक्षित प्रजाति का 'जंगली मुर्गा', सीएम बोले 'नॉनवेज ही पहाड़ का भोजन है'
शिमला:हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने शिमला में एक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद विवाद खड़ा कर दिया, जहाँ कथित तौर पर 'जंगली मुर्गा', जो वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत एक संरक्षित प्रजाति है, को रात के खाने के मेनू में परोसा गया था। यह घटना तब सामने आई जब एक पशु कल्याण संगठन द्वारा एक कथित वीडियो साझा किया गया। इस घटना की पशु अधिकार समूहों और भाजपा ने व्यापक निंदा की है, और माफ़ी मांगने तथा जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। शिमला के सुदूर कुफरी इलाके में आयोजित सार्वजनिक कार्यक्रम में सीएम सुक्खू ने भाग लिया और खाने में जंगली चिकन, बिच्छू बूटी (एक स्थानीय जड़ी बूटी) और मक्के और गेहूं से बनी रोटी के स्लाइस शामिल थे।
मुख्यमंत्री ने बताया पहाड़ का भोजन
हालांकि सीएम सुक्खू ने जंगली मुर्गे का मांस नहीं खाया, लेकिन इसे राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और अन्य मेहमानों को परोसा गया, जिससे संरक्षित प्रजाति के अवैध शिकार को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम ने कहा, पहाड़ी जीवन के लिए तो नॉनवेज ही भोजन है। गौरतलब है कि उक्त जंगली मुर्गे राज्य में 3,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर पाए जाते हैं। यह कानूनी रूप से संरक्षित है और इसका शिकार करना दंडनीय अपराध है।
इस विवाद ने सोशल मीडिया पर तूल पकड़ लिया और पशु कल्याण समूहों और राजनीतिक नेताओं दोनों ने जवाबदेही की मांग की। भाजपा के राज्य प्रवक्ता चेतन भर्ता ने मांग की कि सीएम सुक्खू को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए और जंगली मुर्गे परोसने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
Himachal Pradesh CM Sukhvinder Singh Sukhu is enjoying 'Jungli Murga' with his colleagues.
— The-Pulse (@ThePulseIndia) December 14, 2024
It is a protected animal under the Wildlife Act, will he face an investigation?
pic.twitter.com/pU9R2ko8D7
Shimla, Himachal Pradesh: CM Sukhvinder Singh Sukhu on eating 'Jungli Murga' with his colleagues, says, "...I don't eat it, so they were offering it to me. The channel showed it, saying, 'Look, he is eating chicken'..." pic.twitter.com/UaBtdddiaN
— IANS (@ians_india) December 14, 2024
पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने घटना की निंदा की
राज्य के पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने भी घटना की निंदा की और इसे अस्वीकार्य बताया। उन्होंने सरकार से इस मुद्दे को तत्काल सुलझाने का आग्रह किया। जयराम ठाकुर ने कहा, "सरकार जन मंच जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों की शिकायतों को दूर करने का दावा करती है, लेकिन अब वे पिकनिक मनाने में व्यस्त हैं। जंगली मुर्गे जैसी संरक्षित प्रजाति का मांस खाने पर जेल की सजा और जुर्माना हो सकता है। फिर भी, मुख्यमंत्री कार्यालय इस व्यंजन को मेनू में शामिल करके इसे मंत्रियों को बड़े चाव से परोसता है।"