UP के अस्पताल में बच्चे की बुखार से मौत: बेटे के शव से लिपटकर रोता रहा पिता, परिजनों का आरोप-लापरवाही से गई मासूम की जान
By स्वाति सिंह | Published: June 29, 2020 04:31 PM2020-06-29T16:31:41+5:302020-06-29T16:45:32+5:30
पीड़ित पिता ने अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से बच्चे की मौत होने का आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि अस्पताल ने उसके बच्चे का वक़्त पर इलाज नहीं किया जिससे उसकी मौत हो गई।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कन्नौज के जिला अस्पताल के बाहर रविवार शाम बेहद दर्दनाक नज़र देखने को मिला। दरअसल, एक शख्स के अपने एक साल के बच्चे के शव से लिपटकर अस्पताल में रोने का वीडियो सामने आया है। यहां एक शख्स अपने मृत बच्चे को सीने से चिपकाए फूट-फूटकर रो रहा है। वहीं, साथ ही उसकी पत्नी भी बैठी है जिसका रो-रो के बुरा हाल है।
NDTV में छपी रक रिपोर्ट के मुताबिक पीड़ित पिता ने अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से बच्चे की मौत होने का आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि अस्पताल ने उसके बच्चे का वक़्त पर इलाज नहीं किया जिससे उसकी मौत हो गई।
हालांकि, अस्पताल प्रशासन का कहना है कि बच्चा वायरल इन्सेफेलाइटिस का शिकार था और बहुत गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया था। उसे इमरजेंसी में भर्ती कर डॉक्टर से इलाज कराने की कोशिश की गई लेकिन आधे घंटे में ही उसकी मौत हो गई।यूपी की स्वास्थ्य सेवाओं से संवेदना और मानवता मानो खत्म हो चुकी है! कन्नौज में तेज बुखार से पीड़ित बच्चे को इलाज ना मिलने से अपनी जान गंवानी पड़ी, अत्यंत दुखद! गंभीर हालत के बावजूद चिकित्सकों पर भर्ती ना करने का आरोप। शोकाकुल परिवार के प्रति संवेदना! दोषियों पर हो सख्त कार्रवाई।@ pic.twitter.com/VhUPeT2Ghy
— Arun Rajbhar (@ArunrajbharSbsp) June 29, 2020
बच्चे के माता पिता का नाम प्रेमचंद हैं वे कन्नौज के मिश्री गांव के रहने वाले हैं, उन्होंने कहा कि ज़िला अस्पताल में कोई डॉक्टर उसके बच्चे का इलाज करने को तैयार नहीं था। वे कह रहे थे कि बच्चे को इलाज के लिए कानपुर ले जाओ। जिसके बाद वह परेशान होकर बाहर घुमने लगा तभी कुछ मीडिया वाले आ गए। इसके बाद अस्पताल ने बच्चे को तुरंत भर्ती लिया लेकिन फौरन ही उसकी मौत हो गई।
वहीं, अस्पताल के डॉक्टरों और जिला प्रशासन ने परिजनों के आरोपों को खारिज किया है। उनका कहना है कि बच्चे को इमरजेंसी रूम में प्राथमिक उपचार दिया गया था लेकिन उसकी हालात काफी गंभीर थी और उनके प्रयासों के बावजूद 30 मिनट के अंदर बच्चे की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि इसमें लापरवाही को कोई मामला नहीं है।