उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने इन 22 बिंदुओं के आधार पर खारिज किया महाभियोग प्रस्ताव, यहां पढ़ें पूरा आदेश
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: April 23, 2018 02:47 PM2018-04-23T14:47:27+5:302018-04-23T14:47:27+5:30
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा पर लगाए गए पांच आरोपों की समीक्षा की और महाभियोग प्रस्ताव खारिज कर दिया। उन्होंने अपने आदेश को इन 22 बिंदुओं के जरिए न्यायसंगत ठहराया है। पढ़ें पूरा आदेश...
नई दिल्ली, 23 अप्रैलः उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। सोमवार को अपने 10 पन्नों के आदेश में उन्होंने कहा, 'महाभियोग प्रस्ताव के तहत लगाए गए सभी पाँच अभियोगों पर मैंने विचार किया और उसके साथ संलग्न दस्तावेज का अध्ययन किया। महाभियोग प्रस्ताव में लगाए गए आरोप इस योग्य नहीं हैं कि उनसे ये निर्णय लिया जाए कि भारत के मुख्य न्यायाधीश को खिलाफ कदाचार का दोषी ठहराया जा सके।' बता दें कि कांग्रेस समेत सात विपक्षी दलों के 71 सांसदों के हस्ताक्षर वाले महाभियोग प्रस्ताव को उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू के समक्ष 20 अप्रैल को प्रस्तुत किया गया था।
22 बिंदुओं में बताया महाभियोग प्रस्ताव खारिज करने का कारण
उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने 10 पन्नों के आदेश में 22 बिंदुओं में स्पष्ट किया है कि उन्होंने महाभियोग प्रस्ताव क्यों खारिज किया? वेंकैया नायडू ने कहा कि तकनीकि रूप से किसी महाभियोग प्रस्ताव को पेश करने के लिए कम से कम पचास सांसदों का समर्थन होना जरूरी है। मुझे इससे ज्यादा सांसदों के समर्थन वाला पत्र मिला है। लेकिन प्रस्ताव में जो पांच आरोप लगाए गए हैं वो सही नहीं है। उन्होंने कहा, 'मैंने इस मामले में कई पूर्व न्यायाधीशों, महाधिवक्ताओं और संविधान विशेषज्ञों की सलाह लेने के बाद इस खारिज करने का फैसला किया है।'
यहां पढ़ें उप-राष्ट्रपति के आदेश की पूरी कॉपी (साभार- www.livelaw.in)-
कांग्रेस समेत सात राजनीतिक दलों के 71 राज्य सभा सांसदों के हस्ताक्षर के साथ शुक्रवार (20 अप्रैल) को उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू के समक्ष महाभियोग प्रस्ताव की नोटिस दी थी। जिन 71 सांसदों के महाभियोग प्रस्ताव पर हस्ताक्षर हैं उनमें से सात रिटायर हो चुके हैं। महाभियोग प्रस्ताव में कांग्रेस ने भारत के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा पर पाँच आरोप लगाए थे। महाभियोग प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने वाले सांसदों में कांग्रेस, राकांपा, माकपा, भाकपा, सपा, बसपा और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के सदस्य शामिल हैं।