वसुंधरा राजे ने कहा, वह उस महिला की बेटी हैं जिनके खून में भाजपा और राष्ट्रवाद था
By भाषा | Updated: March 7, 2021 19:18 IST2021-03-07T19:18:51+5:302021-03-07T19:18:51+5:30

वसुंधरा राजे ने कहा, वह उस महिला की बेटी हैं जिनके खून में भाजपा और राष्ट्रवाद था
जयपुर, सात मार्च राजस्थान की अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को ‘विकास विरोधी’ करार देते हुये पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने रविवार को प्रदेश सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया और कहा कि वह उस महिला की बेटी हैं जिनके खून में भाजपा और राष्ट्रवाद था।
भरतपुर जिले के पूंछड़ी के लौठा में समर्थकों को संबोधित करते हुए वसुंधरा राजे ने कहा, ‘आज मैं केवल यह कहना चाहती हूं कि मेरी मां ने दीपक जलाने और कमल को खिलाने का काम किया था। उन्होंने दीये की लौ को कभी कम नहीं होने दिया और कमल को कभी मुरझाने नहीं दिया। उनके खून में भाजपा और राष्ट्रवाद था। मैं उन्हीं की बेटी हूं।’
उन्होंने दीपक का उल्लेख जनसंघ के संदर्भ में किया। पूर्व मुख्यमंत्री भरतपुर के कृष्णा सर्किट और सीमावर्ती उत्तरप्रदेश के मंदिरों की दो दिवसीय धार्मिक यात्रा पर है। वह रविवार को आदि बद्रीनाथ मंदिर जायेंगी और उसके बाद गोवर्धन परिक्रमा के पूंछड़ी के लौठा मंदिर सहित रास्ते में पड़ने वाले मंदिरों में पूजा अर्चना करेंगी।
वसुंधरा ने कहा कि उनका धार्मिक स्थलों से गहरा संबंध है इसलिये उन्होंने इन पवित्र स्थानों पर पूजा और प्रार्थना करने तथा जन्मदिन मनाने का फैसला किया है।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘न केवल इस क्षेत्र में बल्कि पूरे राज्य में विकास के काम रूक गये हैं। दो हिस्सों में बंटी गहलोत सरकार को मिलकर उखाड़ने और रूके हुए विकास कार्यों को फिर से शुरू करने का काम हम सब करेंगे।’’
पिछले कुछ दिनों से वसुंधरा के समर्थक हाई प्रोफाइल कार्यक्रम की व्यवस्था में लगे हुए हैं। रविवार को शुरू हुई उनकी इस धार्मिक यात्रा में कई पूर्व मंत्री और समर्थक विधायक मौजूद थे।
इसी दौरान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां भी वागड़ क्षेत्र के बांसवाडा, प्रतापगढ, और डूंगरपुर क्षेत्रों के दौरे पर है। पूनियां ने सोशल मीडिया पर रविवार को गहलोत सरकार के खिलाफ ‘‘हल्ला बोल’’ आंदोलन शुरू किया है।
पार्टी नेताओं के अनुसार प्रदेश में वसुंधरा को दरकिनार किए जाने से वह नाराज हैं और पूनियां जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूत करने में विफल रहने के लिये पूर्वी क्षेत्र के कई नेताओं को बदलने की योजना बना रहे थे, इसके बाद चिंतित नेताओं ने अब पूर्व मुख्यमंत्री को और सक्रिय होने के लिये आग्रह किया है।
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