बेरोजगारी, पेपर लीक, कोर्ट में लटकी भर्तियों को लेकर वरुण गांधी ने सरकार को चेताया, लिखा- कहीं देर ना हो जाए
By अनिल शर्मा | Published: May 23, 2022 03:36 PM2022-05-23T15:36:22+5:302022-05-23T15:40:33+5:30
वरुण गांधी ने लिखा, अपने कंधों पर पूरे परिवार की उम्मीदों का बोझ लेकर चलने वाले प्रतियोगी छात्रों का जीवन विगत कुछ वर्षों से एक लंबे संघर्ष की दास्ताँ बन चुका है।
नई दिल्लीः पीलीभीत से भाजपा सासंद वरुण गांधी बेरोजगारी और सरकारी पदों पर रिक्तता को लेकर सरकार को लगातार चेता रहे हैं। सोशल मीडिया पर वे बेरोजगारी को लेकर अपने ही सरकार को घेरते रहते हैं। इस बीच उन्होंने प्रतियोगी छात्रों के संघर्ष और उनकी लाचारी को आवाज दी है। ट्वीट में उन्होंने लीक होते पेपर और भर्तियों के कोर्ट में चले जाने की परेशानियों को दर्शाया है।
वरुण गांधी ने लिखा, अपने कंधों पर पूरे परिवार की उम्मीदों का बोझ लेकर चलने वाले प्रतियोगी छात्रों का जीवन विगत कुछ वर्षों से एक लंबे संघर्ष की दास्ताँ बन चुका है। छात्र अ ब सिर्फ ‘पढ़ाई’ नही करता, अपने हक की ‘लड़ाई’ भी स्वयं लड़ता है। अरसों से लटकी भर्तियाँ और रेत की तरह फिसलता वक्त, छात्र हताश है।
भाजपा सांसद ने ट्वीट के अगले हिस्से में लिखा शिक्षा माफियाओं, भर्तियों के कोर्ट में जाने और प्रशासनिक अक्षता जैसी बातों की तरफ इंगित किया है। उन्होंने लिखा- बिना कारण रिक्त पड़े पद, लीक होते पेपर, सिस्टम पर हावी होता शिक्षा माफिया, कोर्ट-कचहरी व टूटती उम्मीद। छात्र अब प्रशासनिक अक्षमता की कीमत भी स्वयं चुका रहा है। चयन सेवा आयोग कैसे बेहतर हो, परीक्षाएँ कैसे पारदर्शी एवं समय पर हों, इसपर आज और अभी से काम करना होगा। कहीं देर ना हो जाए।
इससे पहले वरुण गांधी ने कहा था कि देश में डेढ़ करोड़ नौकरियां (पद) खाली हैं, जो भरी नहीं जा रही हैं और नौजवान खाली पेट बेरोजगारी की मार झेलता घूम रहा है। उन्होंने कहा कि करोड़ों बेरोजगारों को नहीं पता कि आगे उनके साथ क्या होने वाला है। सांसद ने कहा था कि, “हम यह नहीं कह रहे हैं कि नई नौकरियां पैदा की जाएं, लेकिन जो पहले से घोषित हैं उन पर तो भर्ती होनी चाहिए। यह सरकार का दायित्व है और जिम्मेदारी भी।”