एमएसपी की कानूनी गारंटी देने वाला निजी विधेयक लेकर आएंगे वरुण गांधी, कम कीमत मिलने पर मुआवजे के हकदार होंगे किसान
By विशाल कुमार | Published: December 12, 2021 02:21 PM2021-12-12T14:21:48+5:302021-12-12T14:31:29+5:30
‘द फार्मर्स राइट टू गारंटीड मिनिमम सपोर्ट प्राइस रिएलाइजेशन ऑफ एग्री प्रोड्यूस बिल 2021’ नामक विधेयक का मकसद 22 फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी प्रदान करवाना है, जिसे उत्पादन की व्यापक लागत पर 50 प्रतिशत के लाभांश पर निर्धारित किया जाना चाहिए।
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद वरुण गांधी ने किसानों की मांग पर एक बार फिर अपना समर्थन व्यक्त करते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी की मांग करने वाला एक निजी विधेयक दिया है।
‘द फार्मर्स राइट टू गारंटीड मिनिमम सपोर्ट प्राइस रिएलाइजेशन ऑफ एग्री प्रोड्यूस बिल 2021’ नामक विधेयक का मकसद 22 फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी प्रदान करवाना है, जिसे उत्पादन की व्यापक लागत पर 50 प्रतिशत के लाभांश पर निर्धारित किया जाना चाहिए।
गांधी ने संसद में विधेयक जमा करा दिया है लेकिन इसे पेश किया जाना बाकी है। विधेयक में इस बात की व्यवस्था है कि एमएसपी से कम कीमत हासिल करने वाला कोई भी किसान प्राप्त मूल्य और गारंटीशुदा एमएसपी के बीच मूल्य के अंतर के बराबर मुआवजे का हकदार होगा।
India's farmers & her governments have long debated the agricultural crisis,in & out of commissions.The time has come for an MSP law.I’ve created & submitted to parliament what I believe to be an actionable piece of legislation.I welcome any critique of it.https://t.co/oUCRSNW0Tepic.twitter.com/BiX2AGoED4
— Varun Gandhi (@varungandhi80) December 12, 2021
बिल का सुझाव है कि उक्त कानून के कार्यान्वयन के लिए कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के तहत एक अलग विभाग बनाया जाएगा। विभाग का नेतृत्व एक अलग निर्णय लेने वाली संस्था द्वारा किया जाता है जिसमें किसान प्रतिनिधि, सार्वजनिक अधिकारी और कृषि नीति के विशेषज्ञ शामिल होंगे।
विधेयक में यह भी प्रस्तावित है कि खरीद बिक्री के दो दिन के भीतर भुगतान किसानों के खातों में सीधा जमा कराया जाना चाहिए। इस विधेयक का प्रस्ताव तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा विधेयक पेश करने के एक सप्ताह बाद आया है।
इन तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं से प्रदर्शन स्थगित कर दिया है और वे मामले वापस लेने तथा एमएसपी के मुद्दे पर विचार के लिए एक समिति गठित करने के केन्द्र के आश्वासन के बाद घरों को लौटने लगे हैं।
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से सांसद गांधी कई बार किसानों के समर्थन में बोल चुके हैं और उन्होंने सरकार को किसानों से बातचीत करने का भी सुझाव दिया था।
उन्होंने लखीमपुर खीरी में चार किसानों के मारे जाने की घटना पर अपनी ही पार्टी के नेता एवं केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के खिलाफ "कड़ी कार्रवाई" करने की मांग की थी। इस मामले में मिश्रा का बेटा अरोपी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी घोषणा के एक दिन बाद गांधी ने मोदी को लिखा था कि यदि यह निर्णय पहले लिया गया होता तो कई "निर्दोष लोगों" को बचाया जा सकता था।