उत्तराखंड: बिजली कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने से रोकने के लिए सरकार ने एस्मा लागू किया
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 3, 2021 02:22 PM2021-10-03T14:22:27+5:302021-10-03T14:26:52+5:30
बीते जुलाई माह में सरकार के साथ समझौते के बाद कार्मिकों ने हड़ताल स्थगित कर दी थी. इस बीच कार्मिकों की 14 सूत्रीय मांगों को लेकर ऊर्जा मंत्री डा. हरक सिंह रावत व शासन के अधिकारी कई दौर की वार्ता कर चुके हैं, लेकिन सहमति नहीं बन पाई.
देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन, उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड और पीटीसीयूएल के कर्मचारियों की 6 अक्टूबर को हड़ताल के आह्वान से पहले उनकी छुट्टी पर प्रतिबंध लगाने के लिए एस्मा लगा दिया है. इस दौरान सभी विद्युत वितरण केंद्रों पर पुलिस बल तैनात किया जाएगा.
उत्तराखंड ऊर्जा निगम, जलविद्युत निगम और विद्युत पारेषण निगम में करीब 10 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं, जिसमें से चार हजार नियमित और करीब छह हजार संविदा पर हैं.
तीनों निगमों के अभियंता और कार्मिक उत्तराखंड विद्युत अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले लंबे समय से आंदोलनरत हैं.
बीते जुलाई माह में सरकार के साथ समझौते के बाद कार्मिकों ने हड़ताल स्थगित कर दी थी. इस बीच कार्मिकों की 14 सूत्रीय मांगों को लेकर ऊर्जा मंत्री डा. हरक सिंह रावत व शासन के अधिकारी कई दौर की वार्ता कर चुके हैं, लेकिन सहमति नहीं बन पाई.
वार्ता से असंतुष्ट कार्मिक छह अक्टूबर से बेमियादी हड़ताल पर जाने की घोषणा कर चुके हैं. संयुक्त संघर्ष मोर्चा के रुख को देखकर अब सरकार ने हड़ताल से निपटने की तैयारी की है.
शासन ने बिजली कार्मिकों की हड़ताल के मद्देनजर पड़ोसी राज्यों से मदद मांगी है. ऊर्जा सचिव सौजन्या ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश शासन को पत्र लिख उत्तराखंड में हड़ताल के दौरान कर्मचारी मांगे हैं.
उन्होंने लिखा है कि उत्तराखंड में अति आवश्यक सेवाओं में एस्मा लागू है और हड़ताल पर रोक है. ऐसे में यदि प्रदेश के कार्मिक हड़ताल पर जाते हैं तो ऊर्जा संबंधित कार्य प्रभावित हो सकते हैं.
ऐसे में विद्युत उत्पादन, वितरण और पारेषण संबंधी कार्यों के संचालन को सोमवार तक कार्मिकों की उत्तराखंड में तैनाती सुनिश्चित कराएं. इसके अलावा पावर ग्रिड कारपोरेशन आफ इंडिया से भी मदद मांगी गई है.