उत्तराखंड चुनाव: कांग्रेस से निष्कासित होने के बाद पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने भाजपा का दामन थामा
By विशाल कुमार | Published: January 27, 2022 10:51 AM2022-01-27T10:51:34+5:302022-01-27T11:04:37+5:30
हाल ही में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को कांग्रेस पार्टी के सभी पदों से हटा दिया गया था। उपाध्याय कुछ सप्ताह पहले तक उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए बनी कांग्रेस समन्वय समिति के प्रमुख की भूमिका निभा रहे थे और वह राज्य कांग्रेस कोर कमेटी तथा उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य थे।
देहरादून: उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह साल के लिए निष्कासित पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने गुरुवार को भाजपा का दामन थाम लिया।
भाजपा में शामिल होने के बाद उपाध्याय ने कहा कि मैं उत्तराखंड को आगे ले जाने की भावना के साथ भाजपा में शामिल हुआ हूं। आपको कांग्रेस से पूछना चाहिए कि ऐसी स्थिति क्यों आई है।
I have joined BJP with the spirit of taking Uttarakhand forward. You should ask Congress why such a situation has risen: Kishor Upadhyay after joining BJP in Dehradun#UttarakhandElections2022pic.twitter.com/i7LIuJbL8Q
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 27, 2022
भाजपा के चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी तथा अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में उपाध्याय ने यहां पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। भाजपा ने अभी तक टिहरी विधानसभा सीट पर प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है और अटकलें लगाई जा रही हैं कि सत्तारूढ़ पार्टी उपाध्याय को टिहरी से चुनावी समर में उतार सकती है।
इससे पहले कांग्रेस के उत्तराखंड प्रभारी देवेंद्र यादव ने ट्वीट कर जानकारी दी थी कि उत्तराखंड इकाई के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में बृहस्पतिवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है।
हाल ही में उपाध्याय को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया गया था। उपाध्याय कुछ सप्ताह पहले तक उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए बनी कांग्रेस समन्वय समिति के प्रमुख की भूमिका निभा रहे थे और वह राज्य कांग्रेस कोर कमेटी तथा उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य थे।
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए राज्य की सभी 70 सीटों पर 14 फ़रवरी को मतदान होगा। मतगणना 10 मार्च को होगी। भाषा हक वैभव वैभव वैभव