Uttar Pradesh: अफसरों की लापरवाही, यूपी में बीपैक्स को कंप्यूटरीकृत करने की योजना फेल, विभागीय जांच से हुआ खुलासा
By राजेंद्र कुमार | Updated: June 17, 2025 20:15 IST2025-06-17T20:15:09+5:302025-06-17T20:15:09+5:30
केंद्र सरकार के स्पष्ट निर्देश के बाद भी यूपी में 3,000 बीपैक्स को कंप्यूटरीकृत करने का कार्य गाय 31 मई टीके पूरा नहीं हो पाया. यहीं नहीं तमाम बीपैक्स में लगाए गए कंप्यूटर की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठे हैं और कंप्यूटरों की खरीद में भी गड़बड़ी के आरोप लगें हैं.

Uttar Pradesh: अफसरों की लापरवाही, यूपी में बीपैक्स को कंप्यूटरीकृत करने की योजना फेल, विभागीय जांच से हुआ खुलासा
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (बीपैक्स) को कंप्यूटरीकृत करने की योजना अफसरों की लापरवाही का शिकार हो गई है. केंद्र सरकार के स्पष्ट निर्देश के बाद भी यूपी में 3,000 बीपैक्स को कंप्यूटरीकृत करने का कार्य गाय 31 मई टीके पूरा नहीं हो पाया. यहीं नहीं तमाम बीपैक्स में लगाए गए कंप्यूटर की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठे हैं और कंप्यूटरों की खरीद में भी गड़बड़ी के आरोप लगें हैं.
ऐसे आरोपों के चलते तीसरे चरण में बीपैक्स को कंप्यूटरीकृत करने का कार्य रोकने के आदेश दिए गए हैं. तीसरे चरण में करीब 2,686 बीपैक्स को कंप्यूटरीकृत किया जाना है. केंद्र सरकार की नजर में यूपी में अफसरों की लापरवाही से बीपैक्स को कंप्यूटरीकृत करने की योजना फेल हुई है.
लापरवाह अफसर होंगे दंडित :
फिलहाल अब सहकारिता विभाग के बड़े अफसर युद्धस्तर पर लगकर इसी अगस्त तक 3,000 बीपैक्स को कंप्यूटरीकृत करने में जुटे हैं. बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां किसानों को ऋण, बीज, खाद, और विपणन सहायता आदि सेवाएं प्रदान करती हैं.
सहकारिता विभाग में पैक्स कंप्यूटराइजेशन के नोडल अफसर आरके कुलश्रेष्ठ के अनुसार, केंद्र सरकार की योजना के तहत प्रदेश की सभी 5,686 बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों को कंप्यूटरीकृत किया जाना है.
केंद्र पुरोनिधानिक योजना के करने तहत यह कार्य किया जा रहा है. विभाग की तरफ से पहले और दूसरे चरण के लिए करीब 3,000 बीपैक्स को चयन कर उन्हें कंप्यूटरीकृत करने का फैसला कई माह पूर्व किया गया. इन 3,000 बीपैक्स में कंप्यूटराइजेशन का कार्य इसी 31 मई तक पूरा किए जाने का लक्ष्य था.
इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए तय समय में कंप्यूटरों की खरीद के साथ बीपैक्स से सचिवों को प्रशिक्षित भी किया गया, लेकिन तय समय में चयनित बीपैक्स को कंप्यूटरीकृत नहीं किया जा सका. ऐसा क्यों हुआ? इस बारे में विभागीय जांच से यह पता चला कि कंप्यूटरों की खरीद के बाद बीपैक्स को कंप्यूटरीकृत करने में हर स्तर पर लापरवाही बरती गई.
अधिकारियों ने बीपैक्स को कंप्यूटरीकृत करने के लिए वहां कंप्यूटर और अन्य उपकरण भेजे लेकिन यह पता नहीं किया कि उन्हे स्टाल किया गया गया या नहीं. अफसरों की ऐसी लापरवाही के चलते ही 3,000 बीपैक्स को तय समय में कंप्यूटरीकृत नहीं किया जा सका.
फिलहाल अब लापरवाही बरतने वाले अफसरों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की तैयारी की जा रही है. कहा जा रहा ही इस मामले में कई अफसरों को नोटिस जारी किए गए हैं. जल्दी ही लापरवाही बरतने वाले अफसर दंडित होंगे.
तीसरे चरण का कार्य जल्दी शुरू होगा :
आरके कुलश्रेष्ठ के अनुसार, पहले और दूसरे चरण में चयनित तीन हजार बीपैक्स को कंप्यूटरीकृत करने के साथ ही जल्दी ही बीपैक्स के सचिव से लेकर उच्चाधिकारियों को नए सिरे से प्रशिक्षण दिया जाएगा.
पहले और दूसरे चरण में चयनित बीपैक्स में कार्य सुचारू रूप से शुरू होने के बाद ही तीसरे चरण की बीपैक्स को कंप्यूटरीकृत करने का कार्य शुरू होगा. कंप्यूटरों की खरीद में घपला किए जाने के लगे आरोपों की जांच भी कराए जाने की चर्चा है.
बताया जा रहा ही कि सहकारिता से जुड़े संगठनों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेज कर यह शिकायट की है कि बीपैक्स के लिए जो कंप्यूटरों 50 से 70 हजार में खरीदे गए हैं खुले बाजार में उनकी कीमत 25 से 30 हजार रुपए है. इसलिए इस मामले की जांच कराई जाए.
इस शिकायत पर विभाग के अफसरों का कहना है कि कंप्यूटरों की खरीद जेम पोर्टल के जरिए बड़ी कंपनियों के की गई है. रही बात कंप्यूटरों की गुणवत्ता की तो उसकी जांच जरूर की जाएगी. आरके कुलश्रेष्ठ का कहना है कि जल्दी ही तीसरे चरण में बीपैक्स को कंप्यूटरीकृत करने का कार्य शुरू होगा.