उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव 2023ः योगी सरकार के कई मंत्री अपने गढ़ में हारे, उपमुख्यमंत्री पाठक, संदीप सिंह और दिनेश प्रताप सिंह शामिल, देखें लिस्ट

By सतीश कुमार सिंह | Published: May 15, 2023 01:18 PM2023-05-15T13:18:43+5:302023-05-15T13:19:57+5:30

Uttar Pradesh Municipal Elections 2023: आगरा में महापौर की सीट अनुसूचित जाति (महिला), झांसी में अनुसूचित जाति, शाहजहांपुर और फिरोजाबाद में अन्‍य पिछड़ा वर्ग (महिला) के लिए आरक्षित की गई है जबकि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए सहारनपुर और मेरठ आरिक्षत की गयी हैं।

Uttar Pradesh Municipal Elections 2023 One-sided victory post mayor 17 nagar nigam nikay chunav bjp defeat brajesh pathak nandi yogi minsters sandeep singh see list | उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव 2023ः योगी सरकार के कई मंत्री अपने गढ़ में हारे, उपमुख्यमंत्री पाठक, संदीप सिंह और दिनेश प्रताप सिंह शामिल, देखें लिस्ट

वर्ष 2017 में नगर निगमों के चुनाव में कुल 16 सीटों में 14 सीटों पर भाजपा के महापौर निर्वाचित हुए थे जबकि अलीगढ़ और मेरठ में बसपा के उम्मीदवारों को जीत मिली थी।

Highlightsमहिलाओं के लिए लखनऊ, कानपुर और गाजियाबाद सीटें आरक्षित हैं।नगर निकाय चुनाव के लिए दो चरणों में चार मई और 11 मई को मतदान हुआ था।वाराणसी, प्रयागराज, अलीगढ़, बरेली, मुरादाबाद, गोरखपुर, अयोध्या, मथुरा-वृंदावन की महापौर सीटें अनारक्षित हैं।

लखनऊः उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव 2023 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विपक्षी दलों को साफ कर दिया। 17 नगर निगमों के महापौर पद पर एकतरफा जीत हासिल की। हालांकि लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा को कई जगह मात भी मिली। योगी सरकार के कई मंत्री अपने गांव और गढ़ में हार गए। 

पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता रहे कल्याण सिंह की अतरौली में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। अतरौली के विधायक और मंत्री संदीप सिंह को बड़ा झटका लगा है। संदीप सिंह कल्याण सिंह के पोते हैं। सपा ने यहां पर जीत दर्ज की। बड़ी बात यह है कि उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने रैली की थी।

उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक को भी हार का सामना करना पड़ा

उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक को भी हार का सामना करना पड़ा। गृह नगर हरदोई के मल्लावां में बीजेपी प्रत्याशी चौथे स्थान पर रही। बृजेश पाठक ने रोड शो और रैली की थी। शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी को मात मिली है। शाहाबाद में भाजपा की हार हुई है। 

योगी सरकार में मंत्री दिनेश प्रताप सिंह और भाजपा विधायक अदिति सिंह को रायबरेली में हार का सामना करना पड़ा। मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह भी गढ़ बचाने में असफल रहे। तिलाई क्षेत्र अमेठी लोकसभा के अंतर्गत आता है। मंत्री दिनेश खटीक की बहन को हार का सामना करना पड़ा। 

हिंदू समुदाय के 3844 मतदाताओं के मुकाबले सिर्फ़ 440 मुस्लिम वोटर

अयोध्या में महापौर पद पर फिर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत के बीच नगर निगम के हिंदू बहुल वार्ड में मुस्लिम युवक सुलतान अंसारी ने पार्षद के पद पर जीत दर्ज की। राम जन्मभूमि मंदिर आंदोलन के नायक-महंत राम अभिराम दास के नाम पर रखे गए वार्ड से अंसारी ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीत कर सबको चौंका दिया।

अभिराम दास को दिसंबर 1949 में बाबरी परिसर में रामलला की मूर्ति रखने के लिए जाना जाता है, जिसके कुछ दिनों बाद मस्जिद को बंद कर दिया गया था और 1986 में इसके खुलने के बाद से आज तक उसी मूर्ति की राम जन्मभूमि में पूजा की जा रही है। वोट प्रतिशत के हिसाब से इस वार्ड में हिंदू समुदाय के 3844 मतदाताओं के मुकाबले सिर्फ़ 440 मुस्लिम वोटर हैं। यहां 10 उम्मीदवार मैदान में थे।

भाजपा इस सीट पर तीसरे नंबर पर रही

कुल पड़े 2388 मतों में अंसारी को 996 मत मिले जो करीब 42 फीसद है। अंसारी ने पहली बार चुनाव में किस्मत आजमायी। उन्होंने राम जन्मभूमि के पास के हिंदू बहुल वार्ड में एक अन्य निर्दलीय उम्मीदवार नागेंद्र मांझी को 442 मतों के अंतर से हराया। भाजपा इस सीट पर तीसरे नंबर पर रही। 

उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव में शनिवार को हुई मतगणना में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य के सभी 17 नगर निगमों के महापौर पद पर एकतरफा जीत हासिल की है। किसी भी विपक्षी दल को महापौर सीट पर जीत नहीं मिली। भाजपा ने जहां भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या में महापौर सीट अपने पास बरकरार रखी, वहीं राज्‍य के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के गृह क्षेत्र गोरखपुर और प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी फिर से पार्टी के उम्मीदवार को मतदाताओं ने महापौर चुना है।

लखनऊ से महापौर पद पर भाजपा की सुषमा खर्कवाल निर्वाचित घोषित

राज्‍य निर्वाचन आयोग (एसईसी) के अनुसार उप्र के 17 नगर निगमों में 17 सीटों के चुनाव परिणाम घोषित कर दिये गये हैं और इनमें सभी पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार महापौर चुने गये हैं। आयोग ने बताया कि भाजपा को अयोध्या, लखनऊ, वाराणसी और गोरखपुर के अलावा अलीगढ़, आगरा, कानपुर नगर, प्रयागराज, गाजियाबाद, झांसी, मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर, मथुरा-वृंदावन, बरेली, शाहजहांपुर और फिरोजाबाद नगर निगमों में भी महापौर पद पर जीत मिली है।

भाजपा ने 17 नगर निगमों में कानपुर नगर की महापौर प्रमिला पांडेय, बरेली के उमेश गौतम और मुरादाबाद के विनोद अग्रवाल को दोबारा मौका दिया था और तीनों फिर से चुनाव जीतने में सफल रहे। इसके अलावा भाजपा ने अन्‍य 14 नगर निगमों में नये चेहरों पर दांव लगाया था। लखनऊ से महापौर पद पर भाजपा की सुषमा खर्कवाल निर्वाचित घोषित की गयी हैं।

राज्य निर्वाचन आयोग से प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर निगम के चुनाव में लखनऊ के महापौर पद पर खर्कवाल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी (सपा) की वंदना मिश्रा को पराजित कर दिया। खर्कवाल को 5,02,660 मत मिले वहीं सपा की वंदना मिश्रा को 2,98,519 मतों से संतोष करना पड़ा। यहां कुल 13 उम्मीदवारों में कांग्रेस की संगीता जायसवाल 1,02,633 मत पाकर तीसरे नंबर पर रहीं।

कांग्रेस के अनिल श्रीवास्तव को 94,288 और बसपा के सुभाष मांझी को 36,218 मत मिले

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की शाहीन बानो 75 हजार से अधिक मत पाकर चौथे स्थान पर रहीं। वाराणसी नगर निगम के महापौर सीट पर भाजपा के अशोक तिवारी ने सपा के ओ पी सिंह को पराजित किया। आयोग के अनुसार तिवारी को 2,91,852 मत मिले जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी सपा के ओ पी सिंह ने 1,58,715 मत हासिल किए।

यहां कांग्रेस के अनिल श्रीवास्तव को 94,288 और बसपा के सुभाष मांझी को 36,218 मत मिले। एसईसी के अनुसार गोरखपुर में भाजपा के डॉक्टर मंगलेश श्रीवास्तव ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा की काजल निषाद को पराजित किया। डॉक्टर श्रीवास्तव को कुल 1,80,629 मत मिले जबकि निषाद को 1,19,753 मत मिले।

कुल 13 उम्मीदवारों में बसपा तीसरे, एआईएमआईएम चौथे और कांग्रेस के उम्मीदवार पांचवें स्थान पर रहे। राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, अयोध्या में भाजपा के गिरीश पति त्रिपाठी ने 77,494 मतों के साथ महापौर का चुनाव जीता और सपा के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी आशीष को 35,638 मतों के अंतर से हराया। आशीष को 41,856 वोट मिले।

अयोध्या की महापौर सीट अनारक्षित है। दिलचस्प बात यह है कि एआईएमआईएम (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) के उम्मीदवार रेहान ने बसपा के राम मूर्ति (12,852) और कांग्रेस की प्रमिला राजपूत (4,084) से ज्यादा 15,107 वोट पाकर तीसरा स्थान हासिल किया।

सपा की वंदना वाजपेयी को पराजित किया

अयोध्या में आठ मई को मणिराम दास छावनी में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए योगी ने भाजपा के महापौर प्रत्याशी गिरीश पति त्रिपाठी का समर्थन करते हुए कहा था, ‘‘अयोध्या से कोई राम भक्त लोकतंत्र के इस पर्व (नगर निकाय चुनाव) में विजयी होता है तो यहां के बारे में अच्छी धारणा बनती है।’’

उन्होंने कहा था, ‘‘जब रामभक्तों पर गोली चलाने वाला व्यक्ति कुछ वोट पाता है तो इसका बहुत खराब संदेश जाता है।’’ 2017 के नगर निकाय चुनावों में अयोध्या ने अपना पहला महापौर चुना था और भाजपा के ऋषिकेश उपाध्याय विजयी बने थे। कानपुर नगर में भाजपा की प्रमिला पांडेय ने 4,40,353 मत पाकर अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा की वंदना वाजपेयी को पराजित किया।

वंदना को 2,62,507 मत मिले। यहां कुल 13 उम्मीदवार थे और तीसरे नंबर पर रहीं कांग्रेस की आशनी विकास अवस्थी को 90,480 मत मिले। झांसी में, भाजपा के बिहारी लाल आर्य ने 1,23,503 वोट हासिल किए और कांग्रेस के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी अरविंद कुमार को 83,587 मतों के अंतर से हराया। बसपा तीसरे स्थान पर रही, जबकि सपा ने चौथा स्थान हासिल किया।

भाजपा के अजय कुमार ने बसपा की खदीजा मसूद को 8031 मतों के अंतर से हराया

बरेली में, भाजपा के उमेश गौतम ने 1.67 लाख से अधिक मत प्राप्त कर निर्दलीय उम्मीदवार इकबाल सिंह तोमर को 56,343 मतों के अंतर से हराया। गौतम को भाजपा ने दोबारा मौका दिया था और वह अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे। मथुरा-वृंदावन में भी भाजपा उम्मीदवार विनोद कुमार अग्रवाल ने 1.45 लाख से अधिक वोट हासिल किए और बसपा के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी राजा मोहतसिम अहमद को 1.10 लाख से अधिक मतों के अंतर से हराया। मुरादाबाद में भाजपा के विनोद अग्रवाल (1.21 लाख से ज्यादा वोट) ने कांग्रेस के मोहम्मद रिजवान (1.17 लाख से ज्यादा वोट) को 3,642 वोटों के अंतर से हराया।

इसी प्रकार सहारनपुर में भाजपा के अजय कुमार ने बसपा की खदीजा मसूद को 8031 मतों के अंतर से हराया। प्रयागराज में उमेश चंद्र गणेश केसरवानी ने 2.35 लाख से अधिक वोट हासिल किए और सपा के अजय कुमार श्रीवास्तव को हराया, जिन्हें 1.06 लाख से अधिक वोट मिले थे।

भाजपा की अर्चना वर्मा ने महापौर की सीट पर 80,762 मतों से जीत हासिल की

पिछले महापौर चुनाव में बसपा द्वारा जीते गए अलीगढ़ में भाजपा के प्रशांत सिंघल ने 1.93 लाख से अधिक वोट हासिल कर सपा के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी जमीर उल्लाह खान को 60,902 मतों के अंतर से हरा दिया। यहां बसपा के सलमान शाहिद तीसरे स्थान पर रहे।

शाहजहांपुर में भाजपा की अर्चना वर्मा ने महापौर की सीट पर 80,762 मतों से जीत हासिल की और कांग्रेस के निकहत इकबाल को 50,484 मतों से हराया। गाजियाबाद में, भाजपा की सुनीता दयाल ने 3,50,905 वोट हासिल कर बसपा की निसारा खान को पराजित किया, जिन्हें केवल 63,249 वोट मिले।

आगरा में भाजपा की हेमलता दिवाकर ने बसपा की लता को पराजित किया। हेमलता को 4,40,353 और लता को 1,59,497 मत मिले। सपा की जूही प्रकाश तीसरे नंबर पर रहीं। मेरठ में भाजपा के हरिकांत अहलूवालिया ने 2,35,953 मत पाकर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एआईएमआईएम के अनस को पराजित किया।

अनस को 1,28,547 मत मिले। सपा की सीमा प्रधान 1,15,964 मत पाकर तीसरे स्‍थान पर रहीं जबकि 2017 में मेरठ महापौर की सीट पर कब्जा करने वाली बसपा इस बार चौथे स्थान पर रही। फिरोजाबाद में भाजपा की कामिनी राठौर 1,01,416 मत पाकर सपा की मशरुर फातिमा (74447) को पराजित करने में सफल रहीं। यहां बसपा तीसरे नंबर पर रही।

)इनपुट एजेंसी)

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