उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में संदिग्ध परिस्थिति में मंदिर से मिला महंत का शव, परिजनों ने की जांच की मांग
By विनीत कुमार | Published: October 18, 2020 07:13 AM2020-10-18T07:13:03+5:302020-10-18T07:13:03+5:30
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में एक मंदिर में महंत का शव मिलने के बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। पुलिस फिलहाल पोस्टमार्ट रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। इसके बाद जांच की दिशा तय होगी।
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के गलशहीद थाना क्षेत्र में शनिवार दोपहर मंदिर में एक महंत का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिला। घटना असालतपुरा क्षेत्र की है। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची। इसके बाद पुलिस ने शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा दिया है। पुलिस ने साथ ही फिलहाल इस मामले में किसी और के शामिल होने से इनकार किया है और कहा है कि मौत की असली वजह पोस्टमार्टम से ही बाहर आ सकेगी।
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार मुरादाबाद के एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने कहा, 'ऐसा लगता है कि महंत की मौत प्राकृतिक है क्योंकि शरीर पर किसी प्रकार के निशान नहीं थे। हालांकि, पोस्टमार्टम से असली कारणों का पता चल जाएगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई और जांच की जाएगी।'
महंत की मौत पर स्थानीय लोगों में नाराजगी
स्थानीय लोगों के अनुसार रामदास जी महाराज करीब 50 साल से ऊपर के थे। वे रामगंगा प्रदूषण नियंत्रण समिति के भी सदस्य थे और जिले में हो रही खनन के खिलाफ लगातार आवाज उठाते थे। वे रामगंगा बचाओ मिशन से जुड़े थे और मुरादाबाद में रामगंगा के नदी के आसपास हो रहे अवैध खनन के खिलाफ हाई कोर्ट में एक केस भी लड़ रहे थे।
इस बीच परिजनों का कहना है उनकी मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है। परिवार के मुताबिक उनका मोबाइल फोन रात से ही बंद आ रहा था। रामदास की मौत के बाद स्थानीय हिंदू संगठनों में गुस्सा देखा जा रहा है। राष्ट्रीय योगी सेना के अध्यक्ष आकाश अग्रवाल ने कहा कि महंत रामदास खनन की शिकायत करते रहते थे और सोशल मीडिया पर भी सक्रिय रहते थे।
महंत की मौत के बाद बड़ी संख्या में कई पुजारी, महंत और हिंदू संगठन से जुड़े लोग जमा हो गए और मुरादाबाद-हरिद्वार हाइवे भी जाम कर दिया। पुलिस ने हालांकि बाद में इन्हें समाझाकर हाइवें दोबारा खुलवाया। पुलिस ने बताया कि लोग कार्रवाई की मांग कर रहे थे।