UP Monsoon Update: बारिश से धंस गई आगरा एक्सप्रेस वे की सर्विस लेन, जुलाई से अब तक 148 लोगों की मौत
By भाषा | Published: August 1, 2018 11:52 PM2018-08-01T23:52:23+5:302018-08-01T23:54:17+5:30
इस एक माह के दौरान 122 लोग घायल हुये है जबकि 177 पशुओ की मौत हुई है। इस दौरान 1185 मकानो को नुकसान पहुंचा। सबसे अधिक 11 मौतें सहारनपुर में हुई।
लखनऊ, 1 अगस्तःउत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान भारी बारिश के कारण हुए हादसों में 14 और लोगों की मौत के साथ पिछले सप्ताह से ऐसी घटनाओं में मरने वालों की तादाद बढ़कर 106 हो गयी है। राहत आयुक्त संजय कुमार के मुताबिक एक जुलाई से आज तक वर्षा जनित हादसों में मरने वालो की संख्या 148 पहुंच गयी है। उन्होंने बताया कि इस एक माह के दौरान 122 लोग घायल हुये है जबकि 177 पशुओ की मौत हुई है। इस दौरान 1185 मकानो को नुकसान पहुंचा। सबसे अधिक 11 मौतें सहारनपुर में हुई।
आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि पूर्वाह्न 11 बजे तक प्राप्त सूचना के अनुसार कि सूबे के विभिन्न हिस्सों में पिछले 24 घंटों के दौरान हुए वर्षा जनित हादसों में 14 लोगों की मौत हो गयी तथा सात अन्य घायल हो गये। उन्होंने बताया कि इस दौरान फरूखाबाद और बहराइच में दो-दो लोगो की मौत हो गयी जबकि खीरी, रायबरेली,लखनऊ, कानपुर देहात, बाराबंकी, सीतापुर और सुल्तानपुर में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गयी।
सूत्रों के मुताबिक 14 और लोगों की मौत के साथ इस सप्ताह वर्षा जनित हादसों में मरने वालों की तादाद बढ़कर 106 हो गयी है। बाढ के कारण 80 पशुओं की भी मौत हुई है जबकि 600 से अधिक घरों को नुकसान पहुंचा है। इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में भारी बारिश के कारण उपजे हालात से आम लोगों को राहत दिलाने के निर्देश दिये हैं।
उन्होंने पिछले करीब पांच दिनों से प्रदेश में हो रही बारिश के चलते जगह-जगह उत्पन्न हुई बाढ़ की स्थिति और उससे निपटने की तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को तत्काल राहत उपलब्ध कराते हुए बचाव कार्य किए जाएं। कच्चे घरों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए और पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न मुहैया कराते हुए उनके लिए पेयजल की भी व्यवस्था की जाए।
इस बीच आगरा के करीब आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे पर सर्विस लेन पर भारी बारिश के कारण मिट्टी धंसने से एक एसयूवी जीप 15 फुट गहरे गड्डे में गिर गयी । इस घटना में किसी के घायल होने की कोई खबर नहीं है। इस हादसे के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने आज राइटस लिमिटेड को जांच करने के आदेश दिये है तथा निर्माण करने वाली एजेंसी को इसकी मरम्मत कराने के निर्देश दिये है।
उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष अवनीश अवस्थी ने बताया,‘‘आगरा से लखनऊ की ओर करीब 16 किलोमीटर की दूरी पर एक्सप्रेस वे की सर्विस लेन धंसने के मामले की जांच थर्ड पार्टी एजेंसी राइटस लिमिटेड से कराने के आदेश दिये गये है। सड़क की मरम्मत करने का काम इसका निर्माण करने वाली एजेंसी अपने खर्च पर करेगी।’’
भारतीय रेल की सहायक राइटस लिमिटेड को इस मामले की जांच 15 दिन में करके अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है। अवस्थी ने कहा कि एक्सप्रेसवे निर्माण में शामिल सभी एजेंसियों को निर्देश दिये गये है कि अत्यधिक वर्षा के कारण पूर्ण सतर्कता बरतें और पानी निकासी की व्यवस्था सुनिश्वित करें। अधिकारियों ने बताया कि एसयूवी आगरा में भारी बारिश के कारण सर्विस लेन पर जमीन धंसने के कारण खाई में गिर पड़ी थी। इस हादसे में कोई घायल नहीं हुआ है।
समाजवादी सरकार में इस एक्सप्रेसवे को 23 महीने के रिकार्ड समय में बनाया गया था। इसे बनाने में करीब 15 हजार करोड़ रुपये खर्च हुए थे। एक्सप्रेसवे का उद्घाटन पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नवंबर 2016 को किया था। यह एक्सप्रेसवे 302 किलोमीटर लंबा है। मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण-पश्चिम मानसून पूरे राज्य में सक्रिय है। हल्की और भारी बारिश प्रदेश के अधिकांश भागों में होने का अनुमान है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले 24 घंटे में नानपारा बहराइच और बहेडी में 15 सेमी वर्षा, जबकि हैदरगढ. बाराबंकी और सफीपुर और निघासन में 11-11 सेमी वर्षा दर्ज की गयी है। वहीं लखनऊ, उन्नाव और कन्नौज में नौ-नौ सेमी, बरेली में आठ सेमी और फतेहगढ.,फतेहपुर, भटपुरवाघाट तथा मथुरा में सात-सात सेमी वर्षा दर्ज की गयी।
शासन से प्राप्त जानकारी के अनुसार गंगा नदी का कानपुर देहात, कानपुर, रायबरेली, गढ मुक्तेश्वर, मिर्जापुर, फाफामऊ, गाजीपुर और बलिया में तेजी से जलस्तर बढ रहा है, जबकि यमुना नदी मथुरा में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है> वहीं आगरा और इटावा में तेजी से बढ रही है। गोमती नदी सुल्तानपुर में तेजी से बढ. रही है जबकि राप्ती नदी बहराइच, श्रावस्ती और बलरामपुर में तेजी से बढ रही है।
इस बीच समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सपा पदाधिकारियों तथा कार्यकर्ताओं को आज निर्देश दिया कि वे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों की मदद करने में जुट जाएं। यादव ने कहा कि सपा हमेशा पीड़ितों की मदद में आगे रही है। विपदा में हर किसी का दर्द बांटने के काम को प्राथमिकता से करना चाहिए। पीड़ित परिवारों के लिए भोजन, वस्त्र और छत की व्यवस्था करने में कोई कोताही नहीं बरती जानी चाहिए। इसमें सरकारी मदद पहुंचने की उम्मीद में देरी नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने बाढ़ पीड़ितों के प्रति सहानुभूति और इससे त्रस्त लोगों के प्रति संवेदना जताते हुए इस बात पर खेद जताया कि भाजपा सरकार ने पहले से बाढ़ से बचाव की तैयारियां नहीं की जिससे कई जिलों में सैकड़ों गांव बाढ़ में डूब गए है और फसलें बर्बाद हो गई हैं।
उधर कांग्रेस प्रवक्ता उमा शंकर पाण्डेय ने कहा कि विगत कई दिनों से उत्तर प्रदेश में हो रही वर्षा एवं इससे उत्पन्न बाढ़ एवं जलभराव की स्थिति से प्रदेश में बीमारियों के फैलाव का संकट उत्पन्न हो गया है। डेंगू, चिकनगुनिया, इन्सेफ्लाइटिस जैसी जानलेवा बीमारियां विगत कई वर्षो से हजारों लोगों की मौत का कारण बन रही हैं। विगत 2016 एवं 2017 में डेंगू के व्यापक फैलाव के कारण तमाम जानें गयीं। 2017 में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इन्सेफ्लाइटिस ने 1049 मासूम बच्चों की जान ली, जिसमें 62 बच्चों की मौत ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई। इस वर्ष ऐसी कोई स्थिति न बने इसके लिए सरकार पहले से ही व्यापक व्यवस्था सुनिश्चित करे।
उन्होंने कहा कि मौजूदा स्वास्थ्य व्यवस्था भगवान भरोसे ही चल रही है। अस्पतालों में चिकित्सकों की व्यापक कमी तथा दवा की उपलब्धता एवं अन्य सुविधायें बदहाल स्थिति में हैं, जिसके चलते अभी से मरीजों को दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर होना पड़ रहा है। यदि इस ओर प्रदेश सरकार ने समय रहते ध्यान नहीं दिया तो आने वाले समय में प्रदेश विशेष तौर पर पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों में सक्रांमक रोगों के फैलने का डर है।
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