लखनऊ लोकसभा सीट: नवाबों के शहर में आज तक वोटरों पर नहीं चला है फिल्मी सितारों का जादू, 28 सालों से बीजेपी का कब्जा

By भाषा | Published: April 17, 2019 07:15 PM2019-04-17T19:15:41+5:302019-04-17T19:15:41+5:30

पिछले 2014 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने बॉलीवुड अभिनेता जावेद जाफरी को मैदान में उतारा था। भाजपा के राजनाथ सिंह के सामने जाफरी ने राजनीतिक जड़ें जमाने के लिए खासी मशक्कत की। उनके समर्थन में कई फिल्मी हस्तियों ने प्रचार भी किया।

uttar pradesh election 2019: lucknow constituency election report analysis, history in hindi | लखनऊ लोकसभा सीट: नवाबों के शहर में आज तक वोटरों पर नहीं चला है फिल्मी सितारों का जादू, 28 सालों से बीजेपी का कब्जा

लखनऊ लोकसभा सीट: नवाबों के शहर में आज तक वोटरों पर नहीं चला है फिल्मी सितारों का जादू, 28 सालों से बीजेपी का कब्जा

विपक्षी गठबंधन ने नवाबों के शहर में फ़िल्म स्टार और कांग्रेस के नेता शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी और थिएटर अभिनेत्री पूनम सिन्हा को मैदान में उतारा है लेकिन इतिहास बताता है कि लखनऊ के वोटरों पर आज तक बालीवुड के सितारों का जादू नहीं चल सका है। लखनऊ लोकसभा सीट पर पिछले 28 सालों से भारतीय जनता पार्टी का ही कब्ज़ा है । अब इस बार 2019 में राजनाथ सिंह भाजपा के टिकट पर फिर अपनी किस्मत आजमा रहे है।

उनके सामने आज बुधवार को गठबंधन ने थिएटर अभिनेत्री पूनम सिन्हा को चुनावी दंगल में उतारे जाने का ऐलान किया। फिल्मी दुनिया के मुजफ्फर अली हों या मिस इंडिया नफीसा अली या फ़िल्म अभिनेता और वर्तमान में उप्र कांग्रेस के अध्यक्ष राजबब्बर या पिछले चुनाव में खड़े हुए हास्य अभिनेता जावेद जाफरी. सभी चुनाव हारकर यहां से लौटे। वहीं लखनऊ की जड़ों से जुड़ने वालों को शहर ने सिर आंखों पर बैठाया। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी इसकी मिसाल हैं।

साल 2014 में ये अभिनेता और अभिनेत्री आजमा चुके हैं अपनी किस्मत  

पिछले 2014 के लोकसभा चुनाव की बात लें,तो आम आदमी पार्टी ने बॉलीवुड अभिनेता जावेद जाफरी को मैदान में उतारा था। भाजपा के राजनाथ सिंह के सामने जाफरी ने राजनीतिक जड़ें जमाने के लिए खासी मशक्कत की। उनके समर्थन में कई फिल्मी हस्तियों ने प्रचार भी किया। लेकिन लखनऊ ने उन्हें तवज्जो नहीं दी। जावेद की जमानत जब्त हो गई और उन्हें पांचवें स्थान पर संतोष करना पड़ा। मिस इंडिया रहीं नफीसा अली को भले ही पूरा देश जानता है। लेकिन सेलिब्रेटी का चमकता ताज लेकर जब नफीसा 2009 में लखनऊ से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ने उतरीं तो उनकी सभाओं में खूब भीड़ उमड़ी। उन्होंने शहर से कई वायदे किए। लेकिन लखनऊ की जनता ने नफीसा के स्टारडम को भाव नहीं दिया। उन्हें चुनाव में चौथे स्थान से संतोष करना पड़ा।

अटल जी की खड़ाऊ लेकर उतरे भाजपा के लालजी टंडन के सामने वह कहीं भी टिक न सकीं और टंडन इस सीट से विजयी रहे । ‘उमराव जान’ जैसी मशहूर फिल्म बनाने वाले और कोटवारा स्टेट के राजशाही परिवार से ताल्लुक रखने वाले मुजफ्फर अली जब राजनीति करने उतरे तो उन्होंने लखनऊ की जमीन को ही चुना और समाजवादी पार्टी के झंडे तले चुनाव लड़ने उतरे। लेकिन 1998 के चुनाव में अटल के मुकाबले दो लाख से ज्यादा वोटों से हारे।

वर्तमान में उप्र कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व फिल्म स्टार राज बब्बर 1996 में लखनऊ में समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ने आए थे। लखनऊ की जनता उनकी एक झलक पाने को बेताब रहती थी। वह जहां भी रैली करने जाते थे भीड़ टूट पड़ती थी। जब वोट पड़े तो लखनऊ की जनता ने उन्हें बता दिया कि उनको वह नेता नहीं अभिनेता ही ज्यादा मानते है राजबब्बर सवा लाख वोटों से हार गए थे। 

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