उत्तर प्रदेशः उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, जितिन प्रसाद और दिनेश खटिक की नाराजगी से योगी सरकार के लिए असहज करने वाले हालात बने, विपक्ष ने किया सीएम पर हमला

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 21, 2022 01:31 PM2022-07-21T13:31:39+5:302022-07-21T13:32:51+5:30

स्वास्थ्य विभाग में तबादलों को लेकर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक की नाराजगी और मंत्री जितिन प्रसाद के लोक निर्माण विभाग में पांच वरिष्ठ अधिकारियों के निलंबन के बाद जल शक्ति राज्य मंत्री दिनेश खटिक ने दलित होने के कारण अधिकारियों द्वारा अपनी अनदेखी का आरोप लगाते हुए इस्तीफे की पेशकश की है।

Uttar Pradesh Deputy CM Brijesh Pathak, Jitin Prasad and Dinesh Khatik naraj uncomfortable situations Yogi government opposition attack CM | उत्तर प्रदेशः उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, जितिन प्रसाद और दिनेश खटिक की नाराजगी से योगी सरकार के लिए असहज करने वाले हालात बने, विपक्ष ने किया सीएम पर हमला

समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी तथा कांग्रेस ने राज्य सरकार को इस मसले पर घेरा।

Highlightsदिनेश खटिक ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को संबोधित एक पत्र में इस्तीफा देने की इच्छा जाहिर की। पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। तबादलों में स्थानांतरण नीति का ठीक से पालन नहीं किया गया।

लखनऊः उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के दूसरे कार्यकाल में मंत्रियों की नाराजगी से उसके लिए असहज करने वाली पस्थितियां पैदा हो गई हैं। सपा, कांग्रेस और बसपा ने सीएम योगी पर हमला कर दिया है।

स्वास्थ्य विभाग में तबादलों को लेकर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक की नाराजगी और मंत्री जितिन प्रसाद के लोक निर्माण विभाग में पांच वरिष्ठ अधिकारियों के निलंबन के बाद जल शक्ति राज्य मंत्री दिनेश खटिक ने दलित होने के कारण अधिकारियों द्वारा अपनी अनदेखी का आरोप लगाते हुए इस्तीफे की पेशकश की है।

खटिक ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को संबोधित एक पत्र में इस्तीफा देने की इच्छा जाहिर की। उनका यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस्तीफे की पेशकश करने वाले जल शक्ति राज्यमंत्री खटिक ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में अपने विभाग में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए और कहा कि अधिकारी उनकी बात नहीं सुनते।

हस्तिनापुर से भाजपा विधायक खटिक ने विभागीय अधिकारियों के खिलाफ शिकायत करते हुए अपनी दलित पृष्ठभूमि का जिक्र किया। इससे पहले, प्रदेश के उपमुख्यमंत्री जो कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री भी हैं, ने जुलाई के शुरू में विभाग में हुए तबादलों पर नाराजगी जाहिर करते हुए आरोप लगाया था कि तबादलों में स्थानांतरण नीति का ठीक से पालन नहीं किया गया।

उन्होंने इस सिलसिले में विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद से जवाब भी तलब किया था। प्रदेश सरकार के लिए असहज स्थिति पैदा करने वाले इस मामले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन सदस्यीय जांच समिति बनायी है। इसी बीच प्रदेश के लोक निर्माण विभाग में हुए तबादलों में गंभीर अनियमितताओं की शिकायत पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेशानुसार बुधवार को पांच वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया। हालांकि विभागीय मंत्री जितिन प्रसाद ने इसे भ्रष्टाचार के प्रति सरकार की 'जीरो टॉलरेंस' की नीति का परिणाम बताया।

विभाग में हुए तबादलों में अनियमितताओं को लेकर नाराजगी के सवाल पर प्रसाद ने कहा "नाराजगी का कोई प्रश्न ही नहीं है।" केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उनका ऐसा कोई इरादा नहीं है।

बहरहाल, सरकार के अंदर चल रहे इन विवादों ने विपक्ष को मौका दे दिया और समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी तथा कांग्रेस ने राज्य सरकार को इस मसले पर घेरा। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, "जहाँ मंत्री होने का सम्मान तो नहीं, परंतु दलित होने का अपमान मिले… ऐसी भेदभावपूर्ण भाजपा सरकार से त्यागपत्र देना ही अपने समाज का मान रखने के लिए यथोचित उपाय है।

कभी-कभी बुलडोज़र उल्टा भी चलता है।" उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा "उत्तर प्रदेश भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार और कुशासन की क्रॉनॉलॉजी समझिए: - पहले लोक निर्माण विभाग के मंत्रालय में विद्रोह - फिर स्वास्थ्य मंत्रालय में विद्रोह - अब जल शक्ति मंत्रालय में विद्रोह जनता पूछ रही है, उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ईमानदारी से बताए… अब अगली बारी किसकी है?"

बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने भी एक ट्वीट कर कहा, "उत्तर प्रदेश भाजपा मंत्रिमण्डल के भीतर भी दलित मंत्री की उपेक्षा अति-निन्दनीय व दुर्भाग्यपूर्ण। ऐसी खबरें राष्ट्रीय चर्चाओं में। सरकार अपनी जातिवादी मानसिकता व दलितों के प्रति उपेक्षा, तिरस्कार, शोषण व अन्याय को त्याग कर उनकी सुरक्षा व सम्मान का ध्यान रखने का दायित्व जरूर निभाए।"

कांग्रेस के मीडिया संयोजक अंशु अवस्थी ने अपने बयान में कहा कि दिनेश खटिक द्वारा इस्तीफे का प्रस्ताव किया जाना भाजपा सरकार में दलितों के अपमान और जीरो टॉलरेंस की सच्चाई को उजागर करता है। उन्होंने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार एक उद्योग बन गया है जो भाजपा की सरकार में फल-फूल रहा है। 

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