उप्र जनसंख्या मसौदा विधेयक: सीएम योगी बोले-बढ़ती जनसंख्या विकास की राह में रोड़ा, दो से अधिक बच्चे होने पर...
By सतीश कुमार सिंह | Published: July 11, 2021 12:52 PM2021-07-11T12:52:02+5:302021-07-11T14:49:14+5:30
उत्तर प्रदेश सरकार जनसंख्या नियंत्रण में मदद के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए रविवार को 2021-2030 के लिए एक नई जनसंख्या नीति की घोषणा की।
लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई के अवसर पर नई जनसंख्या नीति 2021-30 जारी की।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बढ़ती हुई जनसंख्या विकास की राह में रोड़ा बन सकती है। जनसंख्या नीति 2021-2030 में हर समुदाय का ध्यान रखा गया है। कानून का प्रावधान एक विवाहित जोड़े पर लागू होगा। जहां लड़के की उम्र 21 साल से कम नहीं और लड़की की उम्र 18 साल से कम नहीं होना चाहिए।
समाज को जागरूक करने का प्रण
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि बढ़ती जनसंख्या समाज में व्याप्त असमानता और अन्य समस्याओं की जड़ है और समाज की उन्नति के लिए जनसंख्या नियंत्रण प्राथमिक शर्त है। मुख्यमंत्री ने रविवार को यहां पांच कालिदास मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास पर 'विश्व जनसंख्या दिवस’ के अवसर पर ‘उत्तर प्रदेश जनसंख्या नीति 2021-2030’ का लोकार्पण करने के बाद आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए बढ़ती जनसंख्या की समस्या के प्रति स्वयं तथा समाज को जागरूक करने का प्रण लेने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया के अंदर इस विषय को लेकर समय समय पर चिंता व्यक्त की गई कि बढ़ती जनसंख्या विकास में कहीं न कहीं बाधक हो सकती है और उस पर अनेक मंचों से पिछले चार दशकों से निरंतर चर्चा चल रही है। उन्होंने कहा,‘‘ जिन देशों ने, जिन राज्यों ने इस दिशा में अपेक्षित प्रयास किये उनके सकारात्मक प्रयास देखने को मिले हैं। इसमें और भी प्रयास किये जाने की आवश्यकता है’’
सरकारी सब्सिडी प्राप्त करने का अधिकार नहीं होगा
मसौदा विधेयक में सुधार के लिए जनता से सुझाव मांगे गए हैं और इसकी अंतिम तिथि 19 जुलाई है। प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण विधेयक के एक मसौदे के अनुसार, उत्तर प्रदेश में दो-बच्चों की नीति का उल्लंघन करने वाले को स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने, सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने, पदोन्नति और किसी भी प्रकार की सरकारी सब्सिडी प्राप्त करने का अधिकार नहीं होगा।
राज्य विधि आयोग ने उत्तर प्रदेश जनसंख्या (नियंत्रण, स्थिरीकरण एवं कल्याण) विधेयक-2021 का प्रारूप तैयार कर लिया है। उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग (यूपीएसएलसी) की वेबसाइट के अनुसार, ‘‘राज्य विधि आयोग, उप्र राज्य की जनसंख्या के नियंत्रण, स्थिरीकरण और कल्याण पर काम कर रहा है और एक विधेयक का प्रारूप तैयार किया है।’’
विधि आयोग ने इस विधेयक का प्रारूप अपनी सरकारी वेबसाइट पर अपलोड किया है और 19 जुलाई तक जनता से इस पर राय मांगी गई है। इस विधेयक के प्रारूप के अनुसार इसमें दो से अधिक बच्चे होने पर सरकारी नौकरियों में आवेदन से लेकर स्थानीय निकायों में चुनाव लड़ने पर रोक लगाने का प्रस्ताव है। इसमें सरकारी योजनाओं का भी लाभ न दिए जाने का जिक्र है।
Increasing population can be a hurdle in way of development. Every community has been taken care of in Population Policy 2021-2030: Chief Minister Yogi Adityanath pic.twitter.com/WEjuC42tDA
— ANI UP (@ANINewsUP) July 11, 2021
छुट्टी और नियोक्ता के योगदान कोष में तीन प्रतिशत की वृद्धि
प्रारूप में कहा गया है, ‘‘दो बच्चों के मानदंड को अपनाने वाले सरकारी कर्मचारियों को पूरी सेवा में मातृत्व या पितृत्व अवकाश के दौरान दो अतिरिक्त वेतन वृद्धि मिलेगी। इसके अलावा राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत पूरे वेतन और भत्तों के साथ 12 महीने की छुट्टी और नियोक्ता के योगदान कोष में तीन प्रतिशत की वृद्धि की बात भी कही गयी है।’’
अधिनियम के क्रियान्वयन के उद्देश्य से राज्य जनसंख्या कोष का गठन किया जाएगा। सरकार के कर्तव्यों को सूचीबद्ध करते हुए, मसौदा विधेयक में कहा गया है, ‘‘सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रसूति केंद्र स्थापित किए जाएंगे। केंद्र और गैर सरकारी संगठन गर्भनिरोधक गोलियां, कंडोम आदि वितरित करेंगे, सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से परिवार नियोजन के तरीकों के बारे में जागरूकता फैलाएंगे और राज्य भर में गर्भधारण, प्रसव, जन्म और मृत्यु का अनिवार्य पंजीकरण सुनिश्चित करेंगे।’’
सुरक्षित जीवन सभी नागरिकों के लिए सुलभ हों
मसौदा विधेयक में यह भी कहा गया है कि सभी माध्यमिक विद्यालयों में जनसंख्या नियंत्रण से संबंधित एक अनिवार्य विषय रखना सरकार का कर्तव्य होगा। इसमें कहा गया है कि दो बच्चों के मानदंड को लागू करने और बढ़ावा देकर राज्य की जनसंख्या को नियंत्रित करने, स्थिर करने और कल्याण करने के उपायों को प्रदान करने का प्रयास किया जायेगा।
On the occasion of World Population Day, Chief Minister Yogi Adityanath inaugurated the state's Population Policy 2021-2030 pic.twitter.com/zda4VNWc0G
— ANI UP (@ANINewsUP) July 11, 2021
इसमें कहा गया है, ‘‘उत्तर प्रदेश में, सीमित पारिस्थितिकी और आर्थिक संसाधन हैं। यह जरूरी है कि किफायती भोजन, सुरक्षित पेयजल, अच्छे आवास, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच सहित मानव जीवन की बुनियादी आवश्यकताओं का प्रावधान हो। आर्थिक/आजीविका के अवसर, घरेलू उपभोग के लिए बिजली और एक सुरक्षित जीवन सभी नागरिकों के लिए सुलभ हों।’’
मसौदा विधेयक में कहा गया है कि राज्य में जनसंख्या नियंत्रण, स्थिरीकरण और इसके कल्याण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए गुणवत्तापूर्ण प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता, पहुंच और सामर्थ्य बढ़ाने से संबंधित उपाय सुनिश्चित करना आवश्यक है।