यूपी चुनावः जातीय समीकरण बैठाने में लगे सभी दल, ब्राह्मण मतदाता पर फोकस, जानें सबकुछ
By शीलेष शर्मा | Published: January 4, 2022 07:10 PM2022-01-04T19:10:30+5:302022-01-04T19:11:36+5:30
समाजवादी पार्टी की सूची में यादव ,मुस्लिम ,ब्राह्मणों का बोलबाला होगा। बसपा दलित उम्मीदवारों के साथ साथ ब्राह्मण और मुस्लिम उम्मीदवारों पर दांव लगाने जा रही है।
नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश में चुनाव नज़दीक आते देख राजनीतिक दल जातीय समीकरण का गणित बैठने में जुट गये हैं। भाजपा जातीय समीकरण के साथ-साथ धार्मिक उन्माद को भी बढ़ाने में लगी है।
चुनाव जीतने के लिये भाजपा की निगाह प्रदेश के लगभग 80 फ़ीसदी हिन्दू आबादी पर है। प्रदेश में हिन्दू आबादी 79. 70 फीसदी है, जबकि मुस्लिम आबादी महज़ 19. 30 फीसदी तथा अन्य समुदाय की आबादी महज 1 फीसदी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा हिन्दू आबादी में भी जातीय समीकरण को देख कर उम्मीदवारों का चयन करने की रणनीति पर काम कर रही है।
अगर प्रदेश के जातीय समीकरण का विश्लेषण करें तो, प्रदेश में यादव 8. 50 फ़ीसदी ,कुर्मी 3 फ़ीसदी ,जाटव 11. 50 फ़ीसदी , ब्राह्मण 10 फ़ीसदी ,ठाकुर 8. 50 फ़ीसदी तथा अन्य जातियां लगभग 25 फ़ीसदी हैं जिसमें मुस्लिम और कुछ छोटी जातियां शामिल हैं। सूत्र बताते हैं कि भाजपा ठाकुरों ,वैश्यों ,कुर्मियों और ब्राह्मणों को सर्वाधिक उम्मीदवार बनाने जा रही है।
जबकि समाजवादी पार्टी की सूची में यादव ,मुस्लिम ,ब्राह्मणों का बोलबाला होगा। बसपा दलित उम्मीदवारों के साथ साथ ब्राह्मण और मुस्लिम उम्मीदवारों पर दांव लगाने जा रही है। कांग्रेस की सूची में महिला उम्मीदवारों की बड़ी संख्या के साथ दलित, मुस्लिम, ब्राह्मण उम्मीदवारों की संख्या का वर्चस्व नज़र आयेगा। महिला उम्मीदवारों के चयन में भी जातीय समीकरण हावी रहने जा रहा है।