अमेरिका ने कहा, NSG में भारत की एंट्री को रोक रहा है चीन- जानिए क्या है कारण ?
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: September 14, 2018 05:13 AM2018-09-14T05:13:23+5:302018-09-14T05:14:48+5:30
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक अधिकारी ने हाल ही में इस पर कहा है कि भारत में न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप की सदस्यता पाने की पूरी योग्यता है लेकिन चीन ने इस पर वीटो लगा रखा है।
भारत चीन के कारण से न्यूक्लियर्स सप्लायर ग्रुप की सदस्यता से दूर है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक अधिकारी ने हाल ही में इस पर कहा है कि भारत में न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप की सदस्यता पाने की पूरी योग्यता है लेकिन चीन ने इस पर वीटो लगा रखा है। हांलाकि अमेरिका भारत को इस ग्रुप में सदस्य बनाए जाने का समर्थन कर रहा है।
भारत को अमेरिका व दूसरे पश्चिमी देशों का न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप की सदस्यता के लिए भारत को समर्थन प्राप्त है। लेकिन चीन इसमें रोक बना हुआ है। वह अपने इस रुख पर अड़ा है कि नए सदस्यों की एंट्री के लिए जरूरी है कि वह पहले परमाणु अप्रसार संधि पर साइन करे। भारत को चीन की इसी शर्त ने रोक रखा है, क्यों कि भारत के द्वारा परमाणु अप्रसार संधि पर साइन नहीं किए गए हैं।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय में दक्षिण और मध्य एशिया विभाग की एलिस वेल्स ने वाशिंगटन में कहा है कि न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप आपसी सहमति पर काम करने वाला संगठन है। इसमें किसी भी नए सदस्य को सभी एंट्री मिल सकती है जब सबकी बराबर सहमति बनती है। हांलाकि सभी प्रमुख देश भारत की एंट्री के लिए खुश हैं लेकिन चीन ने वीटो लगाया हुआ है। जिस कारण से भारत को सदस्या प्राप्त नहीं पा रही है।
अमेरिका का कहना है कि भारत के साथ वह अपने संबंध और प्रबल करने जा रहा है लेकिन चीनी वीटो भारत-अमेरिका सहयोग में रोड़ा नहीं बन सकता। चीन के वीटो के कारण हम भारत के साथ अपने सहयोग को सीमित नहीं करेंगे। भारत एनएसजी की सभी योग्यताओं को पूरा करता है तथा हम भारत की सदस्यता की सक्रियता है। ऐसे में देखना है होगा कि चीन भारत के प्रति रूख बदलता है या फिर अमेरिका के किसी कदम के बाद भी भारत को सदस्यता प्राप्त हो पाती है।