अमेरिका ने भारत के नये नागरिकता कानून के तहत समान संरक्षण पर दिया जोर

By भाषा | Published: January 25, 2020 08:52 PM2020-01-25T20:52:52+5:302020-01-25T20:52:52+5:30

उल्लेखनीय है कि सीएए के मुताबिक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक प्रताड़ना के बाद 31 दिसम्बर 2014 तक भारत आये हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के सदस्यों को भारतीय नागरिकता मिलेगी।

US emphasizes equal protection under India's new citizenship law | अमेरिका ने भारत के नये नागरिकता कानून के तहत समान संरक्षण पर दिया जोर

अमेरिका सहित 15 देशों के राजनयिकों ने पिछले महीने जम्मू कश्मीर का दौरा किया था

Highlightsअमेरिका की एक शीर्ष राजनयिक ने कानून के तहत समान संरक्षण के सिद्धांत का महत्व रेखांकित किया है।नयी दिल्ली में आयोजित ‘रायसीना डायलॉग’ में भी हिस्सा लिया था।

भारत में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर विरोध-प्रदर्शनों के बीच अमेरिका की एक शीर्ष राजनयिक ने कानून के तहत समान संरक्षण के सिद्धांत का महत्व रेखांकित किया है। दक्षिण एवं मध्य एशिया के लिए कार्यवाहक सहायक विदेश मंत्री एलिस वेल्स हाल में क्षेत्र के एक दौरे से लौटी हैं। उन्होंने नयी दिल्ली में आयोजित ‘रायसीना डायलॉग’ में भी हिस्सा लिया था। एलिस वेल्स ने शुक्रवार को कहा कि उनकी यात्रा से नये नागरिकता कानून के संबंध में और अधिक सुनने का एक मौका मिला।

उल्लेखनीय है कि सीएए के मुताबिक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक प्रताड़ना के बाद 31 दिसम्बर 2014 तक भारत आये हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के सदस्यों को भारतीय नागरिकता मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘‘उनकी यात्रा से उन्हें भारत के संशोधित नागरिकता कानून के संबंध में घटनाक्रमों के बारे में और अधिक सुनने का मौका मिला। मैं कहूंगी कि वहां लोकतंत्र एक परीक्षण के दौर से गुजर रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम कानून के तहत समान संरक्षण के सिद्धांत के महत्व को रेखांकित करते हैं।’

वेल्स ने जम्मू-कश्मीर पर कहा कि वह ‘‘कुछ वृद्धिशील कदमों को देखकर खुश हैं जिसमें इंटरनेट सेवाओं की आंशिक बहाली शामिल है।’’ पाबंदियां गत वर्ष पांच अगस्त को लगाई गई थीं जब भारत ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान समाप्त कर दिये थे और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था।

वेल्स ने भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ जस्टर और अन्य विदेशी राजनयिकों की जम्मू- कश्मीर के दौरे को एक ‘‘उपयोगी कदम’’ करार दिया। उन्होंने कहा, ‘‘हम सरकार से आग्रह करते हैं कि वह हमारे राजनयिकों को नियमित पहुंच की इजाजत दे और बिना किसी आरोप के हिरासत में रखे गए नेताओं को रिहा करने पर त्वरित कदम उठाये।’’

उल्लेखनीय है कि अमेरिका सहित 15 देशों के राजनयिकों ने पिछले महीने जम्मू कश्मीर का दौरा किया था और वहां चुनिंदा राजनीतिक प्रतिनिधियों और नागरिक समाज के सदस्यों के अलावा शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ संवाद किया था।

Web Title: US emphasizes equal protection under India's new citizenship law

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