UPSC प्रीलिम्स पास करने वालों को इस राज्य में मिले 100000 रु, जानें इसके पीछे की बड़ी पहल
By आकाश चौरसिया | Updated: August 29, 2024 16:43 IST2024-08-29T16:29:05+5:302024-08-29T16:43:01+5:30
एक रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि राजीव गांधी सिविल्स अभयहस्तम कार्यक्रम ने उम्मीदवारों और उनके परिवारों के लिए आत्मविश्वास बढ़ाने का काम किया, क्योंकि सिंगरेनी कंपनी प्रारंभिक परीक्षा पास करने वालों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

फोटो क्रेडिट- (एक्स)
हैदराबाद: 'राजीव गांधी सिविल अभयहस्तम' पहल के तहत तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले प्रत्येक सिविल सेवा उम्मीदवार को 1 लाख रुपये दिए। अब तक कुल 135 अभ्यर्थियों को चेक प्रदान किये गये। राज्य के मुख्यमंत्री ने समारोह में यह भी घोषणा की कि यूपीएससी मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवारों को अतिरिक्त 1 लाख रुपये मिलेंगे।
कार्यक्रम का उद्देश्य यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि राजीव गांधी सिविल्स अभयहस्तम कार्यक्रम ने उम्मीदवारों और उनके परिवारों के लिए आत्मविश्वास बढ़ाने का काम किया, क्योंकि सिंगरेनी कंपनी प्रारंभिक परीक्षा पास करने वालों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है। उन्होंने अभ्यर्थियों से प्रतियोगी परीक्षाओं में उच्च सफलता दर लाकर तेलंगाना को गौरवान्वित करने का आग्रह किया।
राजीव गांधी सिविल्स अभयहस्तम योजना क्या है?
राजीव गांधी सिविल्स अभयहस्तम योजना की शुरुआत सीएम रेवंत रेड्डी ने 20 जुलाई, 2024 को की। इस कार्यक्रम के पात्र उम्मीदवारों को दिया, जिसमें सामान्य (ईडब्ल्यूएस), बीसी, एससी या एसटी वर्ग के छात्र शामिल थे। उन्हें यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी और तेलंगाना के स्थायी निवासी होने चाहिए।
परिवार की आय 8 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए, और वे केवल एक बार वित्तीय सहायता प्राप्त करने के पात्र हैं, जब वे सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करने का प्रयास कर रहे हों। संघीय, राज्य या स्थानीय सरकारी एजेंसियों में पूर्णकालिक नौकरी करने वाले आवेदक पात्र नहीं हैं।
न्यूज18 के अनुसार रेवंत रेड्डी ने कहा, “टीजीपीएससी परीक्षा में पेपर लीक होने के कारण पिछले 10 वर्षों में बेरोजगार युवाओं को बहुत नुकसान हुआ है। इसलिए, हमारी सरकार ने बेरोजगारों की समस्याओं को दूर करना अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बना ली है। सत्ता में आने के 3 महीने के भीतर 30,000 पदों को भरने के लिए नियुक्ति आदेश दिए गए। हमने अभ्यर्थियों की शिकायतें भी सुनीं और ग्रुप 2 की परीक्षा स्थगित कर दी। हमारी पहली प्राथमिकता बेरोजगारों की समस्याओं का समाधान करना है। हम परीक्षाओं को योजनाबद्ध तरीके से कुशलतापूर्वक आयोजित करेंगे।”