जदयू में विद्रोही तेवर अपनाये उपेन्द्र कुशवाहा अब बोले- किसी भी हाल में तेजस्वी यादव का नेतृत्व स्वीकार नहीं
By एस पी सिन्हा | Published: February 8, 2023 03:21 PM2023-02-08T15:21:12+5:302023-02-08T15:24:07+5:30
उपेंद्र कुशवाहा ने एक बार फिर कहा है कि वह नीतीश कुमार से तमाम मुद्दों पर किसी भी समय बातचीत के लिए तैयार हैं। साथ ही उन्होंने ये भी साफ किया कि उन्हें किसी भी सूरत में राजद नेता तेजस्वी यादव का नेतृत्व कभी भी स्वीकार नहीं होगा।
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और ललन सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल चुके उपेन्द्र कुशवाहा लगातार पार्टी और नेताओं पर तीखा हमला बोल रहे हैं। उपेंद्र कुशवाहा ने अब साफ कर दिया है कि उन्हें किसी भी सूरत में राजद नेता तेजस्वी यादव का नेतृत्व कभी भी स्वीकार नहीं होगा। उन्होंने एक बार फिर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए उन्हें दिल से फैसला लेने की मांग की।
लालूराज की याद दिलाते हुए उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि नीतीशजी, राजद से डील जदयू को खत्म कर देगी। इसलिए आप दूसरी की सलाह के बजाय अपने दिल से काम कीजिए। अगर किसी तरह की डील राजद से हुआ है तो उसे तुरंत खत्म कीजिए और अगर कोई डील नहीं हुआ है तो आप खुद इसका खंडन कीजिए।
मेरा चेहरा ठीक नहीं तो किसी और को दीजिए जिम्मेदारी: उपेंद्र कुशवाहा
उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि सरकार एवं पार्टी में लवकुश समीकरण का ध्यान रखते हुए किसी नेता को बड़ी जिम्मेदारी दीजिए। अगर उपेन्द्र कुशवाहा का चेहरा ठीक नहीं हो तो कोई बात नहीं। किसी दूसरे अति पिछड़ा नेता को बड़ी जिम्मेदारी दीजिए। मैं जदयू का प्राथमिक सदस्य रहकर भी काम करने को तैयार हूं।
उन्होंने कहा कि वह कभी भी जदयू से अलग नहीं होने वाले हैं। उन्हें पार्टी के अंदर यदि पांच रुपए वाला कार्यकर्त्ता भी बनकर रहना होगा तो रह लेंगे। लेकिन भाजपा के साथ नहीं जाएंगे। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि वे तेजस्वी यादव को भी अपना नेता मानने को तैयार नहीं है। वहीं पार्टी छोड़ने के सवाल पर उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि वे जदयू को मजबूत करने की बात कह रहें हैं और इसके लिए ही उन्होंने 19-20 फरवरी को बैठक बुलाई है।
भाजपा के इशारे पर बयानबाजी कर रहे हैं उपेंद्र कुशवाहा?
भाजपा के इशारे पर बयानबाजी करने के सवाल पर उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि ये मायने नहीं रखता है कि वे भाजपा के इशारे पर बोल रहे हैं या मुस्लिम लीग के, जरूरी बात है कि वे जदयू को मजबूत करने की बात कर रहें हैं।
उन्होंने कहा कि इस पार्टी को बनाने में और लालू राज के खौफ के खिलाफ लव- कुश के साथ बिहार के सवर्ण समाज ने काफी संघर्ष किया है। इस संघर्ष के बाद सत्ता में आये नीतीश ने लालूराज के खौफ को खत्म करने के लिए काफी काम किया है और आज फिर उसी खौफ साये में बिहार को ले जानने की तैयारी है। इसके लिए राजद से डील की गई है।
उन्होंने कहा कि तीन चार को छोड़कर जदयू के अधिकांश नेता डील को लेकर सशंकित हैं। अगर मीडिया के कैमरे के बजाय अनौपचारिक बातचीत इन नेताओं से करें तो हकीकत सामने आ जाएगी। सार्वजनिक रूप से लोग अभी नहीं बोलना चाह रहें हैं।
उन्होंने कहा कि मैं एक बार फिर से पार्टी के नेता नीतीश कुमार से बातचीत करने का उनके तरफ से बुलावा भेजने को इंतजार कर रहे हैं। यदि वो मुझे रात में 12:30 बजे का भी समय देते हैं तो मुझे उसमें भी आपत्ति नहीं होगा। मैं उनसे किसी भी बातचीत करने को तैयार हूं। मैं उनके दरबार में किसी भी समय हाजिरी लगाने को तैयार हूं। मैं जदयू में हूं और पूरी मजबूती के साथ पार्टी को मजबूत करने में लगा हुआ हूं।