उत्तर प्रदेश: योगी सरकार लायी निजी और सार्वजनिक सम्पत्ति के नुकसान से जुड़ा अध्यादेश

By भाषा | Published: March 14, 2020 06:05 AM2020-03-14T06:05:48+5:302020-03-14T06:05:48+5:30

फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि उक्त अध्यादेश पिछली तारीख से लागू होगा या नहीं। राज्य सरकार ने कथित दंगाइयों के पोस्टर राजधानी लखनऊ में जगह-जगह लगाए जाने को एक पुराने शासनादेश के अनुरूप करार दिया और कहा कि इससे पहले किसी भी सरकार ने इस शासनादेश के तहत कार्यवाही नहीं की थी।

UP: Yogi Adityanath govt brings ordinance related to loss of private and public property | उत्तर प्रदेश: योगी सरकार लायी निजी और सार्वजनिक सम्पत्ति के नुकसान से जुड़ा अध्यादेश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। (फाइल फोटो)

Highlightsराज्य के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने संवाददाताओं को बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में उत्तर प्रदेश रिकवरी आफ डैमेज टू पब्लिक एण्ड प्राइवेट प्रापर्टी अध्यादेश-2020 को मंजूरी दी गई।खन्ना ने अध्यादेश के बारे में विस्तार से कुछ नहीं बताया। उन्होंने बस इतना कहा कि जल्द ही नियमावली बनेगी जिसमें सारी चीजों को स्पष्ट किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश राजधानी लखनऊ में दंगों के आरोपियों के विवादास्पद होर्डिंग लगवाने वाली उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रिमण्डल ने जुलूसों, विरोध प्रदर्शन कार्यक्रमों आदि में निजी तथा सार्वजनिक सम्पत्ति के नुकसान की भरपाई के सम्बन्ध में शुक्रवार को उत्तर प्रदेश रिकवरी ऑफ डैमेज टू पब्लिक एण्ड प्राइवेट प्रॉपर्टी अध्यादेश-2020 को मंजूरी दे दी।

फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि उक्त अध्यादेश पिछली तारीख से लागू होगा या नहीं। राज्य सरकार ने कथित दंगाइयों के पोस्टर राजधानी लखनऊ में जगह-जगह लगाए जाने को एक पुराने शासनादेश के अनुरूप करार दिया और कहा कि इससे पहले किसी भी सरकार ने इस शासनादेश के तहत कार्यवाही नहीं की थी।

राज्य के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने संवाददाताओं को बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में उत्तर प्रदेश रिकवरी आफ डैमेज टू पब्लिक एण्ड प्राइवेट प्रापर्टी अध्यादेश-2020 को मंजूरी दी गई।

उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने रिट याचिका संख्या 77/2007 संलग्न रिट याचिका संख्या 73/2007 में विशेष रूप से देश में राजनीतिक जुलूसों, अवैध प्रदर्शन, हड़ताल तथा बंद के दौरान उपद्रवियों द्वारा पहुंचाये गये नुकसान की भरपाई के लिये दावा अधिकरण की स्थापना के निर्देश जारी किये थे। उसी सम्बन्ध में अध्यादेश लाया गया है।

खन्ना ने अध्यादेश के बारे में विस्तार से कुछ नहीं बताया। उन्होंने बस इतना कहा कि जल्द ही नियमावली बनेगी जिसमें सारी चीजों को स्पष्ट किया जाएगा। इस सवाल पर कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने लखनऊ में लगे कथित उपद्रवियों की तस्वीर वाले पोस्टर 16 मार्च तक हटाने के आदेश दिये हैं, ऐसे में क्या यह नियमावली उससे पहले बन जाएगी, खन्ना ने कहा ''नियमावली 16 तक कैसे आ सकती है। उसे भी कैबिनेट की मंजूरी चाहिए होती है।’’

इस मौके पर उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कथित दंगाइयों के होर्डिंग लगाने को एक पुराने शासनादेश (जीओ) के तहत उठाया गया कदम करार दिया और कहा कि इसके जरिये अदालत का ही सम्मान किया जा रहा था। उन्होंने कहा, ''हमने जीओ के माध्यम से ऐसा किया। वह कानूनी तौर पर गलत नहीं था। जीओ हमारी सरकार का नहीं है। वह काफी पुराना है। उसको लेकर पहले किसी सरकार ने कार्रवाई नहीं की थी, मगर हमने की है।''

गौरतलब है कि लखनऊ जिला प्रशासन ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ पिछले साल 19 दिसम्बर को राजधानी में उग्र प्रदर्शन के मामले में आरोपी 57 लोगों की तस्वीर और निजी जानकारी वाले होर्डिंग जगह—जगह लगवाये हैं। उनमें से कई को सुबूतों के अभाव में जमानत मिल चुकी है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इसका स्वत: संज्ञान लिया और इसे निजता का हनन करार देते हुए सरकार को 16 मार्च तक होर्डिंग हटाने के आदेश दिये थे। राज्य सरकार ने इस आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है। उच्च न्यायालय ने भी सरकार से पूछा कि आखिर किस कानून के तहत उसने वे होर्डिंग लगवाये हैं। मामले की सुनवाई अगले हफ्ते होगी।

Web Title: UP: Yogi Adityanath govt brings ordinance related to loss of private and public property

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