झारखंड में स्थलों के संरक्षण एवं विकास के लिए पांच करोड़ तक खर्च किये जा सकेंगे
By भाषा | Published: June 30, 2021 12:14 AM2021-06-30T00:14:14+5:302021-06-30T00:14:14+5:30
रांची, 29 जून झारखंड सरकार ने मंगलवार को फैसला किया कि राज्य में अब सरना, जाहेरस्थान, हड़गड़ी व मसना स्थल के संरक्षण और विकास के लिए जनजातीय विभाग 25 लाख रुपये से लेकर पांच करोड़ रुपये तक खर्च कर सकेगा।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आज यहां हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में इस आशय का फैसला लिया गया।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने जनजातीय संस्कृति के संरक्षण के लिए इस समुदाय के पवित्र स्थलों को संरक्षित करने के साथ-साथ विकसित करने के लिए पांच करोड़ रुपये तक खर्च करने की अनुमति प्रदान कर दी है।
मंगलवार के फैसले के अनुसार, योजना के नाम में अब घेराबंदी शब्द की जगह संरक्षण एवं विकास जोड़ दिया गया है। इस प्रकार सरना, जाहेरस्थान, हड़गड़ी व मसना स्थल के संरक्षण के लिए विभाग 25 लाख रुपये से लेकर पांच करोड़ रुपये तक खर्च कर सकेगा। पच्चीस लाख रुपये तक की राशि लाभुक समिति के माध्यम से खर्च की जाएगी जबकि इसके ऊपर की राशि के लिए निविदा प्रक्रिया अपनाई जाएगी। सरकार की योजना है कि इन स्थलों पर लोगों के बैठने के लिए चबूतरे का निर्माण, पानी, बिजली, पार्किंग आदि आधारभूत संरचना का विकास किया जाएगा।
पहले इन स्थलों की रक्षा के लिए भूमि की घेरेबंदी के लिए ही राज्य सरकार की ओर से व्यय का प्रावधान था।
एक अन्य फैसले में मंत्रिपरिषद् ने पाकुड़ प्रक्षेत्र, पाकुड़ वन प्रमंडल के वन क्षेत्र अधिकारी अनिल कुमार सिंह द्वारा सरकारी सेवा में रहते हुए सरकार के द्वारा चलाए जा रहे कार्यों, नीतियों के विरुद्ध वाद दायर करने तथा विभागीय दायित्वों के निर्वहन में बरती गई अनियमितता/अनुशासनहीनता के आलोक में उन्हें झारखंड सेवा संहिता के नियम-74 (ख) (प) के अंतर्गत अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की स्वीकृति दी गई। मंत्रिपरिषद् ने विभिन्न विभागों के कुल 14 प्रस्तावों को आज अपनी स्वीकृति दी।
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