UP MLA Funds: विधायक निधि अब 5 करोड़, सांसदों के बराबर विकास कार्य करा सकेंगे MLA, जानें पहले क्या था...

By सतीश कुमार सिंह | Published: May 31, 2022 10:31 PM2022-05-31T22:31:40+5:302022-05-31T22:32:54+5:30

UP MLA Funds: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट बृहस्पतिवार को विधानसभा में वित्त मंत्री खन्ना ने पेश किया था।

UP MLA Funds Uttar Pradesh government raises MLA fund Rs 5 crores cm Yogi Adityanath lucknow | UP MLA Funds: विधायक निधि अब 5 करोड़, सांसदों के बराबर विकास कार्य करा सकेंगे MLA, जानें पहले क्या था...

2019 में इसे 1.5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये कर दिया गया।

Highlightsसत्तारूढ़ और विपक्षी दोनों दलों के विधायकों द्वारा मेज थपथपाकर इस घोषणा का स्वागत किया गया।सांसदों और विधायकों दोनों को स्थानीय क्षेत्र विकास (एलएडी) फंड मिलता है।फरवरी 2020 में इसे 2 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 3 करोड़ रुपये सालाना किया गया।

UP MLA Funds:  उत्तर प्रदेश सरकार ने विधायकों को मिलने वाली विधायक क्षेत्र विकास निधि 3 करोड़ से बढ़ाकर 5 करोड़ कर दिया गया। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के बजट पर अपने भाषण के दौरान सदन के पटल पर यह घोषणा की।

सत्तारूढ़ और विपक्षी दोनों दलों के विधायकों द्वारा मेज थपथपाकर इस घोषणा का स्वागत किया गया। सांसदों और विधायकों दोनों को स्थानीय क्षेत्र विकास (एलएडी) फंड मिलता है जिसका उपयोग वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों में विकास कार्य करने के लिए करते हैं।

यूपी के विधायकों के लिए जुटाई गई राशि सांसदों को उनके स्थानीय क्षेत्र विकास कोष के रूप में मिलने वाली राशि के बराबर है। एक लोकसभा क्षेत्र में औसतन पांच विधायक होते हैं, जिनका प्रतिनिधित्व एक सांसद करता है। नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि सभी सदस्य चाहते हैं कि एमएलएएलएडी फंड बढ़ाया जाए और सदन के नेता ने इसे स्वीकार कर लिया।

उन्होंने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। योगी के सीएम बनने के बाद से यह तीसरी बार एमएलएएलएडी फंड में वृद्धि की गई है। 2019 में इसे 1.5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये कर दिया गया। फिर फरवरी 2020 में इसे 2 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 3 करोड़ रुपये सालाना किया गया।

विधानसभा में मंगलवार को वित्त वर्ष 2022-23 के लिए छह लाख 15 हजार 518 करोड़ रुपये का बजट पारित हो गया। इसके बाद सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। विधानसभा में मंगलवार को वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने वित्त वर्ष 2022-23 के बजट से संबंधित उत्तर प्रदेश विनियोग विधेयक, 2022 को पारित करने के लिए प्रस्ताव रखा जो सत्ता पक्ष के सदस्यों के बहुमत से पारित हो गया।

खन्ना ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए छह लाख 15 हजार 518 करोड़ रुपये का यह बजट प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा बजट है। यह पिछले वित्त वर्ष के लिये पारित 5,50,270 करोड़ रुपये के बजट के मुकाबले 65 हजार 249 करोड़ रुपये अधिक है। इस बजट में पुलिस तंत्र में बेहतरी के साथ किसानों, महिलाओं, युवाओं, चिकित्सा, शिक्षा क्षेत्रों और आस्था के केंद्रों के विकास के लिए सरकार ने खजाना खोला है। वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में 39 हजार 181 करोड़ 10 लाख रुपये की नयी योजनाएं शामिल की गयी हैं।

बजट में कुल पांच लाख 90 हजार 951 करोड़ 71 लाख रुपये की कुल प्राप्तियां अनुमानित हैं। इनमें चार लाख 99 हजार 951 करोड़ 71 लाख रुपये की राजस्व प्राप्तियां और 91 हजार 739 करोड़ रुपये की पूंजीगत प्राप्तियां शामिल हैं। बजट में 81 हजार 177 करोड़ 97 लाख रुपये का राजकोषीय घाटा अनुमानित है जो वर्ष के लिये अनुमानित सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 3.96 प्रतिशत है। मंगलवार को संसदीय कार्य और वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने के लिए प्रस्ताव रखा।

यह प्रस्ताव पारित हो गया और विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने अनिश्चित काल के विधानसभा सत्र स्थगित करने की घोषणा की। इससे पहले, महाना ने सदस्यों के प्रति आभार जताया। सत्र के कुशल संचालन के लिए विधानसभा अध्यक्ष को नेता सदन योगी आदित्यनाथ, नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव और अन्य दलीय नेताओं ने बधाई दी और आभार जताया। खन्ना ने कहा कि इस सदन की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि कभी सदन स्थगित नहीं हुआ और इसमें नेता प्रतिपक्ष का बहुत बड़ा योगदान है।

(इनपुट एजेंसी)

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