योगी सरकार में मंत्री दिनेश खटीक ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को भेजा इस्तीफा, कहा- मेरी सुनी नहीं जाती, दलितों का हो रहा है अपमान
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 20, 2022 01:30 PM2022-07-20T13:30:10+5:302022-07-20T13:56:09+5:30
योगी आदित्यनाथ सरकार में जलशक्ति विभाग के राज्यमंत्री दिनेश खटीक के इस्तीफा देने की खबर हैं। सूत्रों के अनुसार खटीक ने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राजभवन को भी भेजा है। साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी चिट्ठी लिखी है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार में जलशक्ति विभाग के राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों के अनुसार उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी चिट्ठी लिखी है और विभाग में भ्रष्टाचार सहित अधिकारियों द्वारा उन्हें तवज्जो नहीं दिए जाने और दलितों को उचित मान-सम्मान नहीं मिलने जैसे आरोप लगाए है।
रिपोर्ट्स के अनुसार दिनेश खटीक ने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राजभवन को भी भेजा है। जलशक्ति विभाग के राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि दलित होने की वजह से विभाग में उनकी नहीं सुनी जा रही है। साथ ही न ही किसी बैठक की सूचना उन्हें दी जाती है।
'केवल गाड़ी मिलना ही राज्य मंत्री का अधिकार?'
नाराज दिनेश खटीक ने अपने इस्तीफे में लिखा है- 'संबंधित विभाग के अधिकारी राज्य मंत्री को केवल विभाग द्वारा गाड़ी उपलब्ध करा देना ही राज्य मंत्री का अधिकार समझते हैं।'
खटीक ने साथ ही कहा कि विभाग में स्थानांतरण सत्र में बहुत बड़ा भ्रष्टाचार किया गया है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में उन्होंने अधिकारियों से विस्तृत जानकारी और स्थानांतरण संबंधिक सूचनाएं भी मांगी थी लेकिन इसे मुहैया नहीं कराया गया।
'नमामि गंगे योजना के अंदर भी बड़ा भ्रष्टाचार'
दिनेश खटीक ने आरोप लगाया कि विभाग में उनके साथ बहुत भेदभाव किया जा रहा है और कोई अधिकार नहीं दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि उनके पत्रों का जवाब भी अधिकारियों की ओर से नहीं दिया जाता है।
नमामि गंगे योजना का जिक्र करते हुए दिनेश खटीक ने कहा कि इसमें भी बहुत भ्रष्टाचार फैला हुआ है। उन्होंने लिखा कि वे जब भी कोई शिकायत किसी अधिकारी के खिलाफ करते हैं तो उस पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। उन्होंने कहा कि उनके दावों की जांच किसकी भी एजेंसी से कराई जा सकती है।
दिनेश खटीक ने लिखा कि जब दलित समाज के राज्य मंत्री का विभाग में कोई अस्तित्व ही नहीं है तो ऐसी स्थिति में उनका काम करना दलित समाज के लिए बेकार है और इसलिए तमाम बातों से आहत होकर वे इस्तीफा दे रहे हैं।