यूपी सरकार ने जमानत के एक महीने बाद भी नहीं किया रिहा, सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराजगी, कहा- भविष्य में इस तरह की गलती ना हो

By विशाल कुमार | Published: January 19, 2022 03:44 PM2022-01-19T15:44:49+5:302022-01-19T15:46:42+5:30

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों को भी निर्देश देते हैं कि भविष्य में इस तरह की चूक या गलती नहीं हो। उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त महाधिवक्ता विनोद दिवाकर ने पीठ को आश्वासन दिया कि व्यक्ति को बुधवार को ही रिहा कर दिया जाएगा।

up govt not released man even after a month of bail supreme court | यूपी सरकार ने जमानत के एक महीने बाद भी नहीं किया रिहा, सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराजगी, कहा- भविष्य में इस तरह की गलती ना हो

यूपी सरकार ने जमानत के एक महीने बाद भी नहीं किया रिहा, सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराजगी, कहा- भविष्य में इस तरह की गलती ना हो

Highlightsशीर्ष अदालत ने आरोपी को 13 दिसंबर, 2021 को जमानत पर छोड़ने का निर्देश दिया थाएक मजिस्ट्रेटी अदालत ने उसक आदेश का उल्लंघन करते हुए आरोपी को हिरासत में भेज दिया।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर राज्य अब इसका पालन नहीं करता तो वह संबंधित सचिव को तलब करेगी।

नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने 3,500 करोड़ रुपये की नोएडा ‘बाइक बोट’ पांजी योजना मामले में गिरफ्तार एक व्यक्ति को उसके एक महीने पुराने आदेश के बावजूद जमानत पर नहीं छोड़ने पर उत्तर प्रदेश सरकार से बुधवार को अप्रसन्नता व्यक्त की।

जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सीटी रविकुमार की तीन सदस्यीय पीठ ने राज्य सरकार पर जुर्माना तो नहीं लगाया लेकिन कहा कि यह गंभीर विषय है।

पीठ ने कहा, ‘‘हम क्या सुन रहे हैं? एक महीने पहले हमने आदेश दिया था और शख्स को अभी तक छोड़ा नहीं गया है। क्या उत्तर प्रदेश की यह स्थिति है जो हमारे सामने पेश की जा रही है। आप एक महीने बाद भी व्यक्ति को रिहा नहीं करेंगे। यह बहुत गंभीर विषय है।’’

शीर्ष अदालत ने कहा कि उसने आरोपी विजय कुमार शर्मा को 13 दिसंबर, 2021 को जमानत पर छोड़ने का निर्देश दिया था और आदेश के बाद भी उसे नहीं छोड़ा गया। बल्कि एक मजिस्ट्रेटी अदालत ने उसक आदेश का उल्लंघन करते हुए आरोपी को हिरासत में भेज दिया।

पीठ ने कहा, ‘‘हम जांच अधिकारी के आचरण की निंदा करते हैं और जिस तरह से मजिस्ट्रेट ने इस अदालत के 13 दिसंबर, 2021 के आदेश की अवमानना करते हुए आवेदक को रिमांड में भेजने का निर्देश देने की कार्रवाई की, उस पर हम गंभीर आपत्ति प्रकट करते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम संबंधित जांच अधिकारी को तत्काल आवेदक को रिहा करने के लिए कदम उठाने और बिना समय गंवाए इस अदालत के आदेश का पालन करने की हिदायत देते हैं। हम उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों को भी निर्देश देते हैं कि भविष्य में इस तरह की चूक या गलती नहीं हो।’’

शीर्ष अदालत ने कहा कि उसने एक उद्देश्य के साथ आदेश पारित किया था और अगर राज्य अब इसका पालन नहीं करता तो वह संबंधित सचिव को तलब करेगी। उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त महाधिवक्ता विनोद दिवाकर ने पीठ को आश्वासन दिया कि व्यक्ति को बुधवार को ही रिहा कर दिया जाएगा।

Web Title: up govt not released man even after a month of bail supreme court

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