कफील खान की रिहाई को योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती, जानिए पूरा मामला
By सतीश कुमार सिंह | Published: December 12, 2020 09:45 PM2020-12-12T21:45:35+5:302020-12-12T21:48:34+5:30
उत्तर प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत डॉ. कफील खान की हिरासत को रद्द करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक विशेष अवकाश याचिका दायर की है।
लखनऊः उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने उच्चतम न्यायालय में डॉक्टर कफील खान की जमानत को चुनौती दी है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कफील की एनएसए के तहत नज़रबंदी को खारिज कर दिया था।
कफील खान को भड़काऊ बयान मामले में एनएसए के तहत नजरबंद किया गया था। इस मामले पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने रिहा कर दिया था। गोरखपुर के डॉ कफील खान को जनवरी 2020 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के खिलाफ दिए गए एक भाषण के तहत जनवरी 2020 में मुंबई से गिरफ्तार किया गया था।
उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि डॉक्टर कफील खान पर लगे आरोप बेहद गंभीर हैं। उच्च न्यायालय ने उन पर लगे आरोपों की पूरी समीक्षा नहीं की। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट के आदेश की समीक्षा करते हुए डॉ.कफील की जमानत को रद करने की अपील की है।
उच्च न्यायालय ने 1 सितंबर को अपने आदेश में कहा था कि डॉक्टर कफील खान की नजरबंदी "गैरकानूनी" थी। डॉक्टर के भाषण को जोड़ने से नफरत या हिंसा को बढ़ावा देने का कोई प्रयास नहीं दिखा। उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक सितंबर के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक विशेष अवकाश याचिका दायर की है।
जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत डॉ. कफील खान की हिरासत को रद्द कर दिया गया था। आधिकारिक वेबसाइट से मिली जानकारी के अनुसार, 26 अक्टूबर को दायर याचिका स्टेट ऑफ यूपी और अन्य वी नुजहत परवीन (डॉ खान की मां) को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सूचीबद्ध किए जाने की संभावना है। सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन सिलिंडर की कमी के कारण 2017 में कई बच्चों की मौत के बाद गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज से उन्हें निलंबित कर दिया गया था।