यूपी चुनाव 2022: योगी आदित्यनाथ बनाने जा रहे हैं इतिहास, 37 साल बाद होगा ऐसा कारनामा, बनेंगे ये रिकॉर्ड भी
By विनीत कुमार | Published: March 10, 2022 11:13 AM2022-03-10T11:13:55+5:302022-03-10T11:19:12+5:30
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव-2022 के नतीजे बता रहे हैं कि एक बार फिर राज्य में भाजपा की सरकार की वापसी हो रही है। रुझान इसका संकेत दे रहे हैं। इसके साथ ही योगी आदित्यनाथ यूपी की राजनीति में कई इतिहास कायम करने जा रहे हैं।
लखनऊ: तमाम कयासों के बीच उत्तर प्रदेश में एक बार फिर भाजपा की सरकार बनती नजर आ रही है। विधानसभा चुनाव के बाद गुरुवार को हो रही मतगणना में सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा रुझानों में बहुमत के पार चली गई है। ताजा आंकड़ों के अनुसार भाजपा 240 से ज्यादा सीटों पर आगे है।
पिछली बार के मुकाबले ये सीटें कम हैं लेकिन इसके बावजूद भाजपा की सरकार का आना तय लग रहा है। आखिरी नतीजों में अगर बहुत कुछ बड़ा उलटफेर नहीं हुआ तो योगी आदित्यनाथ बिना किसी बड़ी मुश्किल के एक बार फिर यूपी में सीएम की कुर्सी संभालेंगे। इसके साथ ही वह यूपी के सियासी मामलों में कई बड़े रिकॉर्ड अपने नाम कर लेंगे।
पांच साल सरकार चलाने के बाद दोबारा सीएम बनेंगे योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश में आजादी के बाद से अब तक कोई भी मुख्यमंत्री पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद ठीक अगले चुनावी नतीजों में अपनी कुर्सी नहीं बचा पाया है। ऐसे में अगर योगी वापसी करते है तो यह बड़ी बात होगी। बता दें कि मायावती पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाली उत्तर प्रदेश की पहली मुख्यमंत्री हैं। वहीं योगी आदित्यनाथ बसपा सुप्रीमो और अखिलेश यादव के बाद अपना कार्यकाल पूरा करने वाले यूपी के तीसरे मुख्यमंत्री हैं।
37 साल बाद यूपी में होगा ऐसा
उत्तर प्रदेश में अभी तक कोई भी मुख्यमंत्री 1985 के बाद लगातार दोबारा नहीं चुना गया है। एनडी तिवारी तब दोबारा सीएम चुने गए थे। ऐसे में भाजपा की जीत इस 37 साल पुराने इतिहास को दोबारा दोहराएगी।
15 साल बाद विधायक बैठेगा सीएम कुर्सी पर
दिलचस्प बात ये भी है कि अगर योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बनते हैं तो सूबे के राजनीतिक इतिहास में 15 साल बाद ऐसा होगा जब कोई विधायक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठेगा। इससे पहले 2007 में मायावती, 2012 में अखिलेश यादव और फिर 2017 में योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने थे। हालांकि तीनों विधान परिषद के रास्ते ही सीएम की कुर्सी तक पहुंचे।
नोएडा जाने और सीएम कुर्सी गंवाने का मिथक टूटेगा
यूपी की राजनीति में यह मिथक पिछले कुछ दशकों से खूब हावी रहा है। कहा जाता रहा है कि कोई भी मुख्यमंत्री अगर अपने कार्यकाल में नोएडा जाता है, तो उसकी कुर्सी चली जाती है। अखिलेश यादव बतौर मुख्यमंत्री एक बार भी नोएडा नहीं गए। ऐसे ही मुलायम सिंह यादव, कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह जैसे नेताओं ने भी नोएडा से दूरी रखी। मायावती जरूर 2007 से 2012 के बीच सीएम रहते दो बार नोएडा गईं पर अगले चुनाव में कुर्सी नहीं बचा सकीं थीं। योगी इस बार ये मिथक तोड़ते नजर आ रहे हैं। वे अपने कार्यकाल में कई बार नोएडा गए हैं।