UP Election 2022: मायावती का सीएम योगी पर निशाना, बोलीं- गोरखपुर का मठ कोई बड़े बंगले से कम नहीं
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 23, 2022 09:45 PM2022-01-23T21:45:59+5:302022-01-23T21:56:41+5:30
सीएम आदित्यनाथ ने गाजियाबाद की चुनावी जनसभा में विपक्षी दलों पर आरोप लगाया था कि पिछली सरकारों में नेताओं ने जनता के पैसे से अपने बंगले बनाए
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में नेताओं का आरोप-प्रत्यारोप अपने चरमोत्कर्ष पर है। ताजा मामले में बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर जमकर निशाना साधा है।
मायावती ने ट्विटर पर योगी आदित्यनाथ को इसलिए निशाने पर लिया क्योंकि आज ही गाजियाबाद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक चुनावी जनसभा में विपक्षी दलों पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि यूपी में पिछली सरकारों में जनता के पैसे से नेताओं ने अपने लिए बंगले बनाए।
हमने अपना बंगला नहीं बनाया, हमने 43 लाख गरीबों के लिए एक-एक मकान बनाया... pic.twitter.com/uv2LYepltb
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) January 23, 2022
इसी के जवाब में बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने ट्वीट करते हुए कहा, "शायद पश्चिमी यू.पी. की जनता को यह मालूम नहीं है कि गोरखपुर में योगी जी का बना मठ जहाँ वो अधिकांश निवास करते हैं, वो कोई बड़े बगंले से कम नहीं है। यदि इस बारे में भी यह बता देते तो बेहतर होता।"
1. शायद पश्चिमी यू.पी. की जनता को यह मालूम नहीं है कि गोरखपुर में योगी जी का बना मठ जहाँ वो अधिकांश निवास करते हैं, वो कोई बड़े बगंले से कम नहीं है। यदि इस बारे में भी यह बता देते तो बेहतर होता। 1/3
— Mayawati (@Mayawati) January 23, 2022
मायावती ने कहा कि मुख्यमंत्री जब उपलब्धियों के बारे में बता रहे थे तो उन्हें बहुजन सरकार के जनहित से जुड़े कार्यों को भी बताना चाहिए था क्योंकि क्योंकि इन्हें मालूम होना चाहिए कि गरीबों को मकान और भूमिहीनों को जमीन देने के मामले में बहुजन पार्टी की सरकार ने सबसे बेहतर काम किया है।
बसपा सुप्रीमों ने अपने कार्यकाल के बारे में बताया कि बसपा सरकार द्वारा मान्यवर श्री कांशीराम जी शहरी गरीब आवास योजना के तहत केवल दो चरण में ही डेढ़ लाख से अधिक पक्के मकान दिए गए।
इसके साथ ही मायावती ने कहा कि सर्वजन हिताय गरीब आवास मालिकाना हक योजना के तहत काफी परिवारों को लाभ मिला और लाखों भूमिहीन परिवारों को भी जमीनें भी दी गईं।