UP Election 2022: केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की 150 कंपनियां उपलब्ध, सभी दलों ने किया स्वागत, जानें आंकड़े

By भाषा | Published: January 8, 2022 07:27 PM2022-01-08T19:27:48+5:302022-01-08T19:33:38+5:30

UP Election 2022:  उत्तर प्रदेश में विधानसभा की 403 सीटें हैं और आयोग ने यहां सात चरणों में मतदान कराने की घोषणा की है जिसकी शुरुआत दस फरवरी से होगी और मतगणना 10 मार्च को होगी।

UP Election 2022 Central Armed Police Force 150 companies available all parties welcomed uttar pradesh | UP Election 2022: केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की 150 कंपनियां उपलब्ध, सभी दलों ने किया स्वागत, जानें आंकड़े

भाजपा की सहयोगी अपना दल (एस) को नौ तथा सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) को चार सीटों पर जीत मिली। (file photo)

Highlights2017 में भाजपा ने 312 और उसके सहयोगियों ने 13 सीटें जीती थीं।सपा को 47, बहुजन समाज पार्टी को 19 और कांग्रेस को सात सीटों पर जीत मिली थीं।लोकदल और निषाद पार्टी ने एक-एक सीट पर खाता खोला था। निर्दलीय भी जीते थे।

UP Election 2022: उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के पहले चरण में केंद्र सरकार की ओर से राज्य को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की कुल 150 कंपनियां उपलब्ध कराई जाएंगी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 50 और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) तथा सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की 30-30 कंपनियां राज्य में भेजी जाएंगी। इसके अलावा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की 20-20 कंपनियां उपलब्ध कराई जाएंगी।

सीएपीएफ की एक कंपनी में आमतौर पर लगभग सौ कर्मी होते हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पारदर्शी और प्रभावी ढंग से चुनाव कराने के उद्देश्य से पहले चरण के लिए केंद्र सरकार द्वारा 10 जनवरी से 150 कंपनियां भेजी जाएंगी। अधिकारी ने कहा, “सीएपीएफ की इन कंपनियों को संवेदनशीलता और आवश्यकता के अनुसार, उत्तर प्रदेश के 78 जिलों और आयुक्तालयों को आवंटित किया जा रहा है। लखनऊ पुलिस मुख्यालय द्वारा जिलों को निर्देश जारी किया गया है कि क्षेत्र में फ्लैग मार्च करें और विधानसभा चुनाव के लिए स्थानीय पुलिस से संपर्क स्थापित करें।”

अधिकारियों के अनुसार, प्रथम चरण के लिए उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में से प्रयागराज को सीआरपीएफ की सर्वाधिक चार कंपनियां मिली हैं। राज्य के चार जिलों में पुलिस की आयुक्तालय प्रणाली लागू है। इनमें से लखनऊ, कानपुर और वाराणसी को तीन-तीन जबकि गौतम बुद्ध नगर को दो कंपनियां दी गई हैं। उत्तर प्रदेश के 25 जिलों को सीएपीएफ की एक-एक कंपनी दी गई है जबकि 35 जिलों को दो-दो, 17 को तीन-तीन और एक को चार कंपनियां उपलब्ध कराई गई हैं।

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने चुनाव की तारीख घोषित होने का स्वागत करते हुए सत्ताधारी पार्टी के हथकंडों पर आयोग से नजर रखने की अपील की है। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद योगी आदित्‍यनाथ ने ट्वीट किया, '' लोकतंत्र के महापर्व में प्रदेश के चुनाव की तिथियों की घोषणा का स्‍वागत। भारतीय जनता पार्टी डबल इंजन की सरकार की उपलब्धियों के आधार पर जनता जनार्दन के आशीर्वाद से प्रचंड बहुमत की सरकार बनाने में सफल होगी।''

समाजवादी पार्टी ने पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के हवाले से चुनाव की तारीख घोषित होने के बाद उनकी पहली प्रतिक्रिया देने का दावा किया है। सपा ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से शनिवार को ट्वीट किया ''किसानों के हित के लिए कोई फैसला नहीं लिया, इसलिए 10 मार्च को भाजपा का साफ होना तय है। 10 तारीख के बाद सपा ने जो संकल्प लिया है, यहां के लोगों को 300 यूनिट बिजली के लिए कोई बिल नहीं आएगा, बिल शून्य होगा।'' इसी ट्वीट में पार्टी ने आगे कहा है कि चुनाव के ऐलान होने के बाद माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जी की पहली प्रतिक्रिया।

यादव ने मीडिया से कहा '' ये तारीखें बदलाव की हैं। शुरुआत 10 फरवरी से हो रही है और 10 मार्च तक परिणाम आएगा। चुनाव आयोग द्वारा रखी गई शर्तों का पालन किया जाएगा।दस मार्च के बाद भाजपा का साफ होना तय है।’’ पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने शनिवार को ट्वीट किया ''उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में विधानसभा आम चुनाव हेतु भारत निर्वाचन आयोग द्वारा आज तिथि की घोषणा का स्वागत। आशा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि आयोग यह चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष, सुचारू व शांतिपूर्वक कराने की अपनी जिम्मेदारी को जन आकांक्षाओं के अनुरूप पूरी मुस्तैदी से जरूर निभाएगा।''

बसपा प्रमुख ने लिखा,''खासकर सत्ताधारी पार्टी द्वारा हर चुनाव में नए-नए हथकंडे अपनाकर आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने की प्रवृति घातक रूप से आम होती जा रही है, जिसपर इस चुनाव में पूरी गंभीरता से ध्यान देने एवं तत्परता के साथ उसके विरुद्ध कार्रवाई करने की चुनाव आयोग से खास अपील।''

उन्होंने अपने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा ''चुनाव लोकतंत्र का त्योहार है जिसके प्रति खासकर ग़रीब, मजदूर एवं मेहनतकश लोग अति-उत्साहित रहते हैं, उनकी भावना एवं अधिकारों की विशेषकर वोटिंग वाले दिन हर प्रकार से रक्षा जरूर हो। नागरिकों के मताधिकार की रक्षा उनके मूलभूत अधिकार की तरह संविधान के मंशा के अनुरूप हो तो बेहतर।''

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