UP: कक्षा 2 की छात्रा को स्कूल में ही बन्द कर चले गए थे स्टॉफ, घर वाले परेशान होकर लगे ढूंढ़ने
By भाषा | Published: September 30, 2022 04:10 PM2022-09-30T16:10:22+5:302022-09-30T16:15:03+5:30
आपको बता दें कि इससे पहले 20 सितंबर को संभल जिले के धनारी पट्टी बालू पट्टी गांव के सरकारी प्राथमिक विद्यालय में सात साल की एक छात्रा के रात भर स्कूल के एक कमरे में बंद रहने के मामले में वहां के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कड़ी कार्यवाही करते हुए दो शिक्षकों को निलंबित कर दिया था।
लखनऊ: शिक्षकों और कर्मचारियों की लापरवाही से सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली कक्षा दो की एक छात्रा को क्लास रूम में बंद करने का एक और मामला सामने आया है, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने स्कूल के सभी शिक्षकों और कर्मचारियों को निलंबित करने का फैसला किया है।
बुलंदशहर के गुलावठी विकास खंड के सेगड़ा पीर स्थित संविलियन विद्यालय में गुरुवार को स्कूल स्टाफ की लापरवाही सामने आई, जब दूसरी कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा इकरा को कक्षा में ही बंद करके चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी चला गया। गौरतलब है कि इससे पहले संभल जिले में भी इसी तरह का मामला सामने आया था।
क्या है पूरा मामला
सेगड़ा पीर विद्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, कक्षा दो में पढ़ने वाली छात्रा गुरुवार को जब घर नहीं पहुंची तो उसकी तलाश शुरू हुई, उसके घरवाले स्कूल पहुंचे लेकिन स्कूल बंद मिला।
इसमें कहा गया कि इसी दौरान कक्षा में बंद बच्ची के रोने की आवाज सुनकर वहां उसके होने का पता चला, जिसके बाद स्कूल के कर्मचारी को बुला कक्षा खुलवाकर छात्रा को बाहर निकाला गया।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने घटना की पुष्टी की
जानकारी के अनुसार, डरी सहमी बच्ची का किसी ने वीडियो बना लिया और उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) बीके शर्मा ने घटना की पुष्टि करते हुए शुक्रवार को बताया, ''जिले के गुलावठी विकास खंड के संबंधित विद्यालय में छुट्टी के बाद दूसरी कक्षा की छात्रा को स्टाफ कमरे में बंद करके चला गया। यह बहुत बड़ी लापरवाही है और इसमें हम पूरे विद्यालय के शिक्षकों एवं कर्मचारी को निलंबित करने जा रहे हैं।''
शर्मा ने बताया कि स्कूल में प्रधानाध्यापक के अलावा दो महिला शिक्षक और दो पुरुष शिक्षक हैं, इनके अलावा दो शिक्षामित्र और एक चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी तैनात है। उन्होंने बताया कि गुरुवार को प्रखंड स्तर पर यूनियन का चुनाव था, जिसमें शिक्षक चले गए थे।
स्कूल से जुड़े सभी स्टॉफ की लापरवाही हुई तय
स्कूल में प्रधानाध्यापक रह गए लेकिन उनकी लापरवाही यह रही कि वह समय से पहले ही चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के हवाले बच्चों को छोड़कर चले गए। बीएसए ने कहा कि इसमें सभी की लापरवाही मानी जाएगी, बच्चों के प्रति पूरे स्टाफ की जिम्मेदारी बनती है, इसलिए हम सारे स्टाफ को निलंबित कर रहे हैं।
इससे पहले भी हो चुके है ऐसी घटनाएं
गौरतलब है कि इसके पहले 20 सितंबर को संभल जिले के धनारी पट्टी बालू पट्टी गांव के सरकारी प्राथमिक विद्यालय में सात साल की एक छात्रा के रात भर स्कूल के एक कमरे में बंद रहने के मामले में वहां के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कड़ी कार्यवाही करते हुए दो शिक्षकों को निलंबित कर दिया था।
संभल के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) चंद्र शेखर ने बताया था कि प्राथमिक विद्यालय धनारी पट्टी बालू पट्टी में पिछले 20 सितंबर को एक छात्रा स्कूलकर्मियों की लापरवाही से रात भर स्कूल में बंद रह गई थी और अगली सुबह स्कूल खुलने पर इसका पता लगा था। उन्होंने बताया कि खंड शिक्षा अधिकारी की रिपोर्ट पर दो शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया।