UP BSP MAYAWATI: भतीजे आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ को मायावती ने बसपा से निकाला?, आखिर क्यों लिया एक्शन
By राजेंद्र कुमार | Updated: February 12, 2025 18:39 IST2025-02-12T18:38:33+5:302025-02-12T18:39:27+5:30
UP BSP MAYAWATI: अशोक सिद्धार्थ को पार्टी में मायावती का नजदीकी समझा जाता रहा है और साउथ इंडिया की ज़िम्मेदारी थी.

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लखनऊः बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती ने अचानक ही चौकाने वाले फैसले लेती रही हैं. ऐसा की एक फैसला बुधवार को लेते हुए उन्होने अपने भतीजे आकाश आनंद के ससुर डॉ. अशोक सिद्धार्थ को गुटबाजी और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने के आरोप में पार्टी से निष्कासित कर दिया. राज्यसभा सदस्य रह चुके डॉ. अशोक सिद्धार्थ के पिता बसपा संस्थापक कांशीराम के सहयोगी रहे हैं. खुद अशोक सिद्धार्थ को पार्टी में मायावती का नजदीकी समझा जाता रहा है और उनके पास पार्टी में साउथ इंडिया की ज़िम्मेदारी थी.
कर्नाटक से लेकर महाराष्ट्र और ओडिशा तक पार्टी वही संभालते थे. लेकिन अब दक्षिण के राज्यों के प्रभारी रहे अशोक सिद्धार्थ को मायावती ने एक ही झटके में गुटबाजी के आरोप में पार्टी से बाहर कर दिया है. इसके साथ ही उन्होंने मेरठ के नितिन सिंह को भी पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में पार्टी से बाहर कर दिया है.
तो इस लिए हुई अशोक सिद्धार्थ के खिलाफ कार्रवाई
मायावती से पार्टी नेताओं खासे हैरान हैं. पार्टी के अंदर उन्हें निकाले जाने को लेकर तरह-तरह की बातें हो रही हैं. किसी की समझ में यह नहीं आ रहा है कि बसपा सुप्रीमो ने अपने ही परिवार के सदस्य को पार्टी से क्यों बाहर कर दिया है. चर्चा है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के बाद पार्टी नेताओं को सख्त संदेश देने के लिए ही मायावती ने यह फैसला लिया है.
इसके पहले बीते लोकसभा चुनावों में मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को चुनाव प्रचार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा हमला करने के चलते कार्रवाई की थी. तब मायावती ने आकाश आनंद को चुनाव प्रचार करने से रोक दिया था. यही नहीं आकाश आनंद से राजनीतिक उत्तराधिकारी वाली ज़िम्मेदारी भी मायावती ने छीन ली थी.
अपने इस फैसले को लेकर तब मायावती ने कहा था कि आकाश आनंद राजनीतिक रूप से परिपक्व नहीं है. यह कार्रवाई करते हुए मायावती ने आकाश को यह संदेश दिया था कि वह तीखे शब्दों में किसी की आलोचना कभी भी ना करें क्योंकि राजनीति में कोई किसी का दुश्मन नहीं होता.परंतु अब आकाश आनंद के ससुर डॉ. अशोक सिद्धार्थ के खिलाफ पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने का जो तर्क दिया गया है, उसके पार्टी नेता पचा नहीं पा रहे हैं. बसपा नेताओं का मानना है कि फर्रुखाबाद के रहने वाले डॉ. अशोक सिद्धार्थ बसपा के पुराने नेता रहे हैं.
उन्होंने बसपा में बूथ लेवल कार्यकर्ता से काम शुरू किया. फिर वह राज्यसभा के सांसद तक बने. इससे पहले वे कई बार मंडल कोऑर्डिनेटर बने. जब मायावती यूपी की मुख्यमंत्री थीं तो उन्हें एमएलसी बनाया था. अशोक सिद्धार्थ की पत्नी महिला आयोग में रही हैं. लेकिन उनका नाम तब सुर्खियों में आया जब मायावती ने उनकी बेटी का हाथ मांग लिया.
फिर मायावती ने भाई आनंद के बेटे आकाश की शादी अशोक सिद्धार्थ की बेटी से दिल्ली में हुई और अशोक सिद्धार्थ मायावती के रिश्तेदार हो गए. इसके बाद से पार्टी में अशोक सिद्धार्थ के खिलाफ भी एक गुट उनके फैसलों को लेकर सवाल खड़े करने लगा. चर्चा है कि इस गुट के लगाए आरोपों के चलते ही मायावती ने अशोक सिद्धार्थ और नितिन सिंह को पार्टी से निकाला है.
अशोक सिद्धार्थ के खिलाफ लगाए गए आरोप क्या हैं? इसके लेकर यह चर्चा है कि अशोक सिद्धार्थ ने महाराष्ट्र और ओडिशा में ऐसे कुछ लोगों को पार्टी से जोड़ने की प्रयास किया था जिनको पार्टी की राज्य इकाई के लोग पसंद नहीं करते थे. इस मामले के तूल पकड़े पर ही मायावती ने अशोक सिद्धार्थ के खिलाफ कार्रवाई की है. यह भी कहा जा रहा ही कि जल्दी ही मायावती अपने फैसले पर विचार कर अशोक सिद्धार्थ के निष्कासन को खत्म कर उन्हे पार्टी में ज़िम्मेदारी दे देंगी.