UP BJP Politics News: अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंची कड़वी लड़ाई, आखिर क्या होगा?

By हरीश गुप्ता | Published: August 1, 2024 06:03 AM2024-08-01T06:03:26+5:302024-08-01T06:04:55+5:30

UP BJP Politics News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित पार्टी आलाकमान के नेताओं से मिलेंगे. चूंकि योगी और दो उपमुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक के बीच कोई संवाद नहीं है.

UP BJP Politics News bitter fight going ocm Yogi Adityanath BJP high command not reached any conclusion yet blog harish gupta | UP BJP Politics News: अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंची कड़वी लड़ाई, आखिर क्या होगा?

file photo

Highlightsभाजपा में एकजुटता की कमी को दर्शाने वाला एक वीडियो वायरल हुआ.जेपी नड्डा ने पार्टी के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों की एक बैठक बुलाई थी.केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह वहां से गुजरे तो योगी ने नमस्ते नहीं कहा.

UP BJP Politics News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा आलाकमान के बीच चल रही कड़वी लड़ाई अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है. ऐसा लगता है कि कड़वाहट अब उस बिंदु पर पहुंच गई है, जहां आमने-सामने की बातचीत भी नहीं हो पा रही है. नीति आयोग की बैठक में भाग लेने के लिए योगी दिल्ली में थे और उम्मीद थी कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित पार्टी आलाकमान के नेताओं से मिलेंगे. चूंकि योगी और दो उपमुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक के बीच कोई संवाद नहीं है, इसलिए उम्मीद थी कि वे अपने राज्य में व्यवस्था बहाल करने के अवसर का लाभ उठाएंगे. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. इसके विपरीत, पार्टी में एकजुटता की कमी को दर्शाने वाला एक वीडियो वायरल हुआ.

जेपी नड्डा ने पार्टी के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों की एक बैठक बुलाई थी, जिसे प्रधानमंत्री और अन्य नेताओं द्वारा संबोधित किया जाना था. वीडियो में दिखाया गया कि जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह वहां से गुजरे तो योगी ने उन्हें नमस्ते नहीं कहा. इसके बजाय, योगी पूरी विनम्रता और शिष्टाचार के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का स्वागत करते दिखे.

उन्होंने जेपी नड्डा को भी शुभकामनाएं नहीं दीं, कम-से-कम वीडियो में तो यही दिखा. इसने एक तरह की हलचल पैदा कर दी. योगी केंद्रीय नेताओं से आमने-सामने की कोई बैठक किए बिना चुपचाप लखनऊ लौट गए. ‘पार्टी विद अ डिफरेंस’ कही जाने वाली भाजपा में ऐसा पहले कभी नहीं देखा गया. इस कटु अध्याय का उपसंहार होना बाकी है.

मौर्य का एक और धमाका

ऐसा नहीं है कि भाजपा आलाकमान पिछले काफी समय से योगी पर निशाना नहीं साध रहा था. लेकिन यह योजना सफल नहीं हो सकी क्योंकि ‘बुलडोजर बाबा’ का प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश में भी अपना एक अलग जनाधार है. जून में हुए संसदीय चुनाव में जब भाजपा को 80 में से मात्र 33 सीटें मिलीं, तो आलाकमान ने कथित तौर पर उनसे छुटकारा पाने की संभावनाएं तलाशनी शुरू कर दीं.

उसे यूपी में हार में एक अवसर नजर आया. उम्मीद थी कि योगी हार की नैतिक जिम्मेदारी लेंगे और इस्तीफे की पेशकश करेंगे. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. बल्कि उन्होंने पार्टी नेताओं से कहा कि उनकी सिफारिशों की अनदेखी कर अयोग्य उम्मीदवारों को टिकट बांटे गए. एक तरह से उन्होंने सारा दोष आलाकमान के मत्थे मढ़ दिया. जाहिर है, वह इस्तीफा देने के मूड में नहीं थे.

कुछ ही दिनों में योगी के धुर विरोधी और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बिना योगी का नाम लिए मीडिया में यह टिप्पणी शुरू कर दी कि ‘कोई भी व्यक्ति पार्टी से बड़ा नहीं है.’ उन्होंने और ब्रजेश पाठक ने मुख्यमंत्री की बुलाई किसी भी बैठक में हिस्सा नहीं लिया. जिस दिन योगी लखनऊ लौटे, मौर्य ने मुख्यमंत्री को बताए बिना पुलिस महानिदेशक समेत शीर्ष पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेड़ने का दूसरा धमाका कर दिया. मौर्य के पास गृह विभाग नहीं है, बल्कि योगी के पास है.

कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री को भड़काने के लिए यह ताजा  गुगली है. भाजपा आलाकमान की दुविधा यह है कि योगी को हटाए बिना उनसे कैसे छुटकारा पाया जाए. उसे पता है कि यूपी में कई ओबीसी भाजपा से दूर हो चुके हैं और दलितों का समर्थन भी कम होता जा रहा है. आलाकमान योगी को हटाना नहीं चाहता, क्योंकि इसके गंभीर राजनीतिक परिणाम हो सकते हैं. वह योगी के बिना यूपी में जीत का फॉर्मूला तलाश रहा है, इसलिए देरी हो रही है. तब तक मौर्य एक के बाद एक धमाके करते रहेंगे.

राहुल गांधी के प्रति भाजपा की उदारता!

ऐसा लगता है कि भाजपा नेतृत्व ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के प्रति अपना रुख बदल दिया है, जिसने राजनीतिक विश्लेषकों को हैरान कर दिया है. ऐसा प्रतीत होता है कि प्रधानमंत्री मोदी चाहते हैं कि बजट सत्र के दौरान राहुल गांधी को अपनी बात कहने का मौका दिया जाए और पार्टी को जवाबी हमला करने के लिए सही मौके का इंतजार करना चाहिए.

दूसरी बात, भाजपा अभी तक लोकसभा चुनाव के नतीजों से उबर नहीं पाई है और उसे इस साल के अंत में महाराष्ट्र, झारखंड और हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनावों को जीतने के लिए सही रणनीति बनाने के लिए समय देना है. भाजपा नेतृत्व जानता है कि इन तीन राज्यों में से कम-से-कम दो में जीत हासिल करने के बाद ही उसका राजनीतिक वर्चस्व फिर से स्थापित हो पाएगा.

यह स्पष्ट नहीं है कि वह जम्मू-कश्मीर में क्या करेगी. लेकिन महाराष्ट्र सहित दो राज्यों में जीत हासिल करना जरूरी है. इसलिए, सत्तारूढ़ भाजपा राहुल गांधी के प्रति अधिक उदार है और उनकी किसी बड़ी गलती का इंतजार कर रही है, क्योंकि वह अभी भी सीखने की प्रक्रिया में हैं.

और अंत में

नीति आयोग में शामिल किए गए केंद्रीय मंत्रियों की सूची में प्रासंगिक नामों में से एकमात्र गायब नाम वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल का है. कई लोग आश्चर्य में हैं कि ऐसा क्यों हुआ!

Web Title: UP BJP Politics News bitter fight going ocm Yogi Adityanath BJP high command not reached any conclusion yet blog harish gupta

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे