उन्नाव गैंगरेप के आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर पार्टी से निलंबित थे और निलंबित रहेंगे: स्वतंत्र देव सिंह
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 30, 2019 03:26 PM2019-07-30T15:26:11+5:302019-07-30T15:26:11+5:30
उन्नाव रेप पीड़िता की दुर्घटना के मामले की जांच को सीबीआई को सौंपने के लिए सिफारिश कर दी गई है।
उन्नाव गैंगरेप पीड़िता के एक्सीडेंट मामले में आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को घटना के बाद से पार्टी से निकाले जाने के लिए विपक्षी दल लगातार मांग कर रहे हैं। इसी बीच बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि कुलदीप सिंह पार्टी से निलंबित थे और निलंबित रहेंगे। उनके खिलाफ सीबीआई जांच जारी है।
रविवार 28 जुलाई को उन्नाव रेप पीड़िता के कार का एक्सीडेंट रायबरेली में हो गया था। जिसमें पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई है। वहीं पीड़िता और उसके वकील की हालात गंभीर है। पीड़िता ने साल 2017 में उन्नाव के भाजपा विधायक सेंगर पर बलात्कार का आरोप लगाया था। इस मामले में सेंगर को गिरफ्तार किया गया था।
पीड़िता की मां ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान आरोप लगाया है कि यह हादसा नहीं बल्कि हम सबको खत्म करने की साजिश थी। पुलिस ने बताया, रायबरेली में हुए हादसे में रेप पीड़िता की दो महिला रिश्तेदारों की मौत के मामले में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर समेत 10 लोगों के खिलाफ नामजद, तथा 15-20 अज्ञात लोगों पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या की कोशिश), 506 (डराने धमकाने), 120 बी (आपराधिक साजिश रचने) का मामला दर्ज किया गया है।
क्या था पूरा उन्नाव रेप केस का मामला
जून 2017 को पीड़िता ने आरोप लगाया था कि उन्नाव से बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने उसका रेप किया था। मामले में पहले तो यूपी पुलिस ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ एफआईआर लिखने से मना कर दिया था। लेकिन अप्रैल 2018 को पीड़िता ने विधायक के खिलाफ एफआईआर की मांग करते हुए लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास के बाहर आत्मदाह करने की कोशिश की। जिसके बाद मामले की जांच शुरू हुई। इसी बीच अप्रैल 2018 को पीड़िता के पिता की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई। जिसका आरोप भी विधायक पर लगा।
मामले को बाद में सीबीआई को सौंपा गया। सीबीआई ने जुलाई 2018 में पहली चार्जशीट दाखिल की, जिसमें कुलदीप सेंगर को मुख्य आरोपी बनाया गया। जिसके बाद आरोपी विधायक को गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि बाद में आरोप विधायक को जमानत दे दी गई। इस केस में अभी अंतिम फैसला नहीं आया है।