RJD के लिए जैसे गाने बने, वैसे गाने मत बना देना?, आखिर क्यों सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कलाकार साथियों से अपील की, वीडियो
By राजेंद्र कुमार | Updated: November 29, 2025 18:14 IST2025-11-29T18:13:06+5:302025-11-29T18:14:01+5:30
UP Assembly Elections 2027: मुलायम सिंह के दिखाए रास्ते पर ही चलते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव भी विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे को लेकर सड़क पर उतरकर जनता को एकजुट करेंगे.

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लखनऊः सपा मुखिया अखिलेश यादव ने लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस की. इस बीच सपा प्रमुख ने कई बात पर राय रखी. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि RJD के लिए जैसे गाने बने, वैसे गाने मत बना देना." अखिलेश यादव ने कलाकारों और मीडिया से की अपील समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने एक दिलचस्प बयान दिया है. उन्होंने कलाकार साथियों से अपील की है कि वे बिहार में RJD के लिए बने गानों की तरह अपनी पार्टी के लिए गाने न बनाएं. सरकार के फैसलों के खिलाफ सड़क पर उतर कर विरोध करने की जो शुरुआत मुलायम सिंह यादव ने की थी.
RJD के लिए जैसे गाने बने, वैसे गाने मत बना देना": अखिलेश यादव ने कलाकारों और मीडिया से की अपील
— NewG (@newGindia) November 29, 2025
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने एक दिलचस्प बयान दिया है। उन्होंने कलाकार साथियों से अपील की है कि वे बिहार में RJD के लिए बने गानों की तरह अपनी पार्टी के लिए गाने न बनाएं।
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अब मुलायम सिंह के दिखाए रास्ते पर ही चलते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव भी विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे को लेकर सड़क पर उतरकर जनता को एकजुट करेंगे. अखिलेश का मानना है एसआईआर लोकतंत्र के साथ धोखाधड़ी है.
इसका विरोध करने के लिए पार्टी के लिए गए फैसले के बारे में अखिलेश यादव ने सपा मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी. उन्होने यह भी कहा कि एसआईआर को लेकर बीएलओ पर जबरदस्ती का वर्क प्रेशर दिया जा रहा है. एनडीए के सहयोगी दलों को एकजुट होकर भाजपा के वोट काटने के षड्यंत्र का पर्दाफाश करने के लिए आगे आना चाहिए.
क्योकि जो दल आज भाजपा को अपना सहयोगी मान रहे हैं, सबसे पहले भाजपा उन्हीं का खात्मा करेगी. इसलिए हमारी प्रत्येक देशवासी से अपील है कि सारे काम छोड़कर एसआईआर की घपलेबाजी को रोकें. इसका विरोध कर अपने अधिकारों की रक्षा करें.
आज वोट कट रहा है, कल आरक्षण से नाम करेगा
सपा मुखिया अखिलेश यादव राज्य में एसआईआर अभियान में लगे बूथ लेबिल अफसर (बीएलओ) की हुई मौत से दुखी दिखे. उन्होने कहा कि शुक्रवार को वह फतेहपुर गए थे. वहां उन्हें पता चला कि एसआईआर कराने के लिए सुपरवाइजर पर प्रशासन ने दबाव बनाया तो उसने आत्महत्या कर ली.
इसी तरह से लखनऊ के नजदीक मलिहाबाद में भी बीएलओ विजय कुमार वर्मा की काम के दबाव और तनाव के कारण मौत हो गई. अखिलेश यादव ने मृतक बीएलओ की पत्नी संगीता को दो लाख रुपये की मदद दी. मीडिया को यह बताते हुए अखिलेश यादव ने यह सवाल पूछा कि आखिर एसआईआर के लिए भाजपा और चुनाव आयोग को इतनी जल्दबाजी क्यों हैं.
यूपी में इस वक्त लगातार शादियां हो रही हैं.इस समय सब शादी में लोग व्यस्त हैं. लेकिन, चुनाव आयोग और भाजपा को इससे मतलब नहीं है. 4 दिसंबर तक प्रदेश के लोगों से फार्म भरने के लिए नगर निगम के सफाई कर्मियों को सहायक बनाया गया है. एसआईआर कराने के लिए दिखाई जा रही इस तरफ ही जल्दबाजी के कारण की वेस्ट बंगाल में लोग कह रहे हैं कि चुनाव आयोग के हाथ खून से रंगे हैं.
यूपी में भी कुछ ऐसा ही हो रहा है. यहां भी लोगों को लगने लगा है कि एसआईआर अभियान भाजपा और आयोग की मिलीभगत की साजिश है. एसआईआर के मुद्दे पर सपा संसद के बाद सड़क पर उतरेगी. जनता को एकजुट करेगी. लोगों को बताएगी कि एसआईआर लोकतंत्र के साथ धोखाधड़ी है.
इसके जरिए आज जनता का वोट काटा जा रहा है, कल को खेत, जमीन, मकान, राशन, जाति और आरक्षण से नाम काटा जाएगा. फिर बात खातों और मध्यवर्ग के लॉकर तक सरकार पहुंच जाएगी. इसलिए इस अभियान के खिलाफ जनता जागरूक क्योंकि एसआईआर देशवासियों के खिलाफ एक बहुत बड़ी साजिश है, जो अंग्रेजों की गुलामी से भी खराब स्थिति में ले जाएगी. यह दावा करने के साथ ही अखिलेश यादव ने सभी विपक्षी दलों के साथ ही एनडीए के सहयोगी दलों से अपील की थी कि वे एकजुट हों और भाजपा के वोट काटने के षड्यंत्र का पर्दाफाश करें.