UP 69000 Teacher Bharti Update: यूपी में 69000 शिक्षक भर्ती मामला, योगी सरकार सुप्रीम कोर्ट जाए या नई भर्ती मेरिट लिस्ट बनाए, रविवार को तय!
By राजेंद्र कुमार | Published: August 17, 2024 06:12 PM2024-08-17T18:12:18+5:302024-08-17T18:13:24+5:30
UP 69000 Teacher Bharti Update: सरकार को नजूल भूमि विधेयक प्रवर समिति को भेजना पड़ा और योगी सरकार को 69000 शिक्षक भर्ती मामले में हाईकोर्ट के फैसले से झटका लगा है.
UP 69000 Teacher Bharti Update: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार को लोकसभा चुनाव में मिली शिकस्त के बाद एक के बाद एक लगातार झटके लग रहे हैं. इसके चलते जहां योगी सरकार को चुनाव में मिली हार के कारण पार्टी नेताओं के असंतोष का सामना करना पड़ा. फिर अदालत के निर्देश पर सरकार को कांवड़ मार्गों पर खाने-पीने की दुकानों के मालिकों को नेमप्लेट लगाने का आदेश वापस लेना पड़ा. इसके बाद पार्टी नेताओं के विरोध में सरकार को नजूल भूमि विधेयक प्रवर समिति को भेजना पड़ा और योगी सरकार को 69000 शिक्षक भर्ती मामले में हाईकोर्ट के फैसले से झटका लगा है.
सीएम योगी रविवार को लेंगे फैसला
हाईकोर्ट की डबल बेंच ने 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में फैसला सुनाते हुए भर्ती की मेरिट लिस्ट को रद्द कर दिया है. कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि वह 1994 की आरक्षण नियमावली की धारा 3(6) और बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 का पालन करते हुए नई चयन सूची तैयार करें. हाईकोर्ट के इस फैसले को लेकर अखिलेश यादव और मायावती ने योगी सरकार को आड़े हाथों लिया है.
वही दूसरी तरफ योगी सरकार की सहयोगी अपना दल (एस) की मुखिया अनुप्रिया पटेल और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत कर योगी सरकार की दिक्कतों में इजाफा किया है. ऐसे अब सीएम योगी आदित्यनाथ इस असमंजस में है कि इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट जाया जाए या नई मेरिट लिस्ट जारी की जाए.
अब रविवार यानी 18 अगस्त को इस मुद्दे पर सीएम योगी ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक बुलाई है. मुख्य सचिव के साथ सीएम योगी इस बैठक में यह तय करेंगे कि इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर नई मेरिट लिस्ट तैयार करने या सुप्रीम कोर्ट जाए. मुख्यमंत्री के सामने यही दो विकल्प हैं और ये दोनों विकल्पों भी चुनौतियों से भरे हैं.
अगर प्रदेश सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाती है तो योगी सरकार पर पिछड़ा विरोधी और आरक्षण की अनदेखी होने का आरोप लग सकता है. और अगर सरकार नई मेरिट लिस्ट जारी करती है तो जो अभ्यर्थी सफल होकर नौकरी कर रहे हैं उन पर तलवार लटक सकती है. जिसका असर राज्य में 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में सरकार को झेलना पड़ सकता है. अब रविवार को यह तय होगा कि इस संकट से निकलने के लिए योगी सरकार कौन सा रास्ता चुनती है.
किस दल का क्या है मत :
समाजवादी पार्टी ने हाईकोर्ट के फैसले को संविधान और पिछड़ों की जीत बताया है. जबकि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने कहा है कि हाई कोर्ट के फैसले से यह साबित होता है कि सरकार ने अपना काम ईमानदारी से नहीं किया है.
योगी सरकार में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद का कहना है कि शिक्षकों की भर्ती में इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला सामाजिक न्याय की दिशा में स्वागत योग्य कदम है. यह उन पिछड़ा व दलित वर्ग के पात्रों की जीत है जिन्होंने अपने अधिकार के लिए लंबा संघर्ष किया. योगी सरकार के सहयोगी अपना दल (एस) और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) ने भी हाईकोर्ट के फैसले को पिछड़ों की जीत बताया है.