केंद्रीय मंत्री निशंक के 'संस्कृत ग्राम' से भाजपा को नई राजनीतिक परेशानी!

By एसके गुप्ता | Published: June 14, 2019 07:43 AM2019-06-14T07:43:06+5:302019-06-14T07:43:06+5:30

देश में सभी भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय में आज हुई बैठक में निशंक ने संस्कृत शिक्षण संस्थानों से कहा है कि देश में संस्कृत भाषा को मजबूत करने के लिए जरूरी है कि जहां भी संस्कृत संस्थान हैं उसके नजदीक के कम से कम दो गांवों में लोगों के संवाद की भाषा संस्कृत बने.

Union Minister Nishank's 'Sanskrit Village' new political problem to BJP! | केंद्रीय मंत्री निशंक के 'संस्कृत ग्राम' से भाजपा को नई राजनीतिक परेशानी!

केंद्रीय मंत्री निशंक के 'संस्कृत ग्राम' से भाजपा को नई राजनीतिक परेशानी!

Highlightsनई शिक्षा नीति में हिंदी को अनिवार्य भाषा बनाने के मसौदे का दक्षिण भारत के राज्यों ने कड़ा विरोध किया था. निशंक ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि देश की सभी भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए भाषायी संस्थानों में रिक्त पदों को भरा जाए

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के 'संस्कृत ग्राम' योजना से भाजपा के लिए नई राजनीतिक परेशानी खड़ी हो सकती है. देश में सभी भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय में आज हुई बैठक में निशंक ने संस्कृत शिक्षण संस्थानों से कहा है कि देश में संस्कृत भाषा को मजबूत करने के लिए जरूरी है कि जहां भी संस्कृत संस्थान हैं उसके नजदीक के कम से कम दो गांवों में लोगों के संवाद की भाषा संस्कृत बने.

हाल ही में नई शिक्षा नीति में हिंदी को अनिवार्य भाषा बनाने के मसौदे का दक्षिण भारत के राज्यों ने कड़ा विरोध किया था. जिसके बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय को मसौदे में बदलाव करना पड़ा था. ऐसे में 'संस्कृत ग्राम' योजना से विपक्षी दल एक बार फिर भाजपा को छुपे तरीके से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का एजेंडा आगे बढ़ाने पर घेर सकते हैं. बैठक में केंद्रीय भाषा शिक्षण संस्थान के अधिकारियों के अलावा चार संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपतियों को बुलाया गया था.

निशंक ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि देश की सभी भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए भाषायी संस्थानों में रिक्त पदों को भरा जाए. उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि संस्थानों में भाषायी शिक्षकों के अलावा प्रशासनिक पदों को आठ-दस वर्षों से रिक्त क्यों रखा गया है?

तैयार किया जाएगा 'भाषा भवन'

निशंक ने अधिकारियों से कहा कि मंत्रालय की ओर से सभी भाषाओं में आपसी तालमेल के लिए 'भाषा भवन' तैयार किया जाए. जिससे सभी भाषाओं में होनेवाले कार्यों का अनुवाद कर सभी भाषाओं के लोगों तक पहुंच सके. इसके अलावा भाषा भवन में बहुभाषी लोग साथ मिलकर राष्ट्र की भाषाओं के विकास की दिशा में काम करेंगे.

Web Title: Union Minister Nishank's 'Sanskrit Village' new political problem to BJP!

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