केंद्रीय मंत्री हर्ष मल्होत्रा और नरेद्र ठाकुर ने “टीआरपी टेलीविजन और ट्रेंडर्स” पुस्तक का किया विमोचन
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 14, 2024 08:27 PM2024-10-14T20:27:03+5:302024-10-14T20:28:07+5:30
हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि चैनल के व्यावसायिक हितों को लिए टीआरपी मुख्य मुद्दा हो सकता है लेकिन समाचार चैनलों का उत्तरदायित्व समाज के लिए भी होता है।
नई दिल्लीः सेंटर फॉर मीडिया रिसर्च एंड एनालिसिस (CMRA) के तत्वावधान में कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया, नई दिल्ली में डॉ. रविंद्र कुमार द्वारा लिखित पुस्तक "टीआरपी, टेलीविजन और ट्रेंड्स" के विमोचन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय मंत्री श्री हर्ष मल्होत्रा, आरएसएस के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख श्री नरेंद्र ठाकुर, माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. (डॉ.) केजी सुरेश, वरिष्ठ पत्रकार श्री रामकृपाल सिंह, मिहिर रंजन और पब्लिक पॉलिसी रिसर्च सेंटर के निदेशक सुमीत भसीन उपस्थित रहे।
पुस्तक की प्रस्तावना रखते हुए लेखक डॉ. रविंद्र कुमार ने बताया है कि “वर्तमान में पत्रकारिता के छात्रों के लिए ब्रॉडकास्ट मीडिया से संबंधित साहित्य की बेहद कमी है और टीआरपी जैसे विषय पर तो साहित्य ना के बराबर उपलब्ध है। ऐसे में उनकी यह पुस्तक ना केवल मीडिया कर्मियों के लिए बल्कि मीडिया के छात्रों के लिए भी बेहद मददगार साबित होगी।
उन्होने कहा कि, “समाचार चैनल में कार्य करने वाले मीडिया कर्मियों की नौकरी टीआरपी पर निर्भर करती है लेकिन ताज्जूब कि बात यह है कि मीडिया शिक्षण संस्थानों में इस विषय को लेकर छात्रों को ज्यादा जानकारी नहीं दी जाती है।“ केंद्रीय मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने पुस्तक के लिए लेखक को बधाई देते हुए कहा कि, "चैनल के व्यावसायिक हितों को लिए टीआरपी मुख्य मुद्दा हो सकता है।
लेकिन समाचार चैनलों का उत्तरदायित्व समाज के लिए भी होता है। चैनल प्रबंधन और पत्रकारों को यह भी सोचना चाहिए कि वह समाच के लिए क्या कर रहे है।“ उन्होने कहा कि “मीडिया एक सजग प्रहरी के रूप में जो समाज को आइना दिखाता है और इसी नाते मीडिया को समाज के दबे-कुचले, पिछड़े, गरीब-शोषित की भी आवाज उठानी चाहिए।“
आरएसएस के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेंद्र ठाकुर ने टीआरपी पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, "टीआरपी की दौड़ में सिर्फ नकारात्मक खबरों को बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए बल्कि समाज पर सकारात्मक असर डालने वाले विषयों को भी समाचार चैनलों को प्रसारित करना चाहिए।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम का उदाहरण देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जिस तरह से समाज के चल रहे सकारात्मक कार्यों को मन की बात कार्यक्रम के जरिये सबके सामने रखते है ऐसी पहल मीडिया क्यों नहीं कर सकता है। प्रो. (डॉ.) केजी सुरेश ने पुस्तक पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, "डॉ. रविन्द्र कुमार की इस पुस्तक में बेहद अहम जानकारियां उपबल्ध कराई गई है।
उन्होंने पुस्तक की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस पुस्तक के जरिये मौजूदा दौर में टेलीविजन के टीआरपी ट्रेंड्स को आसानी से समझा जा सकता है। हालांकि इसके साथ ही उन्होने कहा कि ट्रेंडर्स में वक्त के साथ बदलाव भी होता रहता है क्योंकि एक वक्त ऐसा भी था जब रामायण और महाभारत सीरियल ने टीआरपी के सभी रिकॉर्ड्स को तोड़ दिया था।
इस मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए वरिष्ठ पत्रकार श्री रामकृपाल सिंह ने कहा, "मीडिया को लेकर अब कई अच्छे शोध सामने आ रहे हैं, और उनमें से एक डॉ. रविंद्र कुमार की यह पुस्तक भी है, जो मीडिया के विद्यार्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी साबित होगी।"
कार्यक्रम के अंत में वरिष्ठ पत्रकार मिहिर रंजन ने डॉ. रविंद्र कुमार को उनकी पुस्तक के लिए बधाई देते हुए कहा कि, "टीआरपी ही आज के समय में न्यूज चैनल का मापदंड है। वर्तमान दौर में टीआरपी एक मजबूरी बन गई है, क्योंकि बिना टीआरपी के चैनल चलाना बेहद मुश्किल कार्य है।" कार्यक्रम में मंच संचालन सीएमआरए के महासचिव स्वर्णिम प्रभात ने किया तो सभी महमानों का स्वागत सीएमआरए के निदेशक विक्रम मित्तल ने किया।