केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मणिपुर में शांति की अपील की, सभी के लिये न्याय का आश्वासन दिया

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 25, 2023 11:20 PM2023-05-25T23:20:19+5:302023-05-25T23:22:49+5:30

अमित शाह ने कहा, “केंद्र यह सुनिश्चित करेगा कि राज्य में हुई झड़पों में पीड़ित सभी लोगों को न्याय मिले, लेकिन लोगों को राज्य में शांति सुनिश्चित करने के लिए बातचीत करनी चाहिए।”

Union Home Minister Amit Shah appeals for peace in Manipur, assures justice for all | केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मणिपुर में शांति की अपील की, सभी के लिये न्याय का आश्वासन दिया

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मणिपुर में शांति की अपील की, सभी के लिये न्याय का आश्वासन दिया

Highlightsउन्होंने कहा, मैं जल्द ही मणिपुर जाऊंगा और वहां तीन दिन रहूंगाकेंद्रीय गृहमंत्री ने कहा- दोनों गुटों को आपस में अविश्वास और संदेह दूर करना चाहिएशाह ने कहा, केंद्र यह सुनिश्चित करेगा कि राज्य में हुई झड़पों में पीड़ित सभी लोगों को न्याय मिले

गुवाहाटी: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को मणिपुर में लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और वादा किया कि समाज के सभी वर्गों के लिए न्याय सुनिश्चित किया जाएगा। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों के बाद नरेन्द्र मोदी के लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने की बात करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने बृहस्पतिवार को दावा किया का विपक्षी कांग्रेस लोकसभा में अपनी मौजूदा सीटें भी नहीं बचा पाएगी। 

शाह ने असम के कामरूप जिले के चांगसारी क्षेत्र में स्थापित होने वाले राष्ट्रीय न्यायालयिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) के दसवें राष्ट्रीय परिसर का शिलान्यास करते हुए कहा कि विवाद के समाधान में मदद के लिये वह मणिपुर का दौरा करेंगे। उन्होंने कहा, “मैं जल्द ही मणिपुर जाऊंगा और वहां तीन दिन रहूंगा, लेकिन उससे पहले दोनों गुटों को आपस में अविश्वास और संदेह दूर करना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि राज्य में शांति बहाल हो।” 

शाह ने कहा, “केंद्र यह सुनिश्चित करेगा कि राज्य में हुई झड़पों में पीड़ित सभी लोगों को न्याय मिले, लेकिन लोगों को राज्य में शांति सुनिश्चित करने के लिए बातचीत करनी चाहिए।” उन्होंने कहा कि पिछले छह वर्षों के दौरान, हाल की झड़पों से पहले, मणिपुर में कोई नाकाबंदी या बंद नहीं था और “लोगों को फिर से वैसी स्थिति की वापसी सुनिश्चित करनी चाहिए”। 

उन्होंने कहा, “चर्चा के साथ ही शांति हो सकती है।” यहां एनएफएसयू परिसर की स्थापना का जिक्र करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि इससे इन पाठ्यक्रमों में उत्तीर्ण सभी छात्रों के लिए शत प्रतिशत रोजगार के अवसर सुनिश्चित होंगे। उन्होंने कहा, “केंद्र छह साल से अधिक कारावास की सजा वाले अपराधों के लिए फॉरेंसिक विशेषज्ञों द्वारा घटनास्थल का दौरा अनिवार्य करने के लिए कानूनी बदलाव लाने की योजना बना रहा है।” 

शाह ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सजा दर बढ़ाने के लिए संविधान की भावना में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और साक्ष्य अधिनियम में बदलाव लाने की योजना बनाई है, जो आपराधिक न्याय प्रदान करने में मदद करेगा।” गृह मंत्री ने कहा कि पुलिस व्यवस्था को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है: कानून-व्यवस्था की स्थिति, अपराध की जांच और दोषियों को दंडित करके न्याय सुनिश्चित करना। 

उन्होंने कहा, “यह आरोपी पर थर्ड डिग्री के उपायों या बल प्रयोग करने का वक्त नहीं है, बल्कि मनोविज्ञान, उंगलियों के निशान और डीएनए प्रोफाइलिंग के माध्यम से साक्ष्य एकत्र करने के वैज्ञानिक तरीके हैं और हमें इसके लिए विशेषज्ञों की आवश्यकता है।” उन्होंने कहा कि देश में सजा की दर 50 प्रतिशत से कम है और यह मुख्य रूप से सबूतों की कमी या गवाहों के मुकरने के कारण है जो पुलिस को अदालत में आरोपपत्र दाखिल करने में बाधा उत्पन्न करता है। 

शाह ने कहा, “हमने फॉरेंसिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, प्रयोगशालाओं को उन्नत और आधुनिक बनाने, क्षेत्रीय फॉरेंसिक प्रयोगशालाएं स्थापित करने और जिला स्तर की मोबाइल फॉरेंसिक प्रयोगशालाएं स्थापित करने का फैसला किया है।” उन्होंने कहा कि इसके लिए जनशक्ति की आवश्यकता होगी और रोजगार के अवसर पैदा होंगे, जबकि इस क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को तेज किया जाएगा और जमीनी स्तर पर लागू किया जाएगा। 

शाह ने अत्याधुनिक संस्थान की स्थापना के लिए 50 एकड़ जमीन तेजी से आवंटित करने के लिए असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा को धन्यवाद दिया। एनएफएसयू परिसर का पहला चरण 2026 तक और दूसरा 2030 तक पूरा होने की उम्मीद है, जबकि इस साल गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज अस्पताल (जीएमसीएच) में अस्थायी परिसर में कक्षाएं शुरू हो जाएंगी। 

शाह ने सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (सीएफएसएल) के साथ संयुक्त रूप से विकसित असम पुलिस के ‘सेवा सेतु’ नामक एक वेब पोर्टल की भी शुरुआत की। यह लोगों को किसी भी पुलिस थाने में जाए बिना प्राथमिकी दर्ज कराने, गुमशुदगी की शिकायत करने के साथ-साथ किरायेदार, पेइंग गेस्ट और घरेलू सहायक के सत्यापन के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरने में सक्षम करेगा। 

बाद में असम सरकार की नौकरियों के लिए सफल उम्मीदवारों को 44,703 नियुक्ति पत्र औपचारिक रूप से वितरित करने के मौके पर यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता ने आरोप लगाया कि कांग्रेस का “रवैया नकारात्मक” है। उन्होंने कांग्रेस पर नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करके राजनीति करने का आरोप भी लगाया। 

उन्होंने कहा, “नरेन्द्र मोदी अगले साल 300 से अधिक सीटों के साथ फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे। कांग्रेस ने विपक्षी पार्टी का दर्जा खो दिया है और लोकसभा में अपनी मौजूदा सीटों की संख्या को भी सुरक्षित नहीं कर पाएगी।” उन्होंने कहा, “कांग्रेस का नकारात्मक रवैया है। प्रधानमंत्री 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे लेकिन कांग्रेस यह बहाना बनाकर इसका बहिष्कार कर राजनीति कर रही है कि राष्ट्रपति को इसका उद्घाटन करना चाहिए।” 

उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस और विपक्ष शासित राज्यों में ऐसे उदाहरण सामने आए हैं जहां संबंधित राज्यपालों के बजाय संबंधित मुख्यमंत्रियों और सोनिया गांधी व राहुल गांधी जैसे कांग्रेस नेताओं द्वारा नए विधानसभा भवनों की आधारशिला रखी गई। उन्होंने कहा, “कांग्रेस प्रधानमंत्री को संसद के अंदर बोलने नहीं देती है। भारतीय लोगों ने मोदी को बोलने का जनादेश दिया है। प्रधानमंत्री का सम्मान नहीं करना लोगों के जनादेश का अपमान करने जैसा है।” 

शाह ने कहा कि भाजपा ने 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले असम में एक लाख सरकारी नौकरी देने का वादा किया था और ढाई साल के भीतर 86,000 नौकरियां दी गई हैं और बाकी अगले छह महीनों में दी जाएंगी।

(इनपुट भाषा)

Web Title: Union Home Minister Amit Shah appeals for peace in Manipur, assures justice for all

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