डॉ. हर्षवर्धन ने बाबा रामदेव से एलोपैथी पर बयान वापस लेने को कहा, बोले- ये कोरोना योद्धाओं का अनादर

By भाषा | Published: May 23, 2021 09:18 PM2021-05-23T21:18:06+5:302021-05-23T21:45:47+5:30

एलोपैथी को लेकर दिए गए बाबा रामदेव के एक बयान पर आईएमए ने घोर आपत्ति जताई थी और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। इस बीच स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने रामदेव से अपना बयान वापस लेने को कहा है।

Union Health Minister asked Ramdev to withdraw the statement given on Allopathy | डॉ. हर्षवर्धन ने बाबा रामदेव से एलोपैथी पर बयान वापस लेने को कहा, बोले- ये कोरोना योद्धाओं का अनादर

डॉ. हर्षवर्धन ने बाबा रामदेव को बयान वापस लेने को कहा (फाइल फोटो)

Highlights डॉ. हर्षवर्धन ने एलेपैथी पर दिए बयान को लेकर बाबा रामदेव को पत्र लिखा है स्वास्थ्य मंत्री ने पत्र में लिखा- आपका बयान कोरोना योद्धाओं का अनादर करता हैएलोपैथी चिकित्सा को नाटक, बेकार और दिवालिया कहना दुर्भाग्यपूर्ण: डॉ. हर्षवर्धन

नयी दिल्ली: केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने एलोपैथी के बारे में दिये गए योग गुरु रामदेव के बयान को रविवार को ''बेहद दुर्भाग्यपूर्ण'' करार देते हुए उन्हें इसे वापस लेने को कहा।

भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो का हवाला देते हुए शनिवार को कहा था कि रामदेव ने दावा किया है कि एलोपैथी ‘बकवास विज्ञान’ है और भारत के औषधि महानियंत्रक द्वारा कोविड-19 के इलाज के लिए मंजूर की गई रेमडेसिविर, फेवीफ्लू तथा ऐसी अन्य दवाएं बीमारी का इलाज करने में असफल रही हैं।

आईएमए के अनुसार रामदेव ने कहा कि ‘‘एलोपैथी दवाएं लेने के बाद लाखों की संख्या में मरीजों की मौत हुई है।’’

हालांकि, हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ ने इन टिप्पणियों का खंडन करते हुए उन्हें ‘गलत’ करार दिया है। हर्षवर्धन ने रामदेव को पत्र लिखकर उनसे एलोपैथी के बारे में दिये गए बयान को वापस लेने के लिये कहा।

उन्होंने कहा, ''आपका बयान कोरोना योद्धाओं का अनादर और देश की भावनाओं को आहत करता है। एलोपैथी पर आपका बयान स्वास्थ्यकर्मियों का मनोबल तोड़ सकता है। इससे कोविड-19 के खिलाफ हमारी लड़ाई कमजोर हो सकती है।''

एलोपैथी चिकित्सा को नाटक, बेकार और दिवालिया कहना दुर्भाग्यपूर्ण: हर्षवर्धन

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि एलोपैथी दवाओं ने करोड़ों लोगों का जीवन बचाया है और यह टिप्पणी ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’ है कि इससे लाखों लोगों की जान गई है।

पत्र में कहा गया है, ''आप भी जानते हैं कि कोविड के खिलाफ लड़ाई में बेशुमार स्वास्थ्य कर्मियों ने अपनी जान गंवा दी। आप एलोपैथी चिकित्सा को नाटक, बेकार और दिवालिया कह रहे हैं, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है।''

उन्होंने कहा कि आज कोविड-19 मृत्युदर केवल 1.13 प्रतिशत और संक्रमण से उबरने की दर 88 प्रतिशत से अधिक है। एलोपैथी और इसके डॉक्टरों के योगदान की वजह से ऐसा हो सका है।

हर्षवर्धन ने कहा, ''यहां तक कि कोविड-19 वैक्सीन भी एलोपैथी की देन है, जो संक्रमण के खिलाफ हमारी लड़ाई में कारगर हथियार साबित हुई है।''

पत्र में कहा गया है, ''बाबा रामदेव, आप जानी-मानी हस्ती हैं और आपके बयान अहमियत रखते हैं। मुझे लगता है कि आपको समय और हालात को मद्देनजर रखते हुए कोई बयान देना चाहिये। मुझे उम्मीद है कि आप इस बारे में गंभीरता से विचार करेंगे । दुनियाभर के कोरोना योद्धाओं की भावनाओं का ध्यान रखते हुए आपको अपना बयान वापस लेना चाहिये।''

'बाबा रामदेव की ओर से बयान पर दी गई सफाई काफी नहीं'

हर्षवर्धन ने कहा कि रामदेव द्वारा दी गई सफाई लोगों की भावनाओं को शांत करने के लिये नाकाफी है। उन्होंने कहा, ''आपने अपने स्पष्टीकरण में कहा कि आधुनिक विज्ञान और डॉक्टरों को आहत करने का आपका कोई इरादा नहीं था। मुझे नहीं लगता कि यह स्पष्टीकरण काफी है।''

इससे पहले शनिवार को हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट ने एक बयान जारी कर कहा था कि रामदेव चिकित्सकों और चिकित्साकर्मियों का “बेहद सम्मान” करते हैं, जो महामारी के ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में दिन-रात काम कर रहे हैं।

पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट के महासचिव आचार्य बालकृष्ण के हस्ताक्षर वाले बयान में कहा गया, “स्वामी जी की आधुनिक विज्ञान और आधुनिक चिकित्सा पद्धति से चिकित्सा करने वालों के खिलाफ कोई गलत मंशा नहीं है। उनके खिलाफ जो भी आरोप लगाया जा रहा है, वह गलत व निरर्थक है।

Web Title: Union Health Minister asked Ramdev to withdraw the statement given on Allopathy

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे