UNESCO World Heritage list: यूनेस्को सूची में ‘मोइदम्स’, ताई-अहोम राजवंश से संबंध, जानें क्या है, पीएम मोदी ने दी बधाई, देखें वीडियो
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 26, 2024 15:11 IST2024-07-26T15:10:26+5:302024-07-26T15:11:57+5:30
UNESCO World Heritage list: ‘मोइदम्स’ के असाधारण सार्वभौमिक मूल्य को समझने के लिए संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) और विश्व धरोहर समिति का आभार जताया।

file photo
UNESCO World Heritage list:असम में अहोम वंश के सदस्यों को उनकी प्रिय वस्तुओं के साथ टीलेनुमा संरचना में दफनाने की व्यवस्था ‘मोइदम्स’ को शुक्रवार को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किए जाने के बाद केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि आज का दिन स्वर्णिम अक्षरों में अंकित हो गया है। शेखावत ने ‘मोइदम्स’ के असाधारण सार्वभौमिक मूल्य को समझने के लिए संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) और विश्व धरोहर समिति का आभार जताया।
‘मोइदम्स’ यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में जगह बनाने वाली पूर्वोत्तर भारत की पहली सांस्कृतिक संपत्ति बन गया है। इसे सूची में शामिल करने का फैसला भारत में आयोजित किए जा रहे विश्व धरोहर समिति (डब्ल्यूएचसी) के 46वें सत्र में लिया गया। ‘मोइदम्स’ पिरामिड सरीखी अनूठी टीलेनुमा संरचनाएं हैं, जिनका इस्तेमाल ताई-अहोम वंश द्वारा अपने राजवंश के सदस्यों को उनकी प्रिय वस्तुओं के साथ दफनाने के लिए किया जाता था। ताई-अहोम राजवंश ने असम पर लगभग 600 साल तक शासन किया था।
A matter of immense joy and pride for India!
— Narendra Modi (@narendramodi) July 26, 2024
The Moidams at Charaideo showcase the glorious Ahom culture, which places utmost reverence to ancestors. I hope more people learn about the great Ahom rule and culture.
Glad that the Moidams join the #WorldHeritage List. https://t.co/DyyH2nHfCF
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने यह सुनिश्चित करने के लिए पहल करने के वास्ते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का शुक्रवार को आभार जताया कि अहोम राजवंश के सदस्यों को उनकी प्रिय वस्तुओं के साथ टीले नुमा ढांचे में दफनाने की 600 साल पुरानी व्यवस्था ‘मोइदम्स’ को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में जगह मिले।
Historic! #Moidams of Assam has won the 43rd UNESCO World Heritage Site tag in the cultural category! The spotlight on the 700-year-old legacy of Ahom royalty symbolize a broader recognition of the Northeast's diverse & rich cultural tapestry at a global level.#MoidamInUNESCOpic.twitter.com/fkpr6dgFPU
— Amrit Mahotsav (@AmritMahotsav) July 26, 2024
शर्मा ने केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र शेखावत का भी शुक्रिया अदा किया। शेखावत ने शर्मा को फोन कर उस समय यह सूचना दी, जब वह गुवाहाटी में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। ‘मोइदम्स’ पिरामिड सरीखी अनूठी टीले नुमा संरचनाएं हैं, जिनका इस्तेमाल ताई-अहोम वंश द्वारा अपने राजवंश के सदस्यों को उनकी प्रिय वस्तुओं के साथ दफनाने के लिए किया जाता था।
ताई-अहोम राजवंश ने असम पर लगभग 600 साल तक शासन किया था। शर्मा ने संवाददाताओं से कहा, ''यह असम के लिए बहुत अच्छी खबर है, क्योंकि 'चराइदेव मोइदम्स' अब आधिकारिक तौर पर यूनेस्को विरासत स्थल है... असम इस सम्मान के लिए हमेशा केंद्र का ऋणी रहेगा। यह कदम केवल असम के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए सम्मान का विषय है।''
Our Heritage, Our Pride 🇮🇳
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) July 26, 2024
The Moidams at Charaideo beautifully showcase the rich spiritual & civilisational prowess of the glorious Ahom Dynasty of Assam.
Wonderful to see this place of utmost reverence getting recognised as a @UNESCO World Heritage Site.
➡️… pic.twitter.com/7iUrjFZ1aO
‘मोइदम्स’ यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में जगह बनाने वाली पूर्वोत्तर भारत की पहली सांस्कृतिक संपत्ति है। असम सरकार ने 2023 में प्रधानमंत्री को इस बाबत एक डोजियर सौंपा था, जिन्होंने यूनेस्को की वर्ष 2023-24 की विश्व विरासत सूची में शामिल करने के लिए भारत की ओर से नामांकन के लिए भेजे जानी वाली धरोहरों की सूची में से ‘मोइदम्स’ को चुना था।
शर्मा ने कहा, ''मोइदम्स की अनुशंसा करने की प्रधानमंत्री की पहल अहम थी, क्योंकि एक साल के लिए एक देश से केवल एक ही प्रविष्टि भेजी जा सकती है।'' नयी दिल्ली में आयोजित विश्व धरोहर समिति (डब्ल्यूएचसी) के 46वें सत्र की पूर्ण बैठक में ‘मोइदम्स’ को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल करने की घोषणा की गई।
🇮🇳 celebrates as Assam's #Moidams have been inscribed as the 43rd UNESCO #WorldHeritage Site.
— Jitin Prasada जितिन प्रसाद (@JitinPrasada) July 26, 2024
This recognition brings attention to the 700-year-old mound burial system of the Ahom Kings at Charaideo. Prime Minister Shri @narendramodi Ji nominated these structures in 2023,… pic.twitter.com/MWHKImxg2p
गाजा में युद्ध के बीच फलस्तीन का विरासत स्थल यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल
गाजा में महीनों से जारी युद्ध के बीच फलस्तीन की सेंट हिलेरियन मोनेस्ट्री/टेल उम्म आमेर को शुक्रवार को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची और खतरे में पड़ी विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया। नयी दिल्ली में आयोजित विश्व धरोहर समिति (डब्ल्यूएचसी) के 46वें सत्र की पूर्ण बैठक में सेंट हिलेरियन मोनेस्ट्री/टेल उम्म आमेर को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची और खतरे में पड़ी विश्व विरासत सूची में शामिल किए जाने की घोषणा की गई। लेबनान, तुर्किये, कजाकिस्तान और कई अन्य देशों ने फलस्तीन के विरासत स्थलों को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किए जाने का स्वागत किया है।