CBSE की 12वीं कक्षा के पेपर में पूछा गया सवाल, किस पार्टी के कार्यकाल में हुआ 2002 गुजरात दंगा?
By रुस्तम राणा | Published: December 2, 2021 08:37 AM2021-12-02T08:37:48+5:302021-12-02T08:50:03+5:30
सीबीएसई की 12वीं कक्षा के पेपर में गुजरात दंगों से जुड़ा सवाल पूछा गया-2002 में गुजरात में बडे़ पैमाने पर मुस्लिम विरोधी हिंसा किस सरकार के कार्यकाल में हुई? उत्तर के लिए विकल्प थे- कांग्रेस, भाजपा, डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन।
दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 12वीं कक्षा के पेपर में गुजरात दंगों से जुड़ा सवाल पूछा गया। एक दिसंबर सीबीएसई की बुधवार को कक्षा 12वीं की परीक्षा में समाजशास्त्र के प्रश्न पत्र में छात्रों से उस पार्टी का नाम बताने को कहा गया जिसके कार्यकाल में ‘‘2002 में गुजरात में मुस्लिम विरोधी हिंसा’’ हुई थी। समाजशास्त्र परीक्षा में बहुविकल्पीय प्रश्न पूछा गया-2002 में गुजरात में बडे़ पैमाने पर मुस्लिम विरोधी हिंसा किस सरकार के कार्यकाल में हुई? उत्तर के लिए विकल्प थे- कांग्रेस, भाजपा, डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन।
CBSE ने सवाल को बताया अनुचित और गाइडलाइन्स के खिलाफ
सीबीएसई ने इसे अपनी गलती बताते हुए सवाल को ‘अनुचित’ और उसके दिशानिर्देशों के खिलाफ बताया है। बोर्ड ने कहा कि मामले में ‘‘जिम्मेदार व्यक्तियों’’ के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सीबीएसई ने एक आधिकारिक बयान में कहा, ‘‘बुधवार को 12वीं कक्षा के समाजशास्त्र की टर्म एक परीक्षा में एक प्रश्न पूछा गया, जो अनुचित है और प्रश्न पत्र तैयार करने के संबंध में बाहरी विषय विशेषज्ञों के लिए सीबीएसई के दिशानिर्देशों का उल्लंघन है। सीबीएसई त्रुटि को स्वीकार करता है और जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा। ’’
बोर्ड ने माना ऐसे विषयों को नहीं छूना चाहिए
बोर्ड ने कहा कि पेपर सेट करने वालों के लिए सीबीएसई के दिशानिर्देश स्पष्ट रूप से कहते हैं कि उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रश्न केवल अकादमिक उन्मुख होने चाहिए और वर्ग-धर्म-तटस्थ होने चाहिए। बोर्ड ने कहा ऐसे विषयों को नहीं छूना चाहिए जो सामाजिक और राजनीतिक पसंद के आधार पर लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचा सकते हैं।
साल 2002 में हुए थे गुजरात दंगे
गुजरात में 2002 में गोधरा रेलवे स्टेशन के पास साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के दो डिब्बों में आगजनी के बाद राज्य में दंगे भड़क उठे थे। ट्रेन में आग की घटना में 59 हिंदू ‘कारसेवक’ मारे गए थे, जिसके बाद गुजरात के कई हिस्सों में दंगे भड़क गए और इन दंगों में एक हजार से अधिक लोगों की जान गई थी। उस समय मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुजरात के सीएम थे।