लोकतंत्र की आड़ में संवैधानिक प्रक्रियाओं को ताक पर रख केन्द्र सरकार ने कानून बनाए हैं : गहलोत

By भाषा | Updated: December 9, 2020 15:25 IST2020-12-09T15:25:12+5:302020-12-09T15:25:12+5:30

Under the guise of democracy, the central government has made laws keeping the constitutional procedures under control: Gehlot | लोकतंत्र की आड़ में संवैधानिक प्रक्रियाओं को ताक पर रख केन्द्र सरकार ने कानून बनाए हैं : गहलोत

लोकतंत्र की आड़ में संवैधानिक प्रक्रियाओं को ताक पर रख केन्द्र सरकार ने कानून बनाए हैं : गहलोत

जयपुर, नौ दिसंबर राजस्‍थान के मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए बुधवार को कहा कि लोकतंत्र की आड़ में उसने सभी संवैधानिक प्रक्रियाओं को ताक पर रख कर कई कानून बनाए हैं। साथ ही उन्‍होंने कहा कि ध्रुवीकरण की राजनीति करने वाले ये लोग धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा दे रहे हैं।

गहलोत ने ट्वीट किया, ‘‘केंद्र सरकार में बैठे अधिकारी कह रहे हैं कि भारत में लोकतंत्र ज्यादा है इसलिये यहां रिफॉर्म (सुधार) संभव नहीं हैं। यह बयान केवल सरकार को खुश करने के लिये है। जिस प्रकार लोकतंत्र की आड़ में केंद्र सरकार ने सभी संवैधानिक प्रक्रियाओं को ताक पर रख कर विभिन्न कानून पास किये हैं।’’

गहलोत के अनुसार, ‘‘भारत में उदारीकरण और उसके बाद आर्थिक सुधार मनमोहन सिंह के वित्त मंत्री व प्रधानमंत्री रहते समय हुये थे जिनकी बुनियाद पर देश की अर्थव्यवस्था टिकी है। लेकिन तब ना ही लोग सड़कों पर आये और ना ही किसी ने ठगा हुआ महसूस किया। अब ऐसा क्या कारण है कि लोगों को सड़कों पर उतरकर भारत बंद का ऐलान करना पड़ा।’’

उल्‍लेखनीय है कि नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने मंगलवार को कहा कि भारत में ‘कुछ ज्यादा ही लोकतंत्र है’ जिसके कारण यहां कड़े सुधारों को लागू करना कठिन होता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देश को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिये और बड़े सुधारों की जरूरत है।

स्वराज्य पत्रिका के कार्यक्रम को वीडियो कांफ्रेन्स के जरिये संबोधित करते हुए कांत ने कहा कि पहली बार केंद्र ने खनन, कोयला, श्रम, कृषि समेत विभिन्न क्षेत्रों में कड़े सुधारों को आगे बढ़ाया है। अब राज्यों को सुधारों के अगले चरण को आगे बढ़ाना चाहिए।

गहलोत ने एक और ट्वीट में कहा, ‘‘ध्रुवीकरण की राजनीति करने वाले ये लोग धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा दे रहे हैं। यह आने वाली पीढ़ियों के लिये खतरनाक है और वह इसके लिए कभी माफ नहीं करेंगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज कोई भी मोदी सरकार के खिलाफ आवाज उठाता है तो उसे देश विरोधी करार दिया जाता है। इनको समझना चाहिये कि सरकार के खिलाफ आवाज उठाना, अपने अधिकार मांगना देशद्रोह नहीं लोकतंत्र में सच्ची श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है।

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Web Title: Under the guise of democracy, the central government has made laws keeping the constitutional procedures under control: Gehlot

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