रामदेव के बयान से आहत उमा भारती ने दिया 3 पन्ने का जवाब, योग गुरु बोले- हम भाई-बहन हैं
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: July 2, 2018 05:04 PM2018-07-02T17:04:19+5:302018-07-02T17:04:19+5:30
गौरतलब है कि लंदन में एक टीवी चैनल से बातचीत में योगगुरू रामदेव ने गंगा स्वच्छता कार्यक्रम के संदर्भ में एक सवाल के जवाब में कहा था कि उमा जी की फाइल ऑफिस में अटक जाती है जबकि गडकरी जी की फाइल नहीं अटकती।
नई दिल्ली, 2 जुलाई: गंगा सफाई कार्यक्रम को लेकर बाबा रामदेव द्वारा नितिन गडकरी से तुलना किये जाने की खबर से आहत केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने योग गुरू को पत्र लिखकर कहा है कि उनके मुंह से निकला ऐसा कोई भी जुमला उन्हें (उमा भारती) हानि पहुंचा सकता है।
बाबा रामदेव को लिखे पत्र में उमा भारती ने कहा कि मुझे आपके द्वारा गंगा की विवेचना करते समय दो मंत्रियों की तुलना करना अजीब लगा। मैं स्वयं भी नितिन गडकरी जी की प्रशंसक हूं।
उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया के सामने लंदन से किसी टीवी चैनल पर मेरे बारे में चर्चा करते समय शायद यह आपको ध्यान नहीं रहा कि आप मुझे निजी तौर पर आहत और मेरे आत्मसम्मान पर आघात कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आठ साल की उम्र से अभी तक इन 50 सालों में घोर परिश्रम, विचारनिष्ठा और राष्ट्रवाद मेरी शक्ति हैं और इसी विश्ववसनीयता ने राजनीति में मुझे उचित स्थान दिलाया है।
उन्होंने कहा कि आप मेरे मार्गदर्शक रहे हैं। अक्तूबर महीने में गंगोत्री से गंगासागर तक लाखों लोग गंगा के किनारे स्वच्छता और वृक्षारोपण कार्यक्रम में भागीदारी करेंगे। मैं आपसे और सभी संतों से इसके लिए निवेदन करती हूं।
गौरतलब है कि लंदन में एक टीवी चैनल से बातचीत में योगगुरू रामदेव ने गंगा स्वच्छता कार्यक्रम के संदर्भ में एक सवाल के जवाब में कहा था कि उमा जी की फाइल ऑफिस में अटक जाती है जबकि गडकरी जी की फाइल नहीं अटकती। उन्होंने कहा था कि देश में सबसे ज्यादा किसी मंत्री का काम दिखता है तो वह नितिन गडकरी का है।
पूज्य @umasribharti जी के साथ मेरा आध्यात्मिक भाई-बहन का संबंध है। उनके सम्मान को आहत करने की मेरी कोई मंशा नहीं थी। मेरा मकसद गंगा की कार्ययोजना पर उन्हें आ रही प्रारम्भिक व प्रशासनिक कठिनाइयों की ओर इशारा करना भर था। उनकी गंगा-निष्ठा, धर्म-निष्ठा और राष्ट्र-निष्ठा प्रशंसनीय है pic.twitter.com/k88ilS6Y6l
— Swami Ramdev (@yogrishiramdev) July 1, 2018
हालांकि उमा भारती के पत्र के बाद रामदेव का भी बयान आया है। उन्होंने एक ट्वीट किया है और अपने बयान पर स्पष्टीकरण दिया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है, ''पूज्य उमा भारती जी के साथ मेरा आध्यात्मिक भाई-बहन का संबंध है। उनके सम्मान को आहत करने की मेरी कोई मंशा नहीं थी। मेरा मकसद गंगा की कार्ययोजना पर उन्हें आ रही प्रारम्भिक व प्रशासनिक कठिनाइयों की ओर इशारा करना भर था। उनकी गंगा-निष्ठा, धर्म-निष्ठा और राष्ट्र-निष्ठा प्रशंसनीय है।''
(भाषा इनपुट)
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