शिक्षण संस्थानों को यूजीसी का निर्देश- 31 अक्टूबर तक वापस की जाए रद्द दाखिलों की पूरी फीस
By मनाली रस्तोगी | Published: August 3, 2022 04:54 PM2022-08-03T16:54:46+5:302022-08-03T16:55:36+5:30
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने उच्च शिक्षण संस्थानों को कोविड-19 महामारी अवधि के दौरान लिए गए सभी छात्रों के लिए मेस शुल्क और छात्रावास शुल्क को समायोजित करने या आगे बढ़ाने के लिए भी कहा है।
नई दिल्ली: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने मंगलवार को देश के सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों को निर्देश दिया कि यदि कोई छात्र 31 अक्टूबर से पहले प्रवेश रद्द करना चाहता है तो शुल्क के लिए भुगतान की गई सभी राशि, बिना रद्द शुल्क के वापस कर दी जाए। आयोग ने कहा कि सभी शुल्क 31 अक्टूबर तक वापस किए जाने चाहिए।
आयोग ने कहा कि उसके बाद 31 दिसंबर तक एक हजार रुपए तक की कैंसिलेशन फीस काटकर पूरी फीस वापस कर दी जाए। यूजीसी का कहना है कि यह 2022-23 शैक्षणिक सत्र के लिए एक विशेष मामले के रूप में कोविड-19 महामारी संबंधी कारकों को देखते हुए किया गया है। यूजीसी ने 16 जुलाई 2021 को जारी परीक्षा और शैक्षणिक कैलेंडर पर अपने दिशानिर्देशों में शैक्षणिक सत्र 2021-2022 के दौरान छात्रों के प्रवेश / प्रवास को रद्द करने के कारण शुल्क की वापसी का प्रावधान निर्धारित किया था।
जुलाई 2022 में आयोग ने उच्च शिक्षण संस्थानों को सीबीएसई कक्षा 12 के परिणाम के बाद स्नातक प्रवेश की समय सीमा निर्धारित करने के लिए कहा था। यूजीसी द्वारा जारी नोटिफिकेशन में कहा गया, "सीयूईटी, जेईई मेन, जेईई एडवांस आदि सहित कई प्रवेश परीक्षाओं में देरी हुई है, जिसके कारण अक्टूबर, 2022 तक प्रवेश जारी रह सकते हैं।"
नोटिफिकेशन में कहा गया, "माता-पिता को होने वाली वित्तीय कठिनाइयों से बचने के लिए यूजीसी द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि शैक्षणिक सत्र 2022-2023 के लिए एक विशेष मामले के रूप में 31 अक्टूबर 2022 तक छात्रों के सभी प्रवेश / प्रवास के सभी रद्दीकरण / प्रवास के कारण उच्च शिक्षण संस्थानों द्वारा फीस की पूरी वापसी की जानी चाहिए। इसके बाद 31 दिसंबर 2022 तक प्रवेश रद्द/वापस लेने पर, एक छात्र से एकत्र किया गया पूरा शुल्क प्रसंस्करण शुल्क के रूप में 1000 रुपये से अधिक की कटौती के बाद पूरी तरह से वापस किया जाना चाहिए।"